जयपुर. प्रदेश में लगातार पक्षियों की मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. बर्ड फ्लू से ज्यादातर कौओं की मौत हो रही है. पूरे प्रदेश में सोमवार को एक दिन में 371 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 262 कौए, 19 मोर, 34 कबूतर और 56 अन्य पक्षी शामिल हैं. अब तक 3321 पक्षियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 2551 कौए, 189 मोर, 190 कबूतर और 391 अन्य पक्षियों की मौत हुई है.
राजस्थान में करीब 15 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में 25 जिलों से 235 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. 11 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 15 जिलों में 57 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. झालावाड़ से पोल्ट्री से भेजी गई सैंपल रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हुई है. इसके अलावा सीकर, भीलवाड़ा और चूरू से मृत पक्षियों के भेजे गए सैंपल नेगेटिव पाए गए हैं.
टोंक जिले और करौली से मृत पक्षियों के सैंपल पॉजिटिव पाए गए हैं. जयपुर में एक दिन में ही 56 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 43 कौए, 01 कबूतर, 4 मुर्गी और 8 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर चिड़ियाघर में 4 पक्षी मृत मिले हैं. जयपुर में अब तक 564 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 511 कौए शामिल हैं.
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 56, अलवर में 04, दौसा में 01, झुंझुनू में 06, सीकर में 07, भीलवाड़ा में 02, नागौर में 06, कुचामन सिटी में 01, टोंक में 04, भरतपुर में 9, करौली में 01, सवाई माधोपुर में 7, चूरू में 4, हनुमानगढ़ में 07, श्रीगंगानगर में 9, जोधपुर में 09, बाड़मेर में 64, जैसलमेर में 07, जालौर में 06, पाली में 10, सिरोही में 04, कोटा में 47, बारां में 27, बूंदी में 08, झालावाड़ में 42, बांसवाड़ा में 02, चित्तौड़गढ़ में 18 पक्षियों की मौत हुई है.
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जयपुर चिड़ियाघर में पक्षियों की मौत होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. चिड़ियाघर के अंदर पहली बार 4 पक्षियों की मौत हुई है. बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए वन विभाग ने जांच के लिए सैंपल भोपाल भेजे हैं. जांच रिपोर्ट आने तक चिड़ियाघर को एहतियातन बंद कर दिया गया है. इसी तरह प्रदेश के सभी चिड़िया घरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं.
पशुपालन विभाग, वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मारने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.