जयपुर. प्रदेश में बर्ड फ्लू के चलते पक्षियों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. पूरे प्रदेश में मंगलवार को एक दिन में 219 पक्षियों की मौत हुई है. जिनमें 164 कौए, 09 मोर, 24 कबूतर और 22 अन्य पक्षी शामिल हैं. प्रदेश में अब तक 5,759 पक्षियों की मौत हो चुकी है. जिनमें 4079 कौए, 302 मोर, 456 कबूतर और 922 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. बर्ड फ्लू से ज्यादातर कौओं की मौत हो रही है.
19 जनवरी को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार 17 जिलों में 67 नमूने पॉजिटिव पाए गए हैं. राजस्थान में करीब 17 जिले बर्ड फ्लू से प्रभावित हुए हैं. प्रदेश में 27 जिलों से 267 सैंपल जांच के लिए भोपाल लैब में भेजे जा चुके हैं. जयपुर में एक दिन में ही 73 पक्षियों की मौत हुई है, जिनमें से 67 कौए, 4 कबूतर और 2 अन्य पक्षियों की मौत हुई है. जयपुर में अब तक 1,201 पक्षियों की मौत हो चुकी है, जिनमें 1,043 कौए, 9 मोर, 74 कबूतर, 4 मुर्गी और 71 अन्य पक्षी शामिल हैं.
जयपुर चिड़ियाघर में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद वन विभाग ने विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं. साथ ही जू में हाइपोक्लोराइट सोडियम का छिड़काव भी किया जा रहा है और पर्यटकों के लिए चिड़ियाघर को बंद भी किया गया है. इसके साथ ही वन कर्मियों को भी पीपीई किट पहनकर पक्षियों की देखरेख करने के लिए निर्देशित किया गया है.
पूरे प्रदेश की बात की जाए तो आज जयपुर में 73, अलवर में 0, दौसा में 03, झुंझुनू में 06, सीकर में 0, अजमेर में 0, भीलवाड़ा में 02, नागौर में 01, कुचामन सिटी में 03, टोंक में 09, भरतपुर में 05, धौलपुर में 0, करौली में 0, सवाई माधोपुर में 02, बीकानेर में 0, हनुमानगढ़ में 12, श्रीगंगानगर में 0, जोधपुर में 25, बाड़मेर में 03, जैसलमेर में 0, जालौर में 01, पाली में 02, कोटा में 29, बारां में 02, बूंदी में 14, झालावाड़ में 3, बांसवाड़ा में 0, चित्तौड़गढ़ में 22, डूंगरपुर में 01, प्रतापगढ़ में 02 पक्षियों की मौत हुई है. प्रदेश के सभी चिड़ियाघरों में विशेष निगरानी और सतर्कता बरती जा रही है. मृत पक्षियों के डिस्पोजल और सैंपल कलेक्शन के दौरान पूर्ण सावधानी बरती के भी निर्देश दिए गए हैं. जयपुर चिड़ियाघर में बीमार मिले पेलिकन पक्षी की भी मौत हो चुकी है.
पशुपालन विभाग वन विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ाई गई है. पोल्ट्री फार्म पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. सबसे पहले झालावाड़ में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी. 25 दिसंबर को पहली बार झालावाड़ में कौए के मरने की सूचना मिली थी. जिसके बाद 27 दिसंबर को मरने के कारणों की जांच के लिए सैंपल भोपाल में भेजे गए. जहां बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई. इसके बाद लगातार प्रदेश में कौओं के मरने के मामले सामने आ रहे हैं.