जयपुर. रूफटॉप सोलर में राजस्थान अब दूसरे पायदान पर आ गया है. केन्द्र सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार रूफटॉप सोलर योजना के लक्ष्यों (Target for Rajasthan in rooftop solar scheme) के विरुद्ध क्रियान्वयन में गुजरात के बाद राजस्थान दूसरे नंबर पर आ गया है. 10 गीगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित कर राजस्थान सौर ऊर्जा में पहले से ही पहले पायदान पर है.
ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करने पर पहले स्थान पर आने के बाद रूफटॉप सोलर में भी लक्ष्यों के विरुद्ध क्रियान्वयन में समूचे देश में दूसरे स्थान पर आने को बड़ी उपलब्धि बताया. उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान योजनाबद्ध तरीके से आगे बढ़ रहा है. उन्होंने इस उपलब्धि पर अधिकारियों, कार्मिकों और प्रदेशवासियों को बधाई दी. अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि रूफटॉप सोलर में प्रदेश में 748 मेगावाट क्षमता विकसित की जा चुकी है. राज्य में अक्षय ऊर्जा निगम द्वारा योजनाबद्ध तरीके से रूफटॉप सोलर योजना का क्रियान्वयन किया गया है और प्रदेशवासियों ने इस योजना के प्रति रुचि दिखाई है.
राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम में प्रजेटेंशन के माध्यम से बताया गया कि केन्द्र सरकार रूफटॉप सोलर योजना को और अधिक सरल बनाने जा रही है. इसके लिए अब स्टेट पोर्टल के स्थान पर नेशनल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करवाया जा सकेगा. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही नई सरलीकृत व्यवस्था के तहत लाभार्थी सरकार के एंपेनल्ड वेंडर या स्वयं अपनी पसंद का सिस्टम लगाने को स्वतंत्र होंगे. रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाने पर आने वाले व्यय को आरंभ में लाभार्थी को स्वयं वहन करना होगा और फिर अनुदान राशि सीधे लाभार्थी को जारी की जाएगी. लाभार्थी पर किसी तर की मैक विशेष का सिस्टम या वेंडर विशेष से ही सिस्टम लगाने की बाध्यता नहीं होगी. डॉ. अग्रवाल ने बताया कि बंजर भूमि पर सोलर सिस्टम लगाने की कुसुम योजना के क्रियान्वयन में राजस्थान अग्रणी प्रदेश बना हुआ है.