जयपुर. प्रदेश में चल रहे सियासी घमासान के बीच आखिरकार आगामी 14 अगस्त से विधानसभा का सत्र शुरू किए जाने का निर्णय ले लिया गया है. गहलोत मंत्रिमंडल के प्रस्ताव को राज्यपाल कलराज मिश्र ने स्वीकृति दे दी है. साथ ही राज्यपाल ने राजस्थान विधानसभा के सत्र के दौरान कोविड-19 से बचाव के लिए आवश्यक प्रबंध किए जाने के निर्देश भी मौखिक रूप से दिया है.
इस सियासी घमासान के दौरान राजभवन और सरकार के बीच चल रहे टकराव का अंत राज्यपाल की मंशा के अनुरूप ही हुआ. राज्यपाल ने 21 दिन के सामान्य नोटिस पर सत्र आहूत करने को लेकर सुझाव दिया था और गहलोत सरकार द्वारा इस संबंध में दिए गए प्रस्ताव को मानते हुए राज्यपाल ने से स्वीकृति दी. हालांकि इससे पहले प्रदेश सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर तीन बार पत्रावली राजभवन पहुंचाई, लेकिन पहली बार 6 बिंदुओं पर सरकार की ओर से जवाब मांगते हुए पत्रावली लौटा दी गई. वहीं दूसरी बार तीन बिंदुओं पर सरकार से जवाब मांगते हुए पत्रावली लौटाई गई.
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तीसरी बार फिर 31 जुलाई को विधानसभा सत्र आहूत करने को लेकर भेजी गई सरकार की पत्रावली को राजभवन ने बुधवार को वापस लौटा दिया. तीनों ही पत्रावली में सरकार मंत्रिमंडल के विधानसभा सत्र बुलाए जाने के मंत्रिमंडल की सलाह मानने के लिए राज्यपाल को बाध्य होना बताया था, लेकिन राज्यपाल ने अनुच्छेद 174 का जिक्र करते हुए इन्हें सामान्य परिस्थितियों में ही मान्य बताया. जबकि विशेष परिस्थितियों में निर्णय लेने का अधिकार राज्यपाल का होना बताया गया. बता दें कि राजस्थान विधानसभा का पंचम सत्र आहूत करने के लिए पत्रावली सर्वप्रथम 23 जुलाई को रात्रि 7:30 बजे राजभवन को प्राप्त हुई थी.