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Rajasthan Assembly Session : सदन में उठे जवाबदेही कानून लागू करने व थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर समेत ये मुद्दें...

राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को विधायकों ने जवाबदेही कानून लागू करने व थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर नीति बनाने समेत स्थगन और विशेष उल्लेख प्रस्ताव के तहत अपने-अपने क्षेत्र और राजस्थान के ज्वलंत मुद्दों को उठाया.

Rajasthan Assembly Session
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Published : Sep 23, 2022, 4:30 PM IST

Updated : Sep 23, 2022, 5:28 PM IST

जयपुर. सदन में शून्यकाल के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन के जरिए राजस्थान में जवाबदेही कानून का मुद्दा उठाया. राठौड़ ने कहा कि (Rajendra Rathore on Gehlot Government) राजस्थान में 100 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों ने 20 जनवरी 2021 से लेकर 6 जनवरी 2022 तक 24 किलोमीटर की यात्रा निकाली थी. साथ ही हाल ही में बुद्धिजीवियों ने जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर भी इस मांग को लेकर धरना दिया.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह कानून लागू करने का वादा किया था और सरकार के पहले बजट में भी इसकी घोषणा की गई थी. राठौड़ ने कहा कि साल 2022-23 के बजट में भी इसकी घोषणा की गई, लेकिन तीन बार घोषणा करने के बाद भी सरकार ने इसे लागू नहीं किया. राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने ही राजस्थान ग्रांटेड सर्विस एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट (Rajasthan Granted Service and Accountability Act) लागू करने का वादा किया था. इसके लिए साल 2019 में रामलुभाया कमेटी भी बनाई, जिसने फरवरी 2020 में अपनी रिपोर्ट दे दी. लेकिन अब तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. राठौड़ ने कहा कि मैं भी प्रस्तावित करता हूं, सरकार जल्द से जल्द इसे लागू करे.

किसने क्या कहा, सुनिए...

थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर नीति बनाए सरकार : वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल ने सदन में इस तरह प्रस्ताव के जरिए थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर नीति बनाए जाने की मांग उठाई. बेनीवाल ने कहा कि हाल ही में सरकार ने शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में तबादले किए, लेकिन थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले पर अब तक प्रतिबंध लगा हुआ है. उनके अनुसार किसी भी कर्मचारी को मानसिक शांति और नौकरी की स्थाई सुरक्षा की गारंटी मिले तो वह कार्य में काफी अच्छे ढंग से काम करता है. लेकिन शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड टीचर कई सालों से अपने गृह जिले से दूर हैं. कई बार सरकार ने ट्रांसफर नीति बनाए जाने के नाम पर सुझाव भी लिए, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ जिससे हजारों थर्ड ग्रेड टीचर और उनके परिजन परेशान है. आरएलपी विधायक ने सरकार से थर्ड ग्रेड टीचरों के ट्रांसफर के लिए स्थाई नीति बनाए जाने की मांग की.

सदन में उठा पानी की समस्या का मामला : सदन में पेयजल की समस्या का मामला भी उठा. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा, अलवर से विधायक संजय शर्मा और कांग्रेस विधायक जेपी चंदेलिया ने शून्यकाल में ही यह मामला उठाया. शर्मा ने कहा कि चौमूं विधानसभा क्षेत्र में पहले सुबह और शाम पेयजल की सप्लाई होती थी, लेकिन अब एक समय पेयजल की सप्लाई होती है, वो भी महज 10 से 15 मिनट के लिए. शर्मा ने कहा कि चौमूं में 40 फीसदी इलाके में पेयजल की लाइन ही नहीं है. वहीं, ऐसे कई कस्बे हैं जहां जल जीवन मिशन के तहत कोई काम नहीं हुआ. रामलाल शर्मा ने चौमूं को बीसलपुर पेयजल लाइन से जोड़ने की मांग रखी.

पढ़ें : CM समर्थक MLA का दावाः अगला बजट गहलोत ही पेश करेंगे

शून्यकाल में ही फलोदी से विधायक पब्बाराम ने फलौदी को नया जिला बनाए जाने की मांग रखी. इसी तरह विधायक गोपीचंद मीणा ने जहाजपुर में अतिवृष्टि के कारण (Issue Raised in Rajasthan Assembly) हुए किसानों को नुकसान की जानकारी सदन में दी और आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग रखी.

जयपुर. सदन में शून्यकाल के दौरान प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने स्थगन के जरिए राजस्थान में जवाबदेही कानून का मुद्दा उठाया. राठौड़ ने कहा कि (Rajendra Rathore on Gehlot Government) राजस्थान में 100 से अधिक स्वयंसेवी संगठनों ने 20 जनवरी 2021 से लेकर 6 जनवरी 2022 तक 24 किलोमीटर की यात्रा निकाली थी. साथ ही हाल ही में बुद्धिजीवियों ने जयपुर के स्टेच्यू सर्किल पर भी इस मांग को लेकर धरना दिया.

राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में यह कानून लागू करने का वादा किया था और सरकार के पहले बजट में भी इसकी घोषणा की गई थी. राठौड़ ने कहा कि साल 2022-23 के बजट में भी इसकी घोषणा की गई, लेकिन तीन बार घोषणा करने के बाद भी सरकार ने इसे लागू नहीं किया. राठौड़ ने कहा कि गहलोत सरकार ने ही राजस्थान ग्रांटेड सर्विस एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट (Rajasthan Granted Service and Accountability Act) लागू करने का वादा किया था. इसके लिए साल 2019 में रामलुभाया कमेटी भी बनाई, जिसने फरवरी 2020 में अपनी रिपोर्ट दे दी. लेकिन अब तक इस पर कोई काम नहीं हुआ. राठौड़ ने कहा कि मैं भी प्रस्तावित करता हूं, सरकार जल्द से जल्द इसे लागू करे.

किसने क्या कहा, सुनिए...

थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर नीति बनाए सरकार : वहीं, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक नारायण बेनीवाल ने सदन में इस तरह प्रस्ताव के जरिए थर्ड ग्रेड टीचर ट्रांसफर नीति बनाए जाने की मांग उठाई. बेनीवाल ने कहा कि हाल ही में सरकार ने शिक्षा विभाग में हजारों की संख्या में तबादले किए, लेकिन थर्ड ग्रेड शिक्षकों के तबादले पर अब तक प्रतिबंध लगा हुआ है. उनके अनुसार किसी भी कर्मचारी को मानसिक शांति और नौकरी की स्थाई सुरक्षा की गारंटी मिले तो वह कार्य में काफी अच्छे ढंग से काम करता है. लेकिन शिक्षा विभाग में थर्ड ग्रेड टीचर कई सालों से अपने गृह जिले से दूर हैं. कई बार सरकार ने ट्रांसफर नीति बनाए जाने के नाम पर सुझाव भी लिए, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ जिससे हजारों थर्ड ग्रेड टीचर और उनके परिजन परेशान है. आरएलपी विधायक ने सरकार से थर्ड ग्रेड टीचरों के ट्रांसफर के लिए स्थाई नीति बनाए जाने की मांग की.

सदन में उठा पानी की समस्या का मामला : सदन में पेयजल की समस्या का मामला भी उठा. भाजपा विधायक रामलाल शर्मा, अलवर से विधायक संजय शर्मा और कांग्रेस विधायक जेपी चंदेलिया ने शून्यकाल में ही यह मामला उठाया. शर्मा ने कहा कि चौमूं विधानसभा क्षेत्र में पहले सुबह और शाम पेयजल की सप्लाई होती थी, लेकिन अब एक समय पेयजल की सप्लाई होती है, वो भी महज 10 से 15 मिनट के लिए. शर्मा ने कहा कि चौमूं में 40 फीसदी इलाके में पेयजल की लाइन ही नहीं है. वहीं, ऐसे कई कस्बे हैं जहां जल जीवन मिशन के तहत कोई काम नहीं हुआ. रामलाल शर्मा ने चौमूं को बीसलपुर पेयजल लाइन से जोड़ने की मांग रखी.

पढ़ें : CM समर्थक MLA का दावाः अगला बजट गहलोत ही पेश करेंगे

शून्यकाल में ही फलोदी से विधायक पब्बाराम ने फलौदी को नया जिला बनाए जाने की मांग रखी. इसी तरह विधायक गोपीचंद मीणा ने जहाजपुर में अतिवृष्टि के कारण (Issue Raised in Rajasthan Assembly) हुए किसानों को नुकसान की जानकारी सदन में दी और आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग रखी.

Last Updated : Sep 23, 2022, 5:28 PM IST
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