जयपुर. लेखानुदान मांगों पर बोलते हुए विधायक बिहारीलाल बिश्नोई ने रीट परीक्षा में अनियमितता का मामला उठाया और यह भी कह दिया कि हम तो इसकी सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार एसओजी के भरोसे है. उन्होंने कहा कि एसओजी अधिकारी बाड़मेर और जैसलमेर में खाक छान रहे हैं कभी बत्ती लाल मीणा पकड़ में आता है तो मीणा गैंग का नाम उछाला जाता है और भजनलाल बिश्नोई पकड़ में आता है तो बिश्नोई गैंग का नाम उछाला जाता है, लेकिन यदि इस मामले की सीबीआई जांच होगी तो...कहते हुए कुछ विवादित बोल बोल दिए. जिसे सभापति राजेंद्र पारीक ने अंकित न होने के निर्देश दिए.
इसका सदन में मौजूद भाजपा विधायकों ने हंगामा भी किया. बिश्नोई ने कहा कि (MLA Biharilal Bishnoi on REET Issue) सरकार ने रीट परीक्षा-2 तो रद्द कर दी, लेकिन रीट परीक्षा प्रथम की कट ऑफ लिस्ट 95 प्रतिशत तक पहुंच गई है. जिसके बाद अब नौजवानों को इसमें भी संदेह लग रहा है.
इन पुस्तकों पर भदेल ने उठाया सवाल : वहीं, लेखानुदान मांगों पर बोलते हुए भाजपा विधायक अनिता भदेल ने कक्षा 11 और 12 में अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाने वाली पुस्तक 'स्वर्णिम आजादी के बाद का स्वर्णिम भारत' पढ़ाई जाने पर आपत्ति जताई. उन्होंने कहा कि इसमें आजादी के बाद की चीजें नहीं दिखीं, बल्कि आधे से ज्यादा तेज आजादी के पहले के बारे में लिखा गया है.
लेकिन जो लिखा है वो इतिहास से मेल ही नहीं खाती, क्योंकि इसके जरिए कांग्रेस के आजादी के पहले के सभी कार्यकलाप लिखे हैं. लेकिन एक बात को गौण कर दिया वो है कांग्रेस की स्थापना किस उद्देश्य से की गई. पुस्तक में केवल (Anita Bhadel Alleged Congress in Assembly) पंडित नेहरू के व्यक्तित्व और कृतित्व पर ही समर्पित किया गया है व अन्य प्रधानमंत्रियों की जानकारी बिंदु मात्र है.
इन विधायकों ने राजस्थानी भाषा को मान्यता देने का किया समर्थन : सदन में लेखानुदान की मांगों पर बहस के दौरान भाजपा विधायक पब्बाराम विश्नोई जोगेश्वर गर्ग और माकपा विधायक बलवान पूनिया ने राजस्थानी भाषा को सरकारी मान्यता देते हुए राजभाषा घोषित करने की मांग की. वहीं, सदन में कांग्रेस विधायक अमित चाचण और गिर्राज खटाना ने जल्द ही नई तबादला नीति बनाए जाने की मांग रखी.
सूर्यकांता व्यास बोलीं- बीच में टोकना वरना भूल जाऊंगी : वहीं, सदन में अनुदान मांगों पर बहस के दौरान जब वरिष्ठ भाजपा विधायक सूर्यकांता व्यास बोलने के लिए खड़ी हुईं तो सबसे पहले सभापति राजेंद्र पारीक से आग्रह किया कि वे उन्हें बीच में ना टोकें वरना क्या बोलना है वो मैं भूल जाऊंगी. व्यास ने यह भी कहा कि वो पहले ही काफी कम बोलती है ऐसे में उन्हें बीच में ना टोका जाए.