जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने बजट बहस पर भाषण देते हुए कई बड़ी घोषणाएं की. इस दौरान गहलोत ने कहा कि हमने जो भी कुछ कहा है वह करके दिखाया है. गहलोत ने उपस्वास्थ्य केंद्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में क्रमोन्नत करने की घोषणा की. इसके साथ ही 200 राजकीय कॉलेजों में विज्ञान संकाय खोलने की घोषणा की. साथ ही साथ प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर स्किल डेवलप को लेकर सेंटर खोले जाएंगे. वहीं, 5000 नए डेयरी बूथों का आवंटन किया जाएगा, जबकि, डीग-कुम्हेर में खेल स्टेडियम खोलने की घोषणा की.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के क्षेत्र में
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं के आधारभूत ढांचे को मजबूत करने के लिए एलोपैथिक चिकित्सा संस्थान से वंचित-बांसड़ी कला व प्रेमसिंहपुरा (दांतारामगढ़)- सीकर सहित 784 ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर चरणबद्ध रूप से उप स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थापना की जायेगी.
दुहार, चौगान (थानागाजी), बीघोता (राजगढ़) चतरपुरा (बानूसर)- अलवर, संगतपुरा, मन्नीवाली ( सादुलशहर) - श्रीगंगानगर, घाटमीका (कामां)-भरतपुर, सिंघाना (डीडवाना)-नागौर, नैनों की ढाणी, नांदड़ी (मण्डोर), घंटियाली-जोधपुर, गोविंदपुरा (खंडेला)- सीकर चौरू (उनियारा)-टोंक, चांचोड़ी (सुमेरपुर)- पाली एवं मेहराना (भादरा)-हनुमानगढ़ के उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जायेगा. नाथद्वारा-राजसमंद में शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोला जायेगा.
जाणुन्दा, जावड़ (मारवाड़ जंक्शन)- पाली बाड़ी - जोड़ी (विराटनगर)-जयपुर, फरडौद (जायल) - नागौर, चाबा (शेरगढ़)-जोधपुर, तिगांवा (कोटकासिम)-अलवर खरैरी, (वैर)-भरतपुर तथा खुड़ी बड़ी (लक्ष्मणगढ़) - सीकर में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोले जायेंगे.
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जजावर (नैनवां)-बूंदी, भियाड़ (शिव), चवा- बाड़मेर, जलूथर (नगर), सिनसिनी-भरतपुर, बलारा (लक्ष्मणगढ़) - सीकर, मानपुर (सिकराय), आभानेरी (बांदीकुई), नांगल राजावतान-दौसा, केरू (लूणी) , तेना (शेरगढ़) - जोधपुर , 61 एफ ब्लॉक श्रीकरणपुर, बींझबायला ब्लॉक पदमपुर-श्रीगंगानगर, झिझिनियाली-जैसलमेर, रेनवाल मांझी व माधोराजपुरा- जयपुर, रेवतड़ा- जालोर व बडोदिया (बागीदौरा)-बांसवाड़ा के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जायेगा.
किशनपोल-जयपुर में सेटेलाइट अस्पताल बनाया जायेगा. लालसोट-दौसा, बस्सी, जमवारामगढ़ व फागी-जयपुर एवं लक्ष्मणगढ़-सीकर के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को उप जिला चिकित्सालयों में क्रमोन्नत किया जायेगा. उप जिला चिकित्सालय सलूंबर- उदयपुर को जिला चिकित्सालय में क्रमोन्नत किया जायेगा.
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, मनोहरपुर (शाहपुरा)- जयपुर में बेड क्षमता 50 से बढ़ाकर 75 व अरांई (किशनगढ़)-अजमेर में बेड क्षमता 30 से बढ़ाकर 50 तथा जिला चिकित्सालय धौलपुर की बेड क्षमता में 100 बेड की वृद्धि की जायेगी. बगड़िया अस्पताल (सुजानगढ़)-चूरू में आईसीयू विकसित किया जायेगा. कुम्हेर-भरतपुर में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना की जायेगी. जोधपुर के मथुरादास माथुर (MDM) अस्पताल में Trauma Centre की सुविधा बढ़ाने के लिए Neuro Surgery की एक और Unit तथा महात्मा गांधी अस्पताल में Ortho Spine Unit खोली जायेंगी.
शिक्षा के क्षेत्र में
कृषि संकाय की मांग को दृष्टिगत रखते हुए 600 राजकीय विद्यालयों में कृषि संकाय खोले जाने की घोषणा की है. इसी क्रम में, अब माननीय सदस्यों ने विज्ञान संकाय खोलने के लिए ज्ञापन दिये हैं, उनकी भावना के अनुरूप प्राथमिकता के आधार पर English Medium के 200 राजकीय विद्यालयों में विज्ञान संकाय खोले जाना प्रस्तावित है. राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, सेवा की ढाणी ( शाहपुरा) - जयपुर को माध्यमिक विद्यालय में क्रमोन्नत किया जायेगा.
उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने एवं आधारभूत सुविधायें विकसित करने के लिए विभिन्न महाविद्यालयों में सुदृढ़ीकरण एवं भवन निर्माण के लिए आगामी वर्ष में 100 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे. प्रदेश में उच्च शिक्षा में गुणवत्ता बढ़ाने एवं युवाओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा प्रदान करने की दृष्टि से मुख्य विषय के साथ-साथ अन्य विषयों के selected course का विकल्प लिए जाने की व्यवस्था आवश्यक है. जैसे किसी आर्किटेक्ट का कोर्स करने वाले अथवा Music में डिग्री करने वालों को इनसे संबंधित updated कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर का ज्ञान होना आवश्यक है. इसी प्रकार Artificial Intelligence पर काम करने वाले युवाओं को Behavioural Sciences का ज्ञान होना आवश्यक है. इस प्रकार mixed subjects के साथ में अध्ययन करने की व्यवस्था को Credit Based प्रणाली कहते हैं. आगामी वर्ष से चरणबद्ध रूप से प्रदेश में, उच्च शिक्षा में Credit Based प्रणाली लागू किया जाना प्रस्तावित है.
राज्य के Autonomous Engineering Colleges की शैक्षिक गुणवत्ता बनाये रखने की दृष्टि से भरतपुर, धौलपुर, करौली, झालावाड़ बारां व भीलवाड़ा Engineering Colleges को राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, कोटा तथा अजमेर, बीकानेर व महिला अजमेर Engineering Colleges को तकनीकी विश्वविद्यालय, बीकानेर का, बांसवाड़ा स्थित Engineering College को गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय बांसवाड़ा का एवं बाड़मेर Engineering College को प्रस्तावित MBM विश्वविद्यालय , जोधपुर का संघटक (constituent) कॉलेज बनाते हुए वित्तीय संसाधनों का प्रबंध सुनिश्चित किया जायेगा साथ ही, बाड़मेर Engineering College में पेट्रोलियम संकाय खोला जायेगा. डीडवाना-नागौर में कन्या महाविद्यालय खोला जायेगा.
खेल के क्षेत्र में
डीग व कुम्हेर-भरतपुर में खेल स्टेडियम बनाये जाने प्रस्तावित हैं.
कृषि के क्षेत्र में
किसानों को उनके द्वारा उत्पादित फल एवं सब्जियों का उचित मूल्य दिलाने, तत्काल मंडी उपलब्ध कराने तथा उपभोक्ता तक सीधी सप्लाई सुनिश्चित किये जाने के लिए किसान ई-मंडी की स्थापना की घोषणा. किसानों को जैविक पंजीकरण की सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, भरतपुर, बीकानेर व कोटा में Rajasthan State Seed & Organic Certification Agency के उपकेन्द्र खोले जायेंगे. साथ ही, एकल कृषकों को जैविक खेती प्रमाणीकरण शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट दिया जाना भी प्रस्तावित है.
मंडावा-झुंझुनू, भुसावर (वैर)-भरतपुर, चांदगोठी (सादुलपुर)- चूरू व बायतू-बाड़मेर में कृषि महाविद्यालय की स्थापना की जायेगी. बामनवास-सवाई माधोपुर, रैणी-अलवर में कृषि उपज मण्डी की स्थापना की जायेगी. साथ ही, खण्डार-सवाई माधोपुर में फल - सब्जी मण्डी खोली जायेगी.
पशुपालन के क्षेत्र में
600 पशु चिकित्सा उप-केन्द्रों में 3 करोड़ रुपये की लागत से आवश्यक आधारभूत सुविधायें उपलब्ध करवायी जायेंगी. जैसलमेर जिले में दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की स्थापना की जायेगी.
सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में
बेघर व्यक्तियों को स्वावलम्बी व आत्मनिर्भर बनाने एवं उनके पुनर्वास हेतु बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2021 लाई जायेगी. वाल्मिकी समाज के बच्चों एवं युवाओं को प्रगति के उचित अवसर उपलब्ध कराने की दृष्टि से शिक्षा एवं रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण दिलाये जाने के लिए 20 करोड़ रुपये राशि का वाल्मिकी कोष बनाये जाने की घोषणा. राजकीय छात्रावासों एवं आवासीय विद्यालयों प्रवेश हेतु छात्र-छात्राओं की पात्रता की सीमा बढ़ाकर, परिवार की वार्षिक आय 8 लाख रुपये तक की जायेगी, तथा जिनके माता-पिता राज्य सरकार के कर्मचारी, जो लेवल-11 तक का वेतन प्राप्त कर रहे हैं, को भी यह सुविधा उपलब्ध होगी.
अल्पसंख्यकों के लिए
प्रदेश के अल्पसंख्यक विद्यार्थियों को दी जाने वाली प्री-मैट्रिक, पोस्ट-मैट्रिक एवं Merit-cum-Means छात्रवृत्ति योजना से वंचित रहे, पात्र अभ्यर्थियों को भी छात्रवृत्ति दिया जाना प्रस्तावित है. राज्य के विद्यालयों, जिनमें कक्षा 6 से 8 में 10 से अधिक विद्यार्थी अल्पसंख्यक भाषा में अध्ययन के इच्छुक होंगे, उन विद्यालयों में अल्पसंख्यक तृतीय भाषा (संस्कृत/उर्दू/सिंधी/ गुजराती/पंजाबी ) के अतिरिक्त शिक्षक लगाये जायेंगे. नगर-भरतपुर में अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास एवं गडरारोड (शिव)-बाड़मेर में अल्पसंख्यक छात्रावास खोला जायेगा.
जनजाति क्षेत्रीय विकास के लिए
राजकीय विद्यालयों में सहरिया क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति, यूनीफॉर्म इत्यादि का सीधा लाभ देने के लिए डीबीटी के द्वारा कक्षा 1 से 5 तक वर्तमान में देय राशि को 3-4 गुणा बढ़ाकर 1 हजार रुपये व कक्षा 6 से 12 तक वर्तमान में देय राशि को बढ़ाकर 2 हजार 500 रुपये प्रतिवर्ष दिया जाना प्रस्तावित है. कुसुम योजना के अन्तर्गत TSP क्षेत्र में सोलर ऊर्जा से कृषि हेतु जनजाति समुदाय के कृषकों को बिना किसी हिस्सा राशि के (सम्पूर्ण खर्च सरकार द्वारा वहन करते हुए) सोलर कनेक्शन उपलब्ध करवाया जायेगा. वागड़ की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षण देने हेतु सागवाड़ा - डूंगरपुर में 5 करोड़ रुपये की लागत से वागड़ सांस्कृतिक केन्द्र का निर्माण करवाया जायेगा.
उद्योगों के लिए
खादी एवं ग्रामोद्योग को बढ़ावा देने के लिए आगामी वर्ष में 5500 कत्तिनों एवं 300 बुनकरों को प्रशिक्षण दिलाया जायेगा. साथ ही, प्रशिक्षण अवधि में कत्तिनों एवं बुनकरों को क्रमशः 300 एवं 500 रुपये प्रतिदिन स्टाईपेंड दिया जायेगा. इनमें से 500 कत्तिनों को अम्बर चखें तथा 300 बुनकरों को लूम वितरित किये जायेंगे. 10 हजार कत्तिनों एवं बुनकरों को इंदिरा गांधी क्रेडिट कार्ड योजना में ब्याज मुक्त ऋण की सुविधा दी जायेगी. Electronic एवं अन्य Toys तथा Sports Goods को विदेश से आयात करने के बजाय राज्य में ही बनाने की प्रबल संभावना है अतः इन क्षेत्रों को RIPS-2019 के Thrust Sector में सम्मिलित किया जायेगा.
RIPS-2019 के अंतर्गत Plug and Play Office Complex में निवेश को प्रोत्साहन देने के लिए पात्र निवेश को 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड़ रुपये किया जायेगा. RIPS-2019 के अंतर्गत वर्तमान में पर्यटन एवं स्टार्ट-अप की MSME ईकाइयों को ही जिला स्तर पर आवेदन करने का प्रावधान है. अब यह सुविधा समस्त Service Sector की MSME ईकाइयों को दी जायेगी.
राजस्थान अल्पसंख्यक वित्त एवं विकास सहकारी निगम को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने हेतु वर्ष 2013-14 से पूर्व के ऋणों के लिए एमनेस्टी योजना लायी जायेगी, जिसमें ऋणों के एकमुश्त भुगतान पर दण्डनीय ब्याज व सामान्य ब्याज माफी के साथ मूल राशि पर भी छूट दी जायेगी. इसी क्रम में निगम को 20 करोड़ रुपये का एकमुश्त अनुदान भी दिया जायेगा. साथ ही, SC, ST, OBC, Minority Corporations को सुदृढ़ किया जायेगा.
तूंगा (बस्सी)-जयपुर, जावाल-सिरोही एवं खेड़ली (कठूमर) अलवर में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जायेंगे. Bhiwadi Industrial क्षेत्र एवं Marwar Industrial एरिया के अनुरूप औद्योगिकीकरण की संभावनाओं को देखते हुए, जयपुर- बस्सी - दौसा के मध्य उचित जगह पर दिल्ली-मुम्बई Express Way के निकट रीको द्वारा नया औद्योगिक क्षेत्र विकसित किया जायेगा. जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा.
श्रम एवं रोजगार के लिए
प्रदेश के हर जिला मुख्यालय पर स्किल टेस्टिंग व करियर काउंसलिंग सेंटर्स स्थापित किये जायेंगे. जिससे उद्योगों की मांग के अनुरूप trained एवं skilled manpower उपलब्ध हो सकेंगे.
नगरीय विकास एवं स्थानीय निकाय
राज्य की प्रत्येक नगरपालिका में एक, नगर परिषद में 3 एवं नगर निगम में 5 open जिम स्थानीय पार्कों में स्थापित किये जायेंगे. इस पर लगभग 15 करोड़ रुपये का व्यय होना संभावित है. कोविड में लॉकडाउन के कारण वर्ष 2020-21 में आर्थिक सामाजिक गतिविधियां बाधित हुई हैं. इस कारण वर्ष 2020-21 के लिए घोषित 5 हजार डेयरी बूथों में से लगभग 1 हजार 500 बूथ ही स्थापित हो पाये हैं. इस कार्य को आगामी वर्ष में पूर्ण करते हुए और आगे ले जायेंगे. इस प्रकार, आगामी वर्ष में 5 हजार डेयरी बूथों का आवंटन सुनिश्चित किया जायेगा.
जयपुर के चारदीवारी क्षेत्र में सीवर लाइन व अन्य कार्यों हेतु 50 करोड़ रुपये व्यय किये जायेंगे. सांगोद-कोटा में 2 करोड़ रुपये की लागत से River Front विकसित किया जायेगा. फतेहपुर-सीकर में सिटी नेचर पार्क का निर्माण करवाया जायेगा.
पेयजल/भूजल के लिए
बागीदौरा-बांसवाड़ा में झैर और जीवाखूटा एनिकट से पेयजल हेतु 2 करोड़ रुपये की लागत से डीपीआर तैयार करवायी जायेगी. साथ ही, हरिदेव जोशी केनाल में नवीन साईफन का निर्माण करवाया जायेगा. भादरा के 14, नोहर के 14 तथा तारानगर के 2 गांव, जो वर्तमान में बारानी हैं, इनको सिद्धमुख नहर व साहवा लिफ्ट कैनाल से सिंचित कर नहरी क्षेत्र में परिवर्तित करने की डीपीआर बनाने की घोषणा की गयी थी. यद्यपि इस क्षेत्र के लिए कैनाल से पानी उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त Water Allowance नहीं इंगित किया गया है, किन्तु क्षेत्र की समस्या को देखते हुए पुनः Feasibility Report बनाया जाना प्रस्तावित है.
सुरपुरा बांध-जोधपुर के डूब क्षेत्र में अधिक वर्षा से फसलों को होने वाले नुकसान की रोकथाम के लिए 21 करोड़ रुपये की लागत से चैनल निर्माण करवाया जाना प्रस्तावित है. देवास तृतीय एवं चतुर्थ से उदयपुर शहर में पेयजल तथा मानसी वॉकल तृतीय एवं चतुर्थ से उदयपुर शहर एवं सिरोही जिले को पेयजल हेतु एवं जवाई बांध के पुनर्भरण हेतु Feasibility Report बनायी जायेगी. जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के नेछवा (लक्ष्मणगढ़) - सीकर में A.En. office एवं कामां-भरतपुर में Ex.En. office खोले जायेंगे.
सार्वजनिक निर्माण के लिए
प्रदेश में विभिन्न सड़कों के निर्माण, रिपेयर व डामरीकरण के कार्य करवाये जायेंगे. समद का पार, गोरालिया फांटा से खड़ीन तक (शिव)-बाड़मेर की 30 किलोमीटर तक की सड़क का मेजर रिपेयर कार्य करवाया जायेगा.
टोडाभीम-करौली में 15 करोड़ रुपये की लागत से बाईपास बनाया जायेगा. बस्सी-जयपुर क्षेत्र के अंतर्गत राज्यमार्ग संख्या 2 (दौसा-तूंगा-चाकसू से नागौर) के 19 किलोमीटर रोड का सुदृढ़ीकरण एवं चौड़ाईकरण किया जायेगा.
खजूरी (बिछीवाड़ा)-डूंगरपुर में रतनपुर से माखरेड़ा सड़क पर पुलिया मरम्मत तथा मालमाथा कालकी माता से काला पाणा गुजरात सीमा तक सड़क निर्माण कार्य करवाये जायेंगे. बैलवा राणा जी से सिद्धों का थान, बम्बोर से चांमू (शेरगढ़)-जोधपुर तक की सड़क का डामरीकरण किया जायेगा. बांसवाड़ा के कुशलगढ़ क्षेत्र में सम्पर्क सड़क टाडावडला से उंकाला, कलिंजरा से वलुंडा वसुनी सीमा तक व मुंदडी हमीरपुरा से सुरजकुण्ड तक डामरीकरण, सड़क का निर्माण कार्य तथा सम्पर्क सड़क चनावल का कार्य करवाया जाएगा.