जयपुर. प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार चौथा बजट पेश करने जा रही है. 9 फरवरी से शुरु होने वाले विधानसभा के बजट सत्र को लेकर तैयारियां भी लगभग पूरी हो चुकी हैं. बजट को अंतिम रूप दिया जा रहा है. सूत्रों की मानें तो इस बार सदन में एक दर्जन से ज्यादा बिल पेश किए जाएंगे. जिसमे कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम बिल और नकल विरोधी कानून जैसे महत्वपूर्ण बिल शामिल हैं.
यह आएंगे महत्वपूर्ण बिल -
नकल और पेपर लीक विरोधी कानून: इस विधानसभा सत्र में सरकार नकल और पेपर लीक मामलों को रोकने के लिए नकल विरोधी कानून में कड़े प्रावधान करेगी. इसके जरिए लाखों अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी जाएगी. माना यह जा रहा है कि इस कानून के बाद पेपर लीक में कोई कर्मचारी शामिल होगा, तो उस पर कड़े प्रावधान लागू होंगे, जिसमें नौकरी से बर्खास्तगी तक शामिल है. इसी तरह से नकल और पेपर लीक में कोई बाहरी व्यक्ति शामिल होगा तो उसमें सजा के प्रावधान कड़े किए जाएंगे.
कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम बिल: गहलोत सरकार संगठित अपराधों पर प्रभावी रोकथाम के लिए इस सत्र में राजस्थान कंट्रोल ऑफ टेररिज्म एंड ऑर्गनाइज्ड क्राइम बिल लाने की तैयारी में है. इस सख्त कानून से ड्रग्स और मादक पदार्थों की तस्करी सहित अन्य गंभीर अपराधों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई संभव हो सकेगी.
ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए कानून: प्रदेश में होने वाली ऑनलाइन ठगी रोकने के लिए प्रदेश की गहलोत सरकार इस बार विधानसभा सत्र में ऑनलाइन ठगी कानून लाने की तैयारी (Online fraud prevention bill) में है. इस कानून के तहत साइबर क्राइम करने वालों के खिलाफ सख्त कानून बनाने की तैयारी की जा रही है. हालांकि इस बिल में कुछ और जोड़ने के लिए प्रस्ताव को गृह विभाग को भेजा गया है. सूत्रों की मानें तो गृह विभाग अगले दो-तीन दिन में अपने सुझाव के साथ इस बिल को अंतिम रूप देगा.
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राइट टू हेल्थ कानून: प्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए राज्य की गहलोत सरकार राइट टू हेल्थ बिल (Right to health bill in Budget Session 2022) लेकर आ रही है. राइट टू हेल्थ बिल का मसौदा सरकार ने तैयार कर लिया है. बजट सत्र में अगर राइट टू हेल्थ बिल पास हो जाता है तो देश भर में राजस्थान ऐसा पहला राज्य होगा जहां पर राइट टू हेल्थ का कानून बनेगा. इस कानून के तहत समाज के हर तबके को निजी और सरकारी अस्पतालों में बेहतर इलाज मिल सकेगा. बताया जाता है कि इस कानून के लागू होने के बाद न केवल रोगियों बल्कि उनके अटेंडेंट को भी अधिकार मिलेंगे.
जवाबदेही कानून: विधानसभा सत्र में प्रदेश की गहलोत सरकार जवाबदेही कानून ला सकती है. इस जवाबदेही कानून की घोषणा कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र और सीएम गहलोत ने बजट भाषण में की थी. हालांकि यह कानून पिछली विधानसभा में भी लाने की तैयारी थी, लेकिन अफसरशाही के न चाहने की वजह से यह बिल नहीं लाया गया था. सामाजिक संगठन इस बिल को लाने को लेकर लगातार सरकार पर दबाव बना रहे हैं. इस बार यह माना जा रहा है कि सरकार इस बिल को पेश करेगी.
प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार के इस कदम से आमजन को काफी राहत मिलने की उम्मीद है. इस कानून के जरिए सरकारी मशीनरी की मनमानी वाले रवैये पर शिकंजा कसा जा सकेगा. कानून के तहत प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी की जवाबदेही तय होगी. इस बिल के तहत सरकारी तंत्र को आमजन की किसी भी शिकायत का समाधान निर्धारित अवधि में पूरा करना होगा. इस कानून के जरिए आमजन को रोजमर्रा के जिन कार्यों में परेशानियों का सामना करना पड़ता है, उनसे निजात मिलने की उम्मीद है. इस कानून का मुख्य उद्देश्य जनता को गुड गर्वेनेंस देना है.