जयपुर. राजस्थान में 15 वीं विधानसभा का सातवा सत्र (बजट सत्र) सोमवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित (Rajasthan Assembly adjourned indefinitely) हो गया. विधानसभा में लंबे समय बाद किसी वार्षिक प्रतिवेदन पर चर्चा हुई. आईजीएनपी के वार्षिक प्रतिवेदन पर चर्चा के पहले स्पीकर सीपी जोशी ने सभी मंत्रियों को इस बारे में पाबंद किया कि वह अपने विभाग के सचिवों को पाबन्द करें कि वार्षिक प्रतिवेदन हर साल रखें, न कि 2 या 3 साल में एक बार. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वार्षिक प्रतिवेदन पर उसी वर्ष के बारे में चर्चा होनी चाहिए. स्पीकर सीपी जोशी ने बजट सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने पर कहा कि 9 फरवरी से 28 मार्च तक कुल 25 बैठकें, सातवें सत्र में हुई हैं. जिनमें 171 घंटे और 19 मिनट विधानसभा की कार्यवाही चली है. स्पीकर ने कहा की विधानसभा के सत्र में कुल 8,336 प्रश्न प्राप्त हुए जिनमें से 3,785 तारांकित और 4,547 अतारांकित प्रश्न थे.
उन्होंने कहा कि इस बार 407 तारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए, जिनमें से 337 प्रश्न मौखिक रूप से पूछे गए और उनके उत्तर दिए गए. 498 अतारांकित प्रश्न सूचीबद्ध हुए और 7 बार सभी सूचीबद्ध तारांकित प्रश्नों को पुकारा गया. स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि इस बार सत्र में 351 स्थगन प्रस्तावों की सूचना मिली. इनमें से 55 स्थगन प्रस्ताव पर बोलने का अवसर विधायकों को मिला. वहीं 295 नियम के तहत विशेष उल्लेख में 288 विशेष उल्लेख प्राप्त हुए. उनमें से 229 विशेष उल्लेख की सूचना सदन में रखी गई. विधायक मंजू देवी और विधायक बाबूलाल खराड़ी को इस बार प्रदेश का सर्वश्रेष्ठ विधायक चुना गया. वहीं तीन प्राइवेट बिलों पर भी इस बार चर्चा हुई.