ETV Bharat / city

फिर बाहर निकला विधायक खरीद-फरोख्त का जिन्न, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को एसीबी ने कराया नोटिस तामील - Rajasthan MLA horse trading case Latest News

राजस्थान में एक बार फिर फोन टैपिंग का जिन्न बाहर निकल (MLA horse trading case) गया है. एसीबी ने 2 साल पुराने मामले में वॉइस सैंपल लेने के संबंध में कोर्ट की ओर से जारी नोटिस दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को तामील करवाया है.

MLA horse trading case
गजेंद्र सिंह शेखावत
author img

By

Published : Jun 24, 2022, 10:42 AM IST

Updated : Jun 24, 2022, 11:22 AM IST

जयपुर. एसीबी मुख्यालय में 17 जुलाई 2020 को राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दर्ज करवाए गए विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण (MLA horse trading case) का जिन्न एक बार फिर से बाहर निकल कर आया है. प्रकरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने के संबंध में लंबे समय तक एसीबी की ओर से नोटिस तामील नहीं करवाए जाने के चलते पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान एसीबी पर तंज कसा था. जिस पर एसीबी मुख्यालय ने तुरंत एक्शन लेते हुए सबसे पहले विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी को बदला. इसके बाद अब 2 साल पुराने मामले में वॉइस सैंपल लेने के संबंध में कोर्ट की ओर से जारी नोटिस दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को तामील करवाया है.

पूर्व में कोर्ट ने नहीं दी थी वॉइस सैंपल सैंपल लेने की अनुमति- 2 वर्ष पुराने विधायक खरीद-फरोख्त मामले में तकरीबन 1 वर्ष पहले एसीबी ने जयपुर महानगर के अधीनस्थ न्यायालय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉयस सैंपल लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था. प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी ने कोर्ट के सामने यह तथ्य रखे थे कि प्रकरण में गिरफ्तार किए गए आरोपी संजय जैन ने पूछताछ के समय एक ऑडियो में स्वयं के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की बातचीत व आवाज होना स्वीकार किया था. इस तथ्य को आधार बनाकर एसीबी ने गजेंद्र सिंह की आवाज का नमूना लेने की आवश्यकता जाहिर की थी, जिसे महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने खारिज करते हुए वॉइस सैंपल लेने का आदेश देने से इंकार कर दिया था.

पढ़ें- राजस्थान फोन टैपिंग मामला: दिल्ली में सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से पूछताछ खत्म, जयपुर लौटे

ऐसे मिली इजाजत- कोर्ट द्वारा 1 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉयस सैंपल लेने का आदेश देने से इनकार करने के बाद एसीबी ने दोबारा कोर्ट में जाकर नोटिस जारी करवाने का प्रयास नहीं किया. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिनों पहले प्रकरण को लेकर एसीबी पर तंज कसा. मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए एसीबी के आला अधिकारियों ने तुरंत प्रकरण का अनुसंधान अधिकारी बदला और साथ ही उसे नए सिरे से कोर्ट में अपील करने व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने के संबंध में नोटिस जारी करवाने के लिए कहा.

इस पर अनुसंधान अधिकारी ने कोर्ट की ओर से पूर्व में दिए गए आदेश के खिलाफ रिवीजन प्रार्थना पत्र अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया. जिस पर कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारी के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का पक्ष जानने के लिए नोटिस के जरिए जवाब मांगने का आदेश दिया. कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद एसीबी ने दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को नोटिस तामील करवाया. हालांकि, प्रकरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह अपना वॉइस सैंपल देंगे या नहीं यह उन पर निर्भर करता है. फिलहाल, अब एसीबी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की ओर से नोटिस का जवाब भेजने का इंतजार कर रही है.

क्या है पूरा मामला- वर्ष 2020 में राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए सबसे पहले जून महीने में राजस्थान एसओजी में शिकायत दी थी और सोशल मीडिया पर वायरल कुछ ऑडियो का हवाला देकर आरोप लगाए गए थे. एसओजी ने काफी लंबे समय तक प्रकरण में जांच भी की लेकिन मामला पद के दुरुपयोग का पाए जाने पर केस को एसीबी को ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं इसके बाद राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 10 जून 2020 को एसीबी में विधायक खरीद-फरोख्त की शिकायत दी. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसीबी ने प्रकरण की जांच करना शुरू किया और 17 जुलाई 2020 को प्रकरण में मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद एसीबी ने कई विधायकों को पूछताछ के लिए और उनके वॉयस सैंपल लेने के लिए नोटिस भी भेजे. 2 साल से यह पूरा प्रकरण एसीबी में पेंडिंग चल रहा है.

जयपुर. एसीबी मुख्यालय में 17 जुलाई 2020 को राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी की ओर से दर्ज करवाए गए विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण (MLA horse trading case) का जिन्न एक बार फिर से बाहर निकल कर आया है. प्रकरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने के संबंध में लंबे समय तक एसीबी की ओर से नोटिस तामील नहीं करवाए जाने के चलते पिछले दिनों मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान एसीबी पर तंज कसा था. जिस पर एसीबी मुख्यालय ने तुरंत एक्शन लेते हुए सबसे पहले विधायक खरीद-फरोख्त प्रकरण की जांच कर रहे अनुसंधान अधिकारी को बदला. इसके बाद अब 2 साल पुराने मामले में वॉइस सैंपल लेने के संबंध में कोर्ट की ओर से जारी नोटिस दिल्ली में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को तामील करवाया है.

पूर्व में कोर्ट ने नहीं दी थी वॉइस सैंपल सैंपल लेने की अनुमति- 2 वर्ष पुराने विधायक खरीद-फरोख्त मामले में तकरीबन 1 वर्ष पहले एसीबी ने जयपुर महानगर के अधीनस्थ न्यायालय से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉयस सैंपल लेने की अनुमति देने का आग्रह किया था. प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी ने कोर्ट के सामने यह तथ्य रखे थे कि प्रकरण में गिरफ्तार किए गए आरोपी संजय जैन ने पूछताछ के समय एक ऑडियो में स्वयं के साथ केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की बातचीत व आवाज होना स्वीकार किया था. इस तथ्य को आधार बनाकर एसीबी ने गजेंद्र सिंह की आवाज का नमूना लेने की आवश्यकता जाहिर की थी, जिसे महानगर मजिस्ट्रेट न्यायालय ने खारिज करते हुए वॉइस सैंपल लेने का आदेश देने से इंकार कर दिया था.

पढ़ें- राजस्थान फोन टैपिंग मामला: दिल्ली में सीएम गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा से पूछताछ खत्म, जयपुर लौटे

ऐसे मिली इजाजत- कोर्ट द्वारा 1 वर्ष पूर्व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का वॉयस सैंपल लेने का आदेश देने से इनकार करने के बाद एसीबी ने दोबारा कोर्ट में जाकर नोटिस जारी करवाने का प्रयास नहीं किया. जिस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुछ दिनों पहले प्रकरण को लेकर एसीबी पर तंज कसा. मुख्यमंत्री की नाराजगी को देखते हुए एसीबी के आला अधिकारियों ने तुरंत प्रकरण का अनुसंधान अधिकारी बदला और साथ ही उसे नए सिरे से कोर्ट में अपील करने व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह के वॉयस सैंपल लेने के संबंध में नोटिस जारी करवाने के लिए कहा.

इस पर अनुसंधान अधिकारी ने कोर्ट की ओर से पूर्व में दिए गए आदेश के खिलाफ रिवीजन प्रार्थना पत्र अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय में पेश किया. जिस पर कोर्ट ने अनुसंधान अधिकारी के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह का पक्ष जानने के लिए नोटिस के जरिए जवाब मांगने का आदेश दिया. कोर्ट से नोटिस जारी होने के बाद एसीबी ने दिल्ली जाकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह को नोटिस तामील करवाया. हालांकि, प्रकरण में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह अपना वॉइस सैंपल देंगे या नहीं यह उन पर निर्भर करता है. फिलहाल, अब एसीबी केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह की ओर से नोटिस का जवाब भेजने का इंतजार कर रही है.

क्या है पूरा मामला- वर्ष 2020 में राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोप लगाते हुए सबसे पहले जून महीने में राजस्थान एसओजी में शिकायत दी थी और सोशल मीडिया पर वायरल कुछ ऑडियो का हवाला देकर आरोप लगाए गए थे. एसओजी ने काफी लंबे समय तक प्रकरण में जांच भी की लेकिन मामला पद के दुरुपयोग का पाए जाने पर केस को एसीबी को ट्रांसफर कर दिया गया. वहीं इसके बाद राजस्थान सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी ने 10 जून 2020 को एसीबी में विधायक खरीद-फरोख्त की शिकायत दी. प्राथमिकी दर्ज करने के बाद एसीबी ने प्रकरण की जांच करना शुरू किया और 17 जुलाई 2020 को प्रकरण में मुकदमा दर्ज किया गया. इसके बाद एसीबी ने कई विधायकों को पूछताछ के लिए और उनके वॉयस सैंपल लेने के लिए नोटिस भी भेजे. 2 साल से यह पूरा प्रकरण एसीबी में पेंडिंग चल रहा है.

Last Updated : Jun 24, 2022, 11:22 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.