जयपुर. वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय कर्मचारियों को 10 हजार रुपए एडवांस फेस्टिवल स्पेशल पैकेज के रूप देने का काम किया है, लेकिन रेलवे कर्मचारियों ने इस एडवांस फेस्टिवल स्पेशल राशि पर असंतोष और नाराजगी जताई है क्योंकि केंद्र सरकार की इस जटिल प्रक्रिया से रेल कर्मचारी कैसे राशि उपयोग में ले सकता है. पूर्व के समय में इस प्रकार की फेस्टिवल राशि में बाध्यता नहीं होती थी, लेकिन इस बार केंद्र सरकार ने फेस्टिवल राशि में 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत जीएसटी की वस्तुओं और आइटम रखीददारी पर बाध्यता कर दी है, जिसके चलते रेलवे कर्मचारियों में भारी रोष व्याप्त है.
नॉर्थ वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन के मंडल मंत्री आरके सिंह ने बताया कि इस बार केंद्रीय कर्मचारियों को जिस तरह से केंद्र सरकार ने एडवांस फेस्टिवल स्पेशल राशि 10 हजार रुपए देने का काम किया है. उस राशि को बैंक से लेने से पहले बैंक एसबीआई का खरीददारी कार्ड बनवाना होगा. उसके बाद उस कार्ड में एडवांस राशि 10 हजार रुपए आएगी. उस कार्ड से वहीं वस्तुएं, जिसमें 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी की हो उन्ही वस्तुओं को खरीद सकेंगे, जो कि इस तरह की केंद्र सरकार की बाध्यता कर्मचारियों के लिए स्वीकार नहीं है. 31 मार्च, 2021 तक कर्मचारी राशि का उपयोग कर सकता है. इस राशि को 10 महीने तक कर्मचारी को जमा करवाना पड़ेगा.
इस तरह का लुभावना सपना दिखाकर कर्मचारियों को बिना ब्याज की राशि देने की बजाए 12 से 18 प्रतिशत जीएसटी ब्याज के तौर पर केंद्र सरकार लेने का काम कर रही है क्योंकि व्यक्ति फेस्टिवल पर अपनी अपनी सुविधाओं के वस्तुएं खरीदते हैं. कुछ लोग दिपावली पर लोग कपड़े खरीदने, घरों पर रंग रोगन करने, सफाई के लिए अलग-अलग प्रकार से पैसा खर्च होता है, लेकिन केंद्र सरकार ने बिना सोच विचार के जीएसटी वस्तुएं खरीद पर ही एडवांस राशि उपपयोग में लेकने वाली शर्त पर रेल कर्मचारियों ने भारी रोष जताया है.
केंद्र सरकार द्वारा फेस्टिवल स्पेशल एडवांस राशि 10 हजार रुपए केंद्रीय कर्मचारियों को देने पर रेल कर्मचारियों में उत्साह था, लेकिन जब इस राशि के उपयोग की शर्तो को पढ़ने पर कर्मचारियों के होश उड़ गए. केंद्र सरकार आमजनता में दिखा रही है कि केंदीय कर्मचारियों को एडवांस दे रहे हैं, क्योंकि ये पैसा बाजार में आएगा तो उछाल आएगा. दूसरी तरफ इस पैसे को कैसे खर्च करना है ये केद्र सरकार को पूछना पड़ेगा. ये सब बहुत ही असमंजस की स्थिति बनी हुई है, क्योंकि कर्मचारी दो दिन बैंकों के चक्कर लगाएगा तब जाकर राशि के उपयोग में लेने के लिए कार्ड बनेगा. फिर उस कार्ड से जीएसटी वाली ही व्सतुओं को खरीददारी करनी होगी, तब ही इस राशि का उपयोग में ले सकते हैं. तो इस तरह की शर्त मं बांधकर सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के साथ में छलावा किया है.
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रेलवे यूनियन का कहना है कि यदि सरकार कर्मचारियों की हितैषी है, तो पहले की तरह कर्मचारियों के अकाउंट में सीधे तौर पर राशि आए. इस तरह की बाध्यता नहीं हो कि जीएसटी की वस्तुएं ही खरीदेगा, क्योंकि इस राशि से कोई कर्मचारी गेहूं खरीदने का काम करेगा तो कोई कर्मचारी अन्य वस्तुएं खरीदेगा इस तरह की बाध्यता नहीं होनी चाहिए. जैसे पहले सूदखोर शर्तों के साथ पैसे देने का काम करते थे उसी तरह से केंद्र सरकार ने फेस्टिवल स्पेशल एडवांस राशि देने का काम कर रही है.