जयपुर. किसान आंदोलन को समर्थन देने के मकसद से कांग्रेस नेता राहुल गांधी अपनी दो दिन की यात्रा पर 12 फरवरी को राजस्थान आ रहे हैं. यहां 12 और 13 फरवरी को वे 5 किसान सभाओं को संबोधित करने के साथ ही ट्रैक्टर रैली में भी भाग लेंगे. राहुल गांधी 12 फरवरी को हनुमानगढ़ के पीलीबंगा और श्रीगंगानगर के करणपुर में दो किसान रैलियों को संबोधित करेंगे. इसके बाद 13 फरवरी को राहुल गांधी अजमेर के किशनगढ़ में किसान संवाद और मकराना में किसान महापंचायत करेंगे. इसके साथ ही राहुल अजमेर के रूपनगढ़ में ट्रैक्टर मार्च भी करेंगे.
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी अपनी दो दिवसीय राजस्थान यात्रा पर आ रहे हैं. हर कोई ये सोच रहा है कि उन्होंने इस दौरे के लिए गंगानगर, हनुमानगढ़, अजमेर और नागौर को क्यों चुना है जबकि वो अलवर के शाहजहांपुर बॉर्डर और जयपुर में भी ये किसान सम्मेलन कर सकते थे.
कहा जा रहा है श्रीगंगानगर पंजाब और हनुमानगढ़-हरियाणा बॉर्डर से सटा है और इस इलाके में वामपंथी दलों और बीजेपी का भी अच्छा खासा प्रभाव है. इसके साथ ही यह इलाका किसान आंदोलन में राजस्थान से सबसे अधिक सक्रिय इलाकों में से एक है. पंजाब की सीमा से सटे गंगानगर को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां किसान आंदोलनों का लंबा इतिहास रहा है.
घड़साना में तत्कालीन भाजपा मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में किसान आंदोलन के दौरान पुलिस को गोलियां तक चलानी पड़ी थी. ऐसे में इन दोनों जिलों में किसान रैलियों के जरिए आंदोलन के बहाने इस इलाके के किसानों को वामपंथी दलों की ओर झुकाव रोकने और पंजाब को भी संदेश की कोशिश होगी.
तेजाजी के निर्माण स्थल से किसान कौम जाट को साधने का भी होगा प्रयास
राहलु गांधी की 13 फरवरी को किशनगढ़ से मकराना किसान सम्मेलन और किसान मार्च है. किसानों के समर्थन में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी किशनगढ़ एयरपोर्ट से लोकदेवता तेजाजी की निर्माण स्थली के दर्शन करके वे रैली की शुरुआत करेंगे. चाहे हरियाणा हो, राजस्थान हो या यूपी जाट समुदाय हर जगह लोक देवता तेजाजी की विशेष मान्यता है और जाटलैंड कहे जाने वाले इस क्षेत्र में जाट समुदाय तेजाजी को अपना आराध्य देव मानता है क्योंकि गाजीपुर बॉर्डर से लेकर हरियाणा और राजस्थान में किसान आंदोलन की अगुवाई यही जाट समुदाय कर रहा है.
ऐसे में इस समुदाय को लुभाने की भी राहुल गांधी की यहां से कोशिश होगी. राजस्थान, हरियाणा और पश्चिम उत्तर प्रदेश में जाट मतदाता निर्णायक भूमिका में है और नागौर राजस्थान की सियासत में जाट कैपिटल मानी जाती है. राजस्थान की सियासत में सबसे बड़ा जाट चेहरा हनुमान बेनीवाल की पार्टी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का आधार भी नागौर और जाट मतदाताओं पर टिका है.
ऐसे में राहुल गांधी की इस जाट बाहुल्य इलाकों में ट्रैक्टर मार्च और रैलियों के जरिए कांग्रेस और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कभी कांग्रेस के वोट बेंक रहे जाटों को राजस्थान में हनुमान बेनीवाल और बीजेपी की ओर जाने से रोकने की कोशिश करेंगे. इसके साथ ही नागौर वो जमीन है जहां से पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंचायती राज की स्थापना की थी.
दरअसल, कांग्रेस किसान आंदोलन के नाम पर राहुल को आगे करके किसानों का हितैषी बनाने और 26 जनवरी की घटना के बाद कमजोर पड़े किसान आंदोलन को फिर से मजबूत करने की कोशिश कर रही है. साथ ही 5 राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडू, पुडुचेरी और केरल में विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में भी जनता के सामने पेश करना चाहती है. साथ ही इस रैलियों के जरिए खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक बार फिर से अपनी राजनितिक ताकत को भी बताना चाहते हैं.
राहुल गांधी आ सकते हैं काटजू परिवार से मिलने
मकराना में रैली के बाद राहुल गांधी के जयपुर आने के भी आसार है. हालांकि, उनका जयपुर का प्रोग्राम नहीं है, लेकिन राहुल गांधी मकराना से जयपुर के सी स्कीम स्टेच्यू सर्किल के पास सरोजनी मार्ग के नुक्कड़ स्थित काटजू परिवार से मिलने आ सकते हैं.
दरअसल, राहुल गांधी की पड़दादी कमला नेहरु (पंडित नेहरु की पत्नी) की चचेरी बहन स्वरूप काटजू का घर जयपुर में है, जो इंदिरा गांधी की मौसी ओर राहुल की कजिन पड़दादी लगती थी वे तो अब नहीं हैं, लेकिन काटजू के दो बेटों नरेश और किशन में से किशन काटजू और उनकी पत्नी यहीं रहते हैं. इससे पहले भी राहुल गांधी राजस्थान की यात्रा पर आते हैं तो जयपुर में अपने परिजनों से मिलने जरूर आते हैं.
राहुल अपनी जयपुर यात्रा के दौरान पिछली बार भी काटजू परिवार से मिलने उनके निवास पर पहुंचे थे. ऐसे में पूरी संभावना है कि राहुल गांधी मकराना में किसान सभा करने के बाद कुछ देर के लिए जयपुर आ सकते हैं. काटजू परिवार के घर के बाहर पुलिस का जाप्ता भी तैनात कर दिया गया है.