जयपुर. विधानसभा में जब सदन की कार्यवाही प्रश्नकाल से सुबह 11 बजे शुरू हुई, तब भाजपा के विधायक रामलाल शर्मा अनोखी जैकेट पहनकर पहुंचे. जिस पर एक से लेकर दस तक की गिनती लिखी हुई थी और लिखा था, 'किसान कर्जमाफी का वादा'. प्रश्नकाल निकला, लेकिन शून्यकाल में भाजपा विधायकों ने अपने हाथ में एक से लेकर दस तक की गिनती लिखे अंक और किसान कर्जमाफी का वादा लिखे पोस्टर लहराए और राजस्थान में आए राहुल गांधी को किसानों से 10 दिन में संपूर्ण कर्जमाफी का किया गया वादा याद दिलाया.
हालांकि, भाजपा विधायकों ने यह तमाम घटना प्रतीकात्मक रूप से की ताकि राहुल गांधी को सदन के भीतर से भी उनका वादा याद दिलाया जा सके. इसके बाद जब राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान बहस चल रही थी, तब भाजपा विधायकों ने सदन में कम संख्या में मौजूद कांग्रेस के विधायक और मंत्रियों का मामला भी उठाया. खास तौर पर प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया और उपनेता राजेंद्र राठड़ ने इस मसले को उठाया तो मुख्य सचेतक महेश जोशी के साथ उनकी तीखी तकरार भी हुई.
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इससे पहले प्रश्नकाल में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी प्रदेश में नए कॉलेज खोलने से जुड़े सवाल के जवाब में खुद ही हंसते नजर आए. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ ने भरतपुर में जहरीली शराब से हुई मौतों से जुड़ा सवाल पूछा, जिस पर संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि 15 आबकारी कार्मिकों और तीन पुलिसकर्मियों को इस मामले में निलंबित कर दिया गया है. इसके बाद एक फिल्म के जरिए भी जहरीली शराब से जुड़ा कारोबार का मामला राजेंद्र राठौड़ और संदीप शर्मा ने उठाया. वहीं प्रतिपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया ने एसीबी के शिकंजे में ऐसे दागी अफसरों पर राज्य सरकार द्वारा अभियोजन की स्वीकृति नहीं दी जाने का मामला उठाते हुए सरकार को घेरा.
भाजपा विधायक अविनाश गहलोत ने प्रदेश की ग्राम पंचायतों को मिलने वाला अनुदान नहीं मिलने का मसला उठाया और यह भी कहा कि अब तक प्रदेश में छटे वित्त आयोग का गठन भी नहीं हुआ. वहीं, भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने 25 अप्रैल को आयोजित होने वाली रीट परीक्षा की तारीख महावीर जयंती उसी दिन होने के चलते आगे बढ़ाने की मांग की. इसके बाद शुरू हुए राज्यपाल के अभिभाषण पर बहस में शामिल होते हुए निर्दलीय विधायक बलजीत यादव ने जहां राजस्थान की सरकारी नौकरियों में प्रदेश के युवकों को प्राथमिकता देने के लिए कानून बनाने की वकालत की तो वहीं किसानों को निशुल्क बिजली दिए जाने की मांग भी रखी. इस दौरान उनकी आंखों से आंसू की झलक गए.
वहीं, भाजपा विधायक जोगेश्वर गर्ग ने अपने संबोधन के दौरान राजस्थान भाषा को मान्यता दिए जाने की मांग भी की. गर्ग ने कहा कि इस मांगों को लेकर मुख्यमंत्री को 100 से अधिक विधायकों ने पत्र भी लिखा है. हालांकि, गर्ग ने माना कि यह काम केंद्र सरकार का है, लेकिन राजस्थान सरकार भी इस दिशा में प्रयास करे. इसी तरह बजट अभिभाषण पर बहस के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने जहां सरकार की उपलब्धियों को गिनाने का काम किया तो वहीं भाजपा विधायकों ने प्रदेश सरकार की खामियों को मिलाने का काम किया.