जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज शुक्रवार को झालावाड़ जिले में पटवारी के पदों और पटवारियों की चल रही हड़ताल को लेकर सवाल उठा. इस पर जवाब देते हुए मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि 323 पद स्वीकृत हैं. उनमें से कार्यरत 139 हैं और बाकी 184 झालावाड़ जिले में पटवारी के पदों पर अभी पटवारी काम नहीं कर रहें, क्योंकि केवल मूल पद जहां पटवारी की नियुक्ति है वही पटवारी काम कर रहे हैं.
पूर्व में कार्यरत पटवारी को ही रिक्त पटवार मंडलों का अतिरिक्त चार्ज देकर काम करवाए जा रहा था, लेकिन राजस्थान पटवार संघ द्वारा 15 जनवरी 2021 से उनकी मांगों को लेकर अतिरिक्त पटवार मंडलों का काम नहीं करने को लेकर अतिरिक्त पटवार मंडलों के बस्ते तहसील कार्यालय में जमा करा दिया. संघ की मांगों से संबंधित बिंदु निर्णय वित्त विभाग से संबंधित होने के चलते सार्थक परिणाम नहीं मिल पा रहे हैं, फिर भी पटवारियों के आंदोलन को समाप्त करने के लिए राजस्व विभाग स्तर पर बातचीत कर समझाइश से मामला सुलझाने का प्रयास किया जा रहा है. पटवारियों के पद भरने के लिए पटवारियों के 4421 पदों की भर्ती के लिए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा 17 जनवरी 2020 को जनवरी विज्ञप्ति जारी की जा चुकी है. जल्द ही इन पदों को भरा जाएगा.
वहीं, सरकार द्वारा पटवार संगठनों के साथ पूर्व में समझौते के अनुसार वर्तमान संगठन की मांगें वित्त विभाग से संबंधित होने के कारण राजस्व विभाग द्वारा प्रस्ताव वित्त विभाग और वेतन विसंगतियों के लिए निवारण समिति को प्रेषित कर दिया गया है. जिसके क्रम में वित्त विभाग द्वारा बताया गया है कि वेतन विसंगतियां निवारण समिति की रिपोर्ट राज्य सरकार को मिल गई है. उस रिपोर्ट पर निर्णय के बाद अग्रिम कार्रवाई होगी. इस पर विधायक ने कहा कि क्या 2 महीने से जो पटवार हल्के खाली हैं, जिसके चलते किसानों को दिक्कत आ रही है, क्या उसके लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था सरकार कर करवा रही है और लंबे समय से जो हड़ताल चल रही है उसके तुरंत समाधान के लिए क्या प्रयास कर रही है. इस पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि पटवारियों की हड़ताल के कारण राजस्थान के आमजन के काम बाधित ना हो, इसके लिए राजस्व विभाग ने एक आदेश निकाला है कि पटवारी के जो कार्य हैं वह उनसे उच्च अधिकारी वह कार्य कर सकेंगे. राजस्व विभाग का काम नहीं रुकेगा. दूसरा इनके बीच हड़ताल को लेकर भी लगातार हमने आह्वान किया है कि वित्त विभाग द्वारा उनकी मांगें नहीं मानने के चलते ही यह स्थिति हुई है और पूरे देश में कोरोना के कारण जो वित्तीय स्थिति बनी है, क्या उनकी मांगें मानी जा सकती हैं. उसको अध्ययन करके राज्य हित में वह हड़ताल वापस ले.
इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाब कटारिया ने कहा कि यह विज्ञप्ति 4421 पदों के लिए विज्ञप्ति जारी हुई है वह जनवरी 2020 में हुई विज्ञप्ति जारी होने के बाद अब तक कौन सी प्रक्रिया नहीं होने के चलते हम 1 साल से अटके हुए हैं कि 1 साल 2 महीने के बाद भी इन पदों पर चयन नहीं हो पाया. इसके बाद मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि 17 जनवरी 2021 को यह विज्ञप्ति निकली थी अभी 2 महीने हुए हैं, लेकिन इस पर स्पीकर ने भी बीच में टोका किए विज्ञप्ति 2020 में निकली थी लेकिन मंत्री ने फिर कहा कि यह विज्ञप्ति 2020 में निकली. इसके बाद मंत्री हरीश चौधरी से स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि उत्तर में 2020 लिखा हुआ है विज्ञप्ति निकलने का समय इसके बाद हरीश चौधरी ने माना कि विज्ञप्ति 2020 में ही निकली है. इसके बाद नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 2020 की भर्ती का पूरा शेड्यूल तय किया गया था, 1 साल 2 महीने में परीक्षा ही आयोजित नहीं हुई तो यह भर्ती होने की उम्मीद क्या है. जिस सामंत कमेटी की रिपोर्ट की बात हो रही है उसकी रिपोर्ट तो 2019 में आ चुकी है.
आप जिस आंदोलन की बात कर रहे हो वह तो आंदोलन 2021 में हुआ. आपके पास रिपोर्ट है, लेकिन आप निर्णय नहीं कर पा रहे हो इस कारण से फैसला नहीं हो पा रहा है. इस बार हरीश चौधरी ने कहा कि 2018 में भी इनकी हड़ताल हुई तब आप की सरकार थी आपके पूरे कार्यकाल में उनकी मांगों पर कोई फैसला नहीं हुआ. हमारी सरकार बनने के बाद कई मांगों पर फैसले हुए. भर्ती के बारे में उन्होंने कहा कि कोरोना में भर्ती हो सकती है या नहीं यह सोचने की बात है. आपने खुद ने स्कूलों के वार्षिक उत्सव को लेकर चिंता जाहिर की, क्या यह उचित होता कि कोरोना काल में हम लोग यह भर्ती आयोजित करते हैं. जो भी स्थितियां बनी हैं उसके बाद हमने यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई है. सरकार को उस समय यह लगा कि यह उचित नहीं होगा. निष्पक्ष तौर पर योग्यता के आधार पर हर अभ्यर्थी को न्याय मिले इसलिए भारी प्रक्रिया को आगे किया गया.
इस पर नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया फिर खड़े हो गए और कहा कि कोरोना की बात आप कह रहे हैं, लेकिन इसी चयन बोर्ड ने इसी पीरियड में हजारों भर्ती की परीक्षाएं करवाई है. इसलिए यह बहाना इसके लिए उचित नहीं होगी. परीक्षा नहीं होना और उसे बार-बार टालना उनके आंदोलन का मुख्य बिंदु है, जो काम हो सकता था उसे डाला गया है. इस पर मंत्री हरीश चौधरी ने कहा कि हड़ताल का प्रमुख कारण भर्ती नहीं है. उनकी हड़ताल का एक कारण 3600 की पे ग्रेड के संबंध में, उनके प्रमोशन के संबंध में जो वह 9- 18- 27 की जगह वह 7 -14- 21 -28 के संबंध में और तीसरा कारण उनकी जो हड़ताल हुई थी कोटा में उसके संबंध में थी. उनकी हड़ताल कहीं भी भर्ती के लिए नहीं है लेकिन फिर भी यह भर्तियां राज्य हित में जरूरी है. इसलिए हम यह करना चाहते हैं कि इनकी परीक्षा पहले घोषित हो चुकी थे, लेकिन उसे कैंसिल किया गया, क्योंकि जो हालात बने थे वह सदन में हर किसी को पता है कि चयन बोर्ड के अध्यक्ष को भी इस्तीफा देना पड़ा था