जयपुर. प्रदेश के जयपुर, जोधपुर, कोटा के छह नगर निगमों में से इस बार पांच नगर निगमों में महिलाओं ने बाजी मारी है. भले ही सीटें रिजर्व होने के चलते पांच महापौर महिला बनी हों, लेकिन यह अपने आप में एक सुखद तस्वीर है कि अब शहरों की सरकार की मुखिया महिला होगी. अब हर किसी की नजर इस बात पर है कि यह महिलाएं किस तरीके से शहरों की सरकार चलाती हैं.
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अक्सर ये डर बना रहता है कि नेता पति ही महिलाओं की जगह काम करते हैं. भले ही सीट पर वह महिला बैठी हो, लेकिन असल में सत्ता की चाबी महिलाओं के पतियों के पास होती है. हालांकि यह हालात अब तक सरपंच और पार्षदों में ही देखे जाते हैं. जहां सरपंच पति और पार्षद पति अक्सर अपनी पत्नियों की जगह मीटिंग लेते हुए दिखाई देते हैं. अब पांच महापौर राजस्थान को मिली हैं तो सबको उम्मीद है महिलाएं शहरी सरकार को बेहतर नेतृत्व प्रदान कर पुरानी धारणाओं को तोड़ देंगी.
महापौर पति ने अधिकारियों से किए सवाल-जवाब...
लेकिन एक तस्वीर ने फिर से उस पुराने डर को जीवंत कर दिया. जयपुर हेरिटेज नगर निगम महापौर मुनेश गुर्जर जब अधिकारियों के साथ पहली मीटिंग ले रही थी तो उनके पति भी साथ में दिखाई दिए. दरअसल, जब महापौर बनने के बाद मुनेश गुर्जर ने अपना पदभार ग्रहण किया तो अधिकारियों की पहली बैठक बुलाई तो अधिकारियों की बैठक के दौरान महापौर पति भी उनके साथ बैठे हुए दिखाई दिए. ना केवल महापौर पति वहां मौजूद रहे, बल्कि उनके पति ने अधिकारियों से सवाल-जवाब भी किए तो अधिकारियों ने उन्हें उनके सवालों के जवाब भी दिए.
इस दौरान किसी भी अधिकारी ने इस बात पर एतराज नहीं जताया की महापौर पति अधिकारियों के साथ बैठक में किस हैसियत से बैठे हैं, बल्कि जब महापौर पति सुशील गुर्जर ने यह पूछा की क्या प्लानिंग सेक्शन के भी दो हिस्से हो गए हैं तो अधिकारियों ने उन्हें जल्द ही प्लानिंग सेक्शन को अलग करने और फाइलें नगर निगम हेरिटेज में मंगाने की बात कही. हालांकि पहली बैठक में महापौर मुनेश गुर्जर के पति की एंट्री पर किसी ने सवाल नहीं उठाया हो, लेकिन यह एक चिंता का विषय होगा कि क्या आगे होने वाली बैठकों में भी इसी तरीके से महापौर पति मौजूद रहेंगे.