जयपुर. केंद्रीय बजट में स्मार्ट बिजली मीटर के लिए 22 हजार करोड़ के प्रावधान के बाद अब राजस्थान में भी इस दिशा में काम शुरू हो सकता है. हालांकि, प्रदेश में ये काम कागजों में ही चल रहा है क्योंकि पिछली वसुंधरा राजे सरकार के कार्यकाल के अंतिम कुछ महीने में ही प्रदेश में जयपुर डिस्कॉम ने 5 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने के लिए वर्क आर्डर दिया था. लेकिन प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही इस योजना पर भी ग्रहण लग गया. ये प्रोजेक्ट मंत्रिमंडल उपसमिति के पास समीक्षा के लिए भेज दिया गया, जिस पर अब तक कोई निर्णय नहीं हो पाया.
केंद्रीय बजट में स्मार्ट मीटर को लेकर किए गए प्रावधान के बाद जयपुर डिस्कॉम ने इस दिशा में प्लानिंग कर ली है. जयपुर डिस्कॉम एमडी एके गुप्ता के अनुसार प्रदेश में स्मार्ट मीटर का प्रोजेक्ट आगे बढ़ाया गया तो इसे ओपेक्स मोड पर लेकर आएंगे, जिसमें इस प्रकार के मीटर लगाने वाली कंपनी ही उसका मेंटेनेंस भी करेगी. इसके बदले में हर महीने प्रति मीटर कुछ राशि उस कंपनी को डिस्कॉम देगा.
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एमडी गुप्ता ने बताया कि यह अनुदान राशि केंद्र सरकार प्रदेश की बिजली कंपनियों को देगी. हालांकि, पूर्व में यह अनुदान 15 सौ रुपए प्रति मीटर मिलता था लेकिन पिछले दिनों हुई बैठक में यह मांग की गई है इसे बढ़ाकर 2500 रुपए प्रति मीटर कर दिया जाए. उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट के तहत डिस्कॉम की मंशा है कि सबसे पहले इंडस्ट्री को कवर किया जाए.
जयपुर डिस्कॉम एमडी ने बताया कि दूसरे नंबर पर डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर और नगर पालिका क्षेत्र कवर हो. उसके बाद सबसे अंत में गांव और ढाणियों में रहने वाले उपभोक्ताओं को कवर करते हुए वहां स्मार्ट मीटर लगाए जाए. हालांकि, स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट के दायरे में फिलहाल कृषि कनेक्शन उपभोक्ता को शामिल नहीं करने का प्लान है.
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गौरतलब है कि डिस्कॉम अधिकारियों ने स्मार्ट मीटर प्रोजेक्ट का प्लान तो मोटे तौर पर तैयार कर लिया है. लेकिन पिछली सरकार के दौरान हुए वर्क आर्डर पर अब तक मौजूदा सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है. ऐसे में कैबिनेट सब कमेटी का निर्णय आने के बाद ही इस प्रोजेक्ट की दिशा में कुछ काम हो सकेगा.