जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-4 में एकल पट्टा प्रकरण से जुडे़ मामले में परिवादी रामशरण सिंह की ओर से यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल और आईएएस एनएल मीणा के खिलाफ प्रोटेस्ट पिटिशन पेश (Protest petition against Shanti Dhariwal and IAS NL Meena) की गई है. प्रोटेस्ट पिटिशन में एसीबी की ओर से मामले में शांति धारीवाल और एनएल मीणा को क्लीन चिट देते हुए पेश एफआर को चुनौती दी गई है. एसीबी कोर्ट मामले में 27 जनवरी को सुनवाई करेगी.
प्रोटेस्ट पिटिशन में अधिवक्ता संदेश खंडेलवाल ने बताया कि परिवादी सहित अन्य के बयानों से यह साबित है कि पूरा मामला तत्कालीन यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देशन में ही हुआ था. मामले में पूर्व आईएएस जीएस संधू, निष्काम दिवाकर और ओंकार मल सैनी की तरह ही शांति धारीवाल और यूडीएच के तत्कालीन उप सचिव एनएल मीणा आरोपी हैं, लेकिन दोनों आरोपी उच्च पदों पर आसीन हैं. ऐसे में उन्होंने अपने पदों का दुरुपयोग कर प्रकरण में 12 जून 2019 और 13 जून 2019 को अपने पक्ष में क्लोजर रिपोर्ट पेश करवा दी. प्रोटेस्ट पिटिशन में कहा गया कि अदालत पुलिस की ओर से पेश रिपोर्ट को मानने के लिए बाध्य नहीं है.
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ऐसे में क्लोजर रिपोर्ट को निरस्त कर दोनों आरोपियों के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया जाए. मामले के अनुसार एसीबी ने वर्ष 2016 में परिवादी रामशरण सिंह की गणपति कंस्ट्रक्शन कंपनी को एकल पट्टा जारी करने में धांधली की शिकायत पर मामला दर्ज किया था. इसमें कंपनी के प्रोपराइटर शैलेन्द्र गर्ग, यूडीएच के पूर्व सचिव जीएस संधू, जेडीए जोन-10 के तत्कालीन उपायुक्त ओंकार मल सैनी, निष्काम दिवाकर और गृह निर्माण सहकारी समिति के पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.