जयपुर. सरकार की ओर से बड़ी संख्या में पहले से ही चल रहे सरकारी स्कूलों को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में तब्दील किया जा रहा है. ऐसे स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के सामने अब नए स्कूल में दाखिले को लेकर संकट खड़ा हो गया है. ऐसा ही एक मामला शनिवार को राजधानी जयपुर में देखने को मिला. जयपुर के ईदगाह में वन विहार स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में तब्दील करने पर अभिभावकों ने विरोध जताया.
अब इस स्कूल में पढ़ने वाले 1900 से अधिक बच्चे अन्य स्कूलों में प्रवेश के लिए दर-दर (Government schools converted into Mahatma Gandhi English Medium schools) भटकने को मजबूर हैं. दरअसल ईदगाह के वन विहार में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्थित है. सरकार ने इसे महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में तब्दील कर दिया है. ऐसे में इस स्कूल में पढ़ने वाले 1962 बच्चों के सामने नए स्कूल में प्रवेश लेने का संकट खड़ा हो गया है.
प्राइवेट स्कूलों में जहां प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, वहीं सरकारी स्कूलों में सभी बच्चों को प्रवेश मिल पाएगा या नहीं, इसे लेकर अभिभावकों में संशय बना हुआ है. इसे लेकर बच्चों की महिला अभिभावक शनिवार को स्कूल पहुंची और स्कूल को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल में तब्दील करने का विरोध जताया. महिला अभिभावकों ने कांग्रेस विधायक रफीक खान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
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महिलाओं ने आरोप लगाया कि विधायक रफीक खान उनके बच्चों का भविष्य खराब कर रहे हैं. गलता गेट थाना पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं से समझाइश भी की, लेकिन महिलाएं नहीं मानी और रफीक खान के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. महिलाओं का कहना है कि एक तरफ तो सरकार बच्चों को पढ़ाने की बात करती है, वहीं दूसरी तरफ स्कूलों को खत्म कर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है.
विधायक रफीक खान ने शिक्षा मंत्री को लिखा पत्रः ईदगाह स्थित वन विहार की राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय को महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम विद्यालय में तब्दील करने के मामले को लेकर स्थानीय कांग्रेस विधायक रफीक खान ने शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला को पत्र भी लिखा था. विधायक ने शिक्षा मंत्री से मांग की है कि वन विहार स्थित महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को दो पारियों में संचालित किया जाए.
पहली पारी में इंग्लिश मीडियम स्कूल के बच्चों को पढ़ाया जाए. वहीं दूसरी पारी में हिंदी मीडियम के बच्चों की क्लास संचालित की जाए. जिससे पहले से ही इस स्कूल में पढ़ रहे बच्चों को कोई परेशानी न हो.