जयपुर. राजस्थान में राजनीतिक हलचलें और उठापटक कितनी तेज है इसका अंदाजा बीते दिनों हुए राज्यसभा चुनाव में पूरी तरीके से लग गया. वहीं, अब राजस्थान की राजनीतिक हलचल पर नजर रखने के लिए अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस उमेश मिश्रा ने अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस पुनर्गठन राजस्थान को इंटेलिजेंस की एक अतिरिक्त यूनिट दिल्ली में खुलवाने के लिए पत्र लिखा है.
इस पत्र में लिखा गया है कि अभी राजधानी दिल्ली में राज्यपाल और मुख्यमंत्री की सुरक्षा में एक सुरक्षा यूनिट कार्यरत है, लेकिन सूचना संकलन के लिए इंटेलिजेंस की कोई यूनिट दिल्ली में कार्यरत नहीं है. इसके साथ ही उन्होंने महत्वपूर्ण बात इसमें लिखते हुए कहा कि राजस्थान की वर्तमान राजनीतिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए और राज्य के चुने हुए राजनीतिक प्रतिनिधियों का दिल्ली में आना-जाना लगातार होने को देखते हुए एक इंटेलिजेंस यूनिट खोलने की बात कही गई है. प्रदेश के नेताओं का दिल्ली आना जाना रहता है, लेकिन यूनिट नहीं होने की वजह से उनकी गतिविधियों की सूचना में कठिनाई आती है. ऐसे में राजधानी दिल्ली में इंटेलिजेंस की एक यूनिट खोली जाए. इस यूनिट में 1 पुलिस उपअधीक्षक, एक निरीक्षक, दो सहायक उपनिरीक्षक, चार कांस्टेबल समेत 10 लोगों का स्टाफ मांगा गया है.
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जिन पर सालाना 1 करोड़ 12 लाख 66 हजार 668 रुपए का खर्च प्रस्तावित है. भले ही सुरक्षा की दृष्टि से इस पत्र के जरिए एक अतिरिक्त यूनिट दिल्ली में खोले जाने की बात कही गई हो, लेकिन जिस तरीके से राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मियां चल रही हैं और नेता दिल्ली दौड़ में लगे रहते हैं, उस पर नजर रखने के लिए ही इस यूनिट की आवश्यकता हुई है. इसमें कोई बड़ी बात नहीं है कि प्रदेश के सत्ताधारी दल के ही नेताओं की दिल्ली जाने की गतिविधियों को इसके जरिए ध्यान में रखा जाएगा, ताकि किसी भी तरीके की राजनीतिक हलचल अगर प्रदेश में दिल्ली जाने वाले नेताओं के जरिए हो तो उसकी तैयारी पहले ही कर ली जाए.
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यह पत्र 22 अप्रैल को लिखा गया था जब राज्यसभा चुनाव एक बार स्थगित हो चुके थे और राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर खरीद-फरोख्त का बाजार गर्म था और मध्य प्रदेश की सरकार गिर चुकी थी तो गुजरात और मध्य प्रदेश के विधायकों को मजबूरन कांग्रेस पार्टी को राजस्थान में बाड़ाबंदी करके रखना पड़ा था.