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Rajasthan High Court : कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर पद पर पदोन्नति का मामला, रेट के आदेश पर रोक - Rajasthan Hindi News

राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर पद पर पदोन्नति मामले में रेट के 22 अक्टूबर 2020 के आदेश की क्रियान्वित पर रोक लगा दी है. मामले में संबंधित अधिकारियों से हाईकोर्ट ने जवाब मांगा है.

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राजस्थान हाईकोर्ट
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Published : Mar 10, 2022, 8:29 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर पद पर पदोन्नति मामले में रेट के 22 अक्टूबर 2020 के आदेश की क्रियान्वित पर रोक लगा दी है. मामले में डीजीपी, पुलिस कमिश्नर सहित अन्य से आठ सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राकेश कुमार यादव की याचिका पर दिए.

याचिका में बताया कि प्रार्थियों की नियुक्ति 1996 में कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर हुई थी. एक पुलिसकर्मी अनिल कुमार ने रेट में कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर होने वाली पदोन्नति प्रक्रिया को रेट में चुनौती दी. जिस पर रेट ने प्रार्थियों को सुनवाई का मौका दिए बिना ही 22 अक्टूबर 2020 को आदेश जारी कर पुलिस प्रशासन को कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर की वरिष्ठता सूची को रिवाइज्ड करने का निर्देश दिया.

पढ़ें : Rajasthan High Court Hearing : पूर्व मुख्यमंत्री को बंगला देने से जुड़ी अवमानना याचिका पर फैसला सुरक्षित...

इस आदेश के पालन में पुलिस प्रशासन ने पदोन्नति के लिए ली गई लिखित परीक्षा को खत्म कर दिया और रेट के आदेश के पालन में पदोन्नति की वरिष्ठता सूची को रिवाइज्ड कर दिया. रेट के इस आदेश को प्रार्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि इस आदेश से प्रार्थी भी प्रभावित हुए हैं और उन्हें मामले में सुनवाई का मौका भी नहीं दिया है. इसलिए रेट के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए.

पढे़ं : RAS भर्ती में पदों के पंद्रह गुना से अधिक चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को सामान्य वर्ग में नियुक्ति क्यों: हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट (Rajasthan High Court) ने कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर पद पर पदोन्नति मामले में रेट के 22 अक्टूबर 2020 के आदेश की क्रियान्वित पर रोक लगा दी है. मामले में डीजीपी, पुलिस कमिश्नर सहित अन्य से आठ सप्ताह में जवाब देने के लिए कहा है. जस्टिस इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश राकेश कुमार यादव की याचिका पर दिए.

याचिका में बताया कि प्रार्थियों की नियुक्ति 1996 में कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर हुई थी. एक पुलिसकर्मी अनिल कुमार ने रेट में कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर के पद पर होने वाली पदोन्नति प्रक्रिया को रेट में चुनौती दी. जिस पर रेट ने प्रार्थियों को सुनवाई का मौका दिए बिना ही 22 अक्टूबर 2020 को आदेश जारी कर पुलिस प्रशासन को कांस्टेबल ड्राइवर से हेड कांस्टेबल ड्राइवर की वरिष्ठता सूची को रिवाइज्ड करने का निर्देश दिया.

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इस आदेश के पालन में पुलिस प्रशासन ने पदोन्नति के लिए ली गई लिखित परीक्षा को खत्म कर दिया और रेट के आदेश के पालन में पदोन्नति की वरिष्ठता सूची को रिवाइज्ड कर दिया. रेट के इस आदेश को प्रार्थियों ने हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि इस आदेश से प्रार्थी भी प्रभावित हुए हैं और उन्हें मामले में सुनवाई का मौका भी नहीं दिया है. इसलिए रेट के आदेश की क्रियान्विति पर रोक लगाई जाए.

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