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कोरोना के चलते टला जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण, अगले वर्ष होने की संभावना - कोरोना वायरस

कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है. जिसके चलते लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. बता दें कि कोरोना के संकट के चलते जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण भी अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है. माना जा रहा है कि जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण अब अगले वर्ष ही हो पाएगा.

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जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण टला
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Published : Apr 19, 2020, 6:40 PM IST

जयपुर. दुनिया में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. वहीं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के चलते जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण भी अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है.

जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण टला

बता दें कि पहले जयपुर एयरपोर्ट को जून माह में अडानी ग्रुप को सौंपा जाना प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना महामारी से इस प्रक्रिया में कुछ और महीने लगेंगे. वहीं एमओयू नहीं होने से जयपुर एयरपोर्ट के विकास से जुड़े कार्य भी अभी नहीं होंगे. दरअसल, पिछले वर्ष फरवरी महीने में हुई निविदा में अडानी ग्रुप ने 6 एयरपोर्ट के लिए बोली लगाई थी और सभी बोली में अडानी ग्रुप विजेता रहा था.

अडानी ग्रुप ने जिन 6 एयरपोर्ट के लिए बोली लगाई थी, उसमें से लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलुरू को निजी कंपनी को सौंपे जाने का एमओयू हो चुका है. जबकि अन्य तीन एयरपोर्ट जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम को केंद्रीय कोर कैबिनेट के अप्रूवल के बाद ही निजी कंपनी को सौंपा जाएगा. ऐसा माना जा रहा था कि जून माह तक कैबिनेट की अप्रूवल के बाद इन तीनों एयरपोर्ट को निजी कंपनियों को सौंपने का एमओयू हो जाएगा, लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण इन तीनों एयरपोर्टों का एमओयू अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है.

ये भी पढ़ें: टिड्डी रिटर्नः धरतीपुत्रों पर छा रहा संकट का बादल...खेतों में मंडरा रहा टिड्डी दल

जयपुर एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण दिसंबर माह तक टल गया है. अब यह निजीकरण अगले वर्ष हो ही पाएगा. इसके साथ ही जयपुर एयरपोर्ट पर बन रहे नए टर्मिनल की बिल्डिंग का कार्य भी अब अटक गया है. वही निजीकरण होने के बाद ही अब इस बिल्डिंग का कार्य निजी कंपनी के द्वारा ही शुरू किया जाएगा.

जयपुर. दुनिया में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का ग्राफ बढ़ता ही जा रहा है. जिसके चलते देश में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाकर 3 मई तक कर दिया गया है. वहीं कोरोना वायरस वैश्विक महामारी संकट के चलते जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण भी अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है.

जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण टला

बता दें कि पहले जयपुर एयरपोर्ट को जून माह में अडानी ग्रुप को सौंपा जाना प्रस्तावित था, लेकिन कोरोना महामारी से इस प्रक्रिया में कुछ और महीने लगेंगे. वहीं एमओयू नहीं होने से जयपुर एयरपोर्ट के विकास से जुड़े कार्य भी अभी नहीं होंगे. दरअसल, पिछले वर्ष फरवरी महीने में हुई निविदा में अडानी ग्रुप ने 6 एयरपोर्ट के लिए बोली लगाई थी और सभी बोली में अडानी ग्रुप विजेता रहा था.

अडानी ग्रुप ने जिन 6 एयरपोर्ट के लिए बोली लगाई थी, उसमें से लखनऊ, अहमदाबाद और मंगलुरू को निजी कंपनी को सौंपे जाने का एमओयू हो चुका है. जबकि अन्य तीन एयरपोर्ट जयपुर, गुवाहाटी और त्रिवेंद्रम को केंद्रीय कोर कैबिनेट के अप्रूवल के बाद ही निजी कंपनी को सौंपा जाएगा. ऐसा माना जा रहा था कि जून माह तक कैबिनेट की अप्रूवल के बाद इन तीनों एयरपोर्ट को निजी कंपनियों को सौंपने का एमओयू हो जाएगा, लेकिन अब कोरोना वायरस के कारण इन तीनों एयरपोर्टों का एमओयू अगले कुछ महीनों के लिए टल गया है.

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जयपुर एयरपोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी की मानें तो जयपुर एयरपोर्ट का निजीकरण दिसंबर माह तक टल गया है. अब यह निजीकरण अगले वर्ष हो ही पाएगा. इसके साथ ही जयपुर एयरपोर्ट पर बन रहे नए टर्मिनल की बिल्डिंग का कार्य भी अब अटक गया है. वही निजीकरण होने के बाद ही अब इस बिल्डिंग का कार्य निजी कंपनी के द्वारा ही शुरू किया जाएगा.

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