जयपुर. राजस्थान के शिक्षा मंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को स्कूल संचालकों की ओर से 10 करोड़ रुपये की मानहानि का नोटिस दिया गया है. यह मानहानि का नोटिस गोविंद सिंह डोटासरा को 'धंधा' शब्द के इस्तेमाल पर दिया गया है. इस मामले पर बोलते हुए गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने साफ किया कि नोटिस देने का अधिकार हर किसी को है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो मांगें उनकी हैं, उसे लेकर उनका प्रतिनिधि मंडल मुझसे मिलता है और सरकार उनके लिए क्या कुछ नहीं कर रही है ?
उन्होंने कहा कि स्कूल संचालकों की दो मांगे हैं कि एक तो स्कूले खोली जाए. इसके साथ ही दूसरा उनको फीस लेने दी जाए. लेकिन स्कूलों के ताले सरकार ने नहीं बल्कि कोरोना ने लगाए हैं. हरियाणा में सरकार ने स्कूल खोली लेकिन मजबूरी में उन्हें भी फिर से बंद करना पड़ा. वहीं फीस लेने पर सरकार का यही कहना है कि जब बच्चा स्कूल जा ही नहीं रहा है तो बच्चों को डरा धमका कर कोई अगर फीस लेना चाहे तो उसे सरकार परमिशन नहीं कर सकती है.
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उन्होंने कहा कि अगर स्कूल संचालकों की कोई वाजिब मांग होगी तो सरकार के दरवाजे उनके लिए खुले हुए हैं. वह कभी भी वार्ता के लिए आ सकते हैं, लेकिन जिस शब्द का एतराज स्कूल संचालकों ने करते हुए गोविंद डोटासरा को 10 करोड़ का नोटिस दिया है. उस शब्द का इस्तेमाल आज उन्होंने फिर किया और कहा स्कूल संचालक धरने प्रदर्शन छोड़ें. धंधे शब्द को लेकर उन्होंने कहा हम तो हर किसी को कहते हैं कि वह अपना काम धंधा करें, लेकिन कोरोना ने काम बंद करवा रखा हैं. ऐसे में स्कूल संचालक भी धरना प्रदर्शन छोड़ें और अपना काम धंधा करें.