जयपुर. प्रदेश के निजी स्कूल संचालक शिक्षा संकुल में मान्यता के लिए चक्कर लगा रहे हैं. वहीं अधिकारियों पर आरोप लगा रहे हैं कि डॉक्यूमेंट पूरे होने के बावजूद भी उनको मान्यता नहीं दी जा रही है. संचालकों का आरोप है कि वह पिछले 2 वर्ष से स्कूल चला रहे हैं, तब मान्यता को लेकर शिथिलता दी गई थी, लेकिन अब अधिकारी वर्ग इसे मानने से इनकार कर रहे हैं.
जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानिया ने कहा कि इस तरह का कोई मामला नहीं आया है. स्कूलों के लिए जमीन मामले में फिलहाल शिथिलता दी जा रही है. निजी स्कूल संचालक ने बताया कि नियमों में कड़े प्रावधानों को लगाकर सरकार निजी स्कूलों को बंद करने की तैयारी कर रही है. उन्होंने बताया कि लगभग दो हजार स्कूल हैं जिनपर मान्यता को लेकर तलवार लटकी हुई है.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार स्कूलों को मान्यता नहीं दी जाती है तो करीब 10 लाख स्टूडेंट्स का भविष्य और एक लाख से ज्यादा शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के पास इतने संसधान नहीं है कि वे 10 लाख स्टूडेंट्स को पढ़ा सके और एक लाख शिक्षकों को रोजगार दे सके.
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निजी स्कूल संचालकों ने सरकार से अपील की है कि 31 दिसंबर 2019 तक जिस भी स्कूल ने मान्यता और स्थान परिवर्तन की फाइल लगाई है. उसको निपटाकर नई गाइड लाइन बनाई जाए.