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समय पर पेयजल प्रोजेक्ट पूरा नहीं करने वाले कॉन्ट्रैक्ट के अनुबंध होंगे रद्द, प्रमुख शासन सचिव ने दिए निर्देश - major projects in rajasthan

जयपुर में जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश में संचालित मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के लंबित कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों से मॉनिटरिंग और फर्मों के साथ समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए है.

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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा
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Published : Jun 13, 2020, 8:25 PM IST

जयपुर. जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने शनिवार को जयपुर में शासन सचिवालय के एनआईसी स्टूडियो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश में संचालित मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की. यादव ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि प्रोजेक्ट की समय सीमा बार-बार बढ़ाने के बाद भी कई एजेंसीज द्वारा काम पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे 'कॉन्ट्रैक्टर' से समन्वय कर जल्द काम पूरा कराए, फिर भी वे कार्य को पूरा नहीं पा रहे हो तो उनके अनुबंध को रद्द करने के संबंध में कार्रवाई प्रस्तावित करें.

प्रमुख शासन सचिव ने मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की

उन्होंने सभी जिलों में एनआईसी केन्द्रों पर मौजूद मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं से संवाद करते हुए नागौर, अजमेर, भरतपुर, चुरू, जयपुर, कोटा, जोधपुर और उदयपुर के प्रोजेक्ट एरिया के जिलों में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के बारे में बिंदुवार चर्चा की. वीसी के दौरान जिलों में प्रोजेक्ट्स क्रियान्वयन से जुड़ी एजेंसीज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

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प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में प्रदेश में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के लंबित कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों से मॉनिटरिंग और फर्मों के साथ समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के कार्यों को समय पर पूरा कराने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ फर्म के प्रतिनिधि मैनेजमेंट और प्लानिंग के स्तर पर कोई कमी नहीं रखें.

टीम के साथ प्रत्येक इश्यू पर चर्चा करें

यादव ने प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं के बारे में चर्चा कर निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रों में मुख्य ​अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन जिलों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा करें. इसके लिए फील्ड विजिट करे, प्रोजेक्ट्स साइट पर रूके और वहां पूरी टीम के साथ प्रत्येक इश्यू पर बारीकी से चर्चा कर मौके पर समाधान निकाले.

बाधाओं को दूर करने का प्रयास करें

साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर ही प्रोजेक्ट्स की बाधाओं को दूर करने का हर सम्भव प्रयास हो. इसके बाद भी दिक्कत आए तो वस्तुस्थिति के साथ राज्य स्तर पर प्रकरण को भिजवाएं. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि कई प्रोजेक्ट्स में ज्यादातर कार्य पूर्ण हो गया है, बाकी बचे कार्य को पूर्ण करने में फर्मों द्वारा अनावश्यक रूप से अधिक समय लिया जा रहा है. ऐसे प्रोजेक्ट्स के कम्पलीशन में फर्मों को विभाग के अभियंता स्थानीय स्तर पर व्यवहारिक कठिनाइयों के निदान में किसी प्रकार की मदद की आवश्यकता हो तो सहयोग करे.

पढ़ें- टूटी 165 साल पुरानी परंपरा...भगवान जगन्नाथ नहीं करेंगे रथ यात्रा

बैठक में सभी प्रोजेक्ट्स में धरातल पर पूर्ण कार्यों के साथ-साथ वित्तीय प्रगति, क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण के ​लिए स्थानीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों, जल्द ही पूरी होने वाली परियोजनाओं के शेष कार्यों को खत्म करने के लिए आवश्यक 'एप्रोच', बकाया भुगतान और फर्मों से जुड़े प्रकरणों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई.

वीसी के दौरान शासन सचिवालय के एनआईसी सेंटर में जलदाय विभाग के विशिष्ट शासन सचिव बीएल मीना, उप शासन सचिव आरएस मक्कड़, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (प्रशासन) संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दिनेश गोयल के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे.

जयपुर. जलदाय विभाग के प्रमुख शासन सचिव राजेश यादव ने शनिवार को जयपुर में शासन सचिवालय के एनआईसी स्टूडियो से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रदेश में संचालित मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की. यादव ने इस दौरान अधिकारियों से कहा कि प्रोजेक्ट की समय सीमा बार-बार बढ़ाने के बाद भी कई एजेंसीज द्वारा काम पूरा नहीं हो पा रहा है. ऐसे 'कॉन्ट्रैक्टर' से समन्वय कर जल्द काम पूरा कराए, फिर भी वे कार्य को पूरा नहीं पा रहे हो तो उनके अनुबंध को रद्द करने के संबंध में कार्रवाई प्रस्तावित करें.

प्रमुख शासन सचिव ने मेजर प्रोजेक्ट्स की समीक्षा की

उन्होंने सभी जिलों में एनआईसी केन्द्रों पर मौजूद मुख्य अभियंता, अतिरिक्त मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता और अधिशासी अभियंताओं से संवाद करते हुए नागौर, अजमेर, भरतपुर, चुरू, जयपुर, कोटा, जोधपुर और उदयपुर के प्रोजेक्ट एरिया के जिलों में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के बारे में बिंदुवार चर्चा की. वीसी के दौरान जिलों में प्रोजेक्ट्स क्रियान्वयन से जुड़ी एजेंसीज के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे.

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प्रमुख शासन सचिव ने बैठक में प्रदेश में चल रही वृहद पेयजल परियोजनाओं के लंबित कार्यों को गति देने के लिए अधिकारियों से मॉनिटरिंग और फर्मों के साथ समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए है. उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट्स के कार्यों को समय पर पूरा कराने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ फर्म के प्रतिनिधि मैनेजमेंट और प्लानिंग के स्तर पर कोई कमी नहीं रखें.

टीम के साथ प्रत्येक इश्यू पर चर्चा करें

यादव ने प्रोजेक्ट्स के क्रियान्वयन में आ रही बाधाओं के बारे में चर्चा कर निर्देश दिए कि सभी क्षेत्रों में मुख्य ​अभियंता और अतिरिक्त मुख्य अभियंता अपने अधीन जिलों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की प्रगति की समीक्षा करें. इसके लिए फील्ड विजिट करे, प्रोजेक्ट्स साइट पर रूके और वहां पूरी टीम के साथ प्रत्येक इश्यू पर बारीकी से चर्चा कर मौके पर समाधान निकाले.

बाधाओं को दूर करने का प्रयास करें

साथ ही उन्होंने कहा कि स्थानीय स्तर पर ही प्रोजेक्ट्स की बाधाओं को दूर करने का हर सम्भव प्रयास हो. इसके बाद भी दिक्कत आए तो वस्तुस्थिति के साथ राज्य स्तर पर प्रकरण को भिजवाएं. प्रमुख शासन सचिव ने कहा कि कई प्रोजेक्ट्स में ज्यादातर कार्य पूर्ण हो गया है, बाकी बचे कार्य को पूर्ण करने में फर्मों द्वारा अनावश्यक रूप से अधिक समय लिया जा रहा है. ऐसे प्रोजेक्ट्स के कम्पलीशन में फर्मों को विभाग के अभियंता स्थानीय स्तर पर व्यवहारिक कठिनाइयों के निदान में किसी प्रकार की मदद की आवश्यकता हो तो सहयोग करे.

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बैठक में सभी प्रोजेक्ट्स में धरातल पर पूर्ण कार्यों के साथ-साथ वित्तीय प्रगति, क्रियान्वयन में आ रही समस्याओं और उनके निराकरण के ​लिए स्थानीय स्तर पर किए जा रहे प्रयासों, जल्द ही पूरी होने वाली परियोजनाओं के शेष कार्यों को खत्म करने के लिए आवश्यक 'एप्रोच', बकाया भुगतान और फर्मों से जुड़े प्रकरणों के बारे में विस्तार से चर्चा की गई.

वीसी के दौरान शासन सचिवालय के एनआईसी सेंटर में जलदाय विभाग के विशिष्ट शासन सचिव बीएल मीना, उप शासन सचिव आरएस मक्कड़, मुख्य अभियंता (शहरी एवं एनआरडब्ल्यू) सीएम चौहान, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) आरके मीना, मुख्य अभियंता (प्रशासन) संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (तकनीकी) दिनेश गोयल के अलावा अन्य सम्बंधित अधिकारी मौजूद थे.

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