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जयपुर: लगातार बढ़ रहे सब्जियों के दाम, टमाटर का थोक भाव भी 45 रुपये किलो

कोरोना महामारी और आर्थिक मंदी के बीच सब्जियों की कीमत में बढ़ोतरी का दौर भी लगातार जारी है. सबसे अधिक महंगा टमाटर बिक रहा है, जयपुर की मुहाना मंडी में टमाटर का थोक भाव भी 35 से 45 रुपये प्रति किलो तक हो गया है. सब्जियों की कीमतें बढ़ने की वजह से लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है.

सब्जियों की कीमत, Jaipur News
जुलाई के बाद अगस्त महीने के अंत में भी बढ़ी सब्जियों की कीमत
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Published : Aug 28, 2020, 3:44 PM IST

जयपुर. देशभर में कोरोना का कहर जारी है. वहीं, आर्थिक मंदी का दौर भी जारी है. इस बीच कोरोना के चलते महंगाई बढ़ रही है. सब्जी की कीमतों में भी बढ़ोतरी का दौर भी लगातार जारी है. सब्जियों की कीमतें बढ़ने की वजह से आमजन के घरों का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में बेरोजगारी और महंगाई के चलते सबसे ज्यादा परेशान मध्यम वर्ग है.

जुलाई के बाद अगस्त महीने के अंत में भी बढ़ी सब्जियों की कीमत

पढ़ें: Special: गौरक्षा और वचन पालन के लिए तेजाजी ने दिया था बलिदान, तेजादशमी पर खरनाल में लगता है मेला

सब्जी की कीमतों में जुलाई के बाद अगस्त महीने के अंत में जबरदस्त तेजी बनी हुई है. सबसे अधिक महंगा टमाटर बिक रहा है, जयपुर की मुहाना मंडी में टमाटर का थोक भाव भी 35 से 45 रुपये प्रति किलो तक हो गया है. वहीं, खुदरा कीमतें भी 70 से 80 रुपये प्रति किलो है. आलू की कीमतों में भी तेजी का दौर लगातार बना हुआ है. वेयर हाउस से आ रहे आलू कीमतों में प्रति क्विंटल 500 रुपये का उछाल आया है. टिंडा, धनिया, अदरक और अरबी सहित सीजनेबल सब्जियों की कीमतों में भी तेजी का दौर जारी है.

सब्जियों की कीमत, Jaipur News
जयपुर की मुहाना मंडी में बढ़ा टमाटर का थोक भाव

पढे़ं: प्रदेश में कोरोना से मौत का आंकड़ा एक हजार के पार, सबसे अधिक मौत जयपुर में दर्ज

जयपुर सहित प्रदेश भर की सब्जी मंडियों में अधिकतर सब्जियों के थोक भाव दोगुने हो गए हैं. अन्य राज्यों से आ रही सब्जियों की कीमतों में दोहरी मार है. एक तरफ मालभाड़ा बढ़ गया है, वहीं दूसरी तरफ मानसून में देरी का असर भी पड़ने लगा है. इसके चलते आपूर्ति पर सब्जियां महंगी हुई. आस-पास के किसानों द्वारा उगाई जाने वाले टमाटर, शिमला मिर्च, टिंडा और अदरक के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर हैं. अदरक की कीमतों में स्टॉकिस्ट के चलते तेजी है, वहीं आलू और प्याज की कीमतों पर स्टॉकिस्ट हावी हैं. बैंगन और खीरा कीमत अभी स्थिर है. लेकिन, ज्यादातर सब्जी की कीमतों में तेजी का दौर जारी है.

इस तरह इस साल लगातार दूसरे महीने सब्जी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है. लॉकडाउन अवधि के मुकाबले कीमतों में 600 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई है. वहीं, पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने से सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. वहीं मानसून में देरी का असर भी सब्जी आपूर्ति पर पड़ रहा है.

जयपुर. देशभर में कोरोना का कहर जारी है. वहीं, आर्थिक मंदी का दौर भी जारी है. इस बीच कोरोना के चलते महंगाई बढ़ रही है. सब्जी की कीमतों में भी बढ़ोतरी का दौर भी लगातार जारी है. सब्जियों की कीमतें बढ़ने की वजह से आमजन के घरों का बजट बिगड़ गया है. ऐसे में बेरोजगारी और महंगाई के चलते सबसे ज्यादा परेशान मध्यम वर्ग है.

जुलाई के बाद अगस्त महीने के अंत में भी बढ़ी सब्जियों की कीमत

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सब्जी की कीमतों में जुलाई के बाद अगस्त महीने के अंत में जबरदस्त तेजी बनी हुई है. सबसे अधिक महंगा टमाटर बिक रहा है, जयपुर की मुहाना मंडी में टमाटर का थोक भाव भी 35 से 45 रुपये प्रति किलो तक हो गया है. वहीं, खुदरा कीमतें भी 70 से 80 रुपये प्रति किलो है. आलू की कीमतों में भी तेजी का दौर लगातार बना हुआ है. वेयर हाउस से आ रहे आलू कीमतों में प्रति क्विंटल 500 रुपये का उछाल आया है. टिंडा, धनिया, अदरक और अरबी सहित सीजनेबल सब्जियों की कीमतों में भी तेजी का दौर जारी है.

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जयपुर सहित प्रदेश भर की सब्जी मंडियों में अधिकतर सब्जियों के थोक भाव दोगुने हो गए हैं. अन्य राज्यों से आ रही सब्जियों की कीमतों में दोहरी मार है. एक तरफ मालभाड़ा बढ़ गया है, वहीं दूसरी तरफ मानसून में देरी का असर भी पड़ने लगा है. इसके चलते आपूर्ति पर सब्जियां महंगी हुई. आस-पास के किसानों द्वारा उगाई जाने वाले टमाटर, शिमला मिर्च, टिंडा और अदरक के दाम भी रिकॉर्ड स्तर पर हैं. अदरक की कीमतों में स्टॉकिस्ट के चलते तेजी है, वहीं आलू और प्याज की कीमतों पर स्टॉकिस्ट हावी हैं. बैंगन और खीरा कीमत अभी स्थिर है. लेकिन, ज्यादातर सब्जी की कीमतों में तेजी का दौर जारी है.

इस तरह इस साल लगातार दूसरे महीने सब्जी की कीमतों में तेजी दर्ज की गई है. लॉकडाउन अवधि के मुकाबले कीमतों में 600 फीसदी तक की तेजी दर्ज की गई है. वहीं, पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होने से सब्जियों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है. वहीं मानसून में देरी का असर भी सब्जी आपूर्ति पर पड़ रहा है.

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