दिल्ली/जयपुर. राजस्थान के करौली जिले में बीते सप्ताह उपजी हिंसा (Karauli Violence Case), उपद्रव और तनाव के शांत होने के बाद राजनीतिक बयानबाजी बवाल बढ़ा रही है. करौली में 2 अप्रैल को हिन्दू नववर्ष के अवसर पर निकल रही रैली के दौरान हुई हिंसा को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जारी है. वहीं, मामले को लेकर आज सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ और रामलाल शर्मा दिल्ली बीजेपी मुख्यालय में प्रेस वार्ता किया. प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि आज राजस्थान जल रहा है और तुष्टीकरण की राजनीति चरम पर है. हिंदू आतंकवादी शब्द का नाम देने वाली कांग्रेस पार्टी, जहां-जहां हिंदुओं की धर्म जुलूस निकाले जा रहे वहां धारा 144 लगाई जा रही है.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि ऐसी अराजक सरकार मैंने पहले कभी नहीं देखी. राजस्थान में चौपट कानून व्यवस्था से पर्यटन भी प्रभावित हो गया है. सरकार PFI को खुश करने का काम कर रही है. प्रदेश में भय और खौफ का माहौल है. लोग भय में जी रहे हैं. प्रदेश में कोई भी सुरक्षित नहीं है. उन्होंने कहा कि करौली में भड़काऊ नारे लगाए गए. बीकानेर में जुलूस पर रोक लगाई गई. प्रदेश में अल्पसंख्यक लोग त्योहार मनाने से डर रहे हैं.
सतीश पूनिया ने कहा कि प्रियंका गांधी कहती थीं की लड़की हूं लड़ सकती हूं, लेकिन आज राजस्थान में महिलाएं सुरक्षित नहीं है. आज बहुसंख्या खुलकर त्योहार मनाने में भी डरते हैं. राजस्थान को अशोक गहलोत ने जला कर राख कर दिया है. पिछले 3 वर्षों में करीब 7 लाख FIR राजस्थान में दर्ज हुई हैं. इसमें मॉब लिंचिंग के मामले, सांप्रदायिक हिंसा भी हैं और खास तौर पर महिलाओं से दुष्कर्म के मामले एक साल में ही 6,337 सामने आए हैं. राजस्थान की शांति को खत्म करने के लिए केवल अशोक गहलोत दोषी हैं.
पूनिया ने कहा कि राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार की जो तुष्टिकरण की नीति है, उससे साफ नजर आता है कि उन्होंने खुद बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक के नाम से एक पक्ष खड़ा कर दिया है. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने रैली की इजाजत मांगी उन्हें दे दी गई और साम्प्रदायिक नारे लगाए गए. उन्होंने कहा कि करौली में जो हुआ वो भीषण है. इन सबके लिए राजस्थान की कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है. वहीं, राजेंद्र राठौड़ ने भी गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा.
बता दें, मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने तीन-तीन नेताओं की कमेटियों का गठन किया. कमेटियों ने करौली का दौरा किया और अब दोनों पार्टियों के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयान दे रहे हैं. भाजपा के नेताओं का कहना है कि रैली पर पथराव सुनियोजित था और पथराव के लिए एक दिन पहले ही छतों पर भारी मात्रा में पत्थर एकत्रित किए गए थे. उधर, कांग्रेस के नेताओं ने भाजपा नेताओं के आरोपों की सिरे से खारिज करते हुए कहा कि रैली में जानबूझकर भड़काऊ नारे लगाए गए, जिसकी वजह से उपद्रव हुआ.