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Corona In Jaipur Jail: जेल में कैदियों को कोरोना संक्रमण, जेल विभाग ने इस तरह तोड़ी संक्रमण की चेन

प्रदेश में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की चपेट में कैदी भी आने लगे हैं. संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए जयपुर सेंट्रल जेल में भी बचाव के प्रयास तेज हो गए हैं. जेल विभाग ने अपने सिस्टम में कुछ परिवर्तन कर जेल के अंदर कैदियों में कोरोना संक्रमण (Corona cases in Jaipur Central Jail) की चेन को तोड़ने में सफलता हासिल की.

जेल में कैदियों के कोरोना संक्रमण
जेल में कैदियों के कोरोना संक्रमण
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Published : Jan 16, 2022, 6:11 PM IST

Updated : Jan 16, 2022, 7:21 PM IST

जयपुर. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और जेल में बंद कैदी भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. जैसे ही जेल में कैदियों के संक्रमित होने की खबर उनके परिजनों को लगी तो वह भी काफी चिंतित हो गए. जेल में बड़ी तादाद में कैदी बंद है और उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जेल विभाग ने इसे एक चैलेंज की तरह स्वीकार किया. जेल विभाग ने अपने सिस्टम में कुछ परिवर्तन कर जेल के अंदर कैदियों में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफलता हासिल की.

इसके साथ ही जेल के अंदर ही कोविड केयर सेंटर की भी शुरुआत की गई ताकि किसी कैदी की स्थिति नाजुक होने पर उसे तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा सके. इसके साथ ही जेल में कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और अब जेल के अंदर स्थिति सामान्य बनी हुई है.

कोरोना की चपेट में कैदी, बचाव के प्रयास तेज

पढ़ें: Police Headquarters Jaipur News: कोरोना संक्रमण की चपेट में पुलिसकर्मी... पुलिस मुख्यालय ने दिए बचाव के निर्देश

स्पेशल प्रोसीजर के तहत दी जा रही कैदियों को जेल में जगह

जयपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल विभाग ने स्पेशल प्रोसीजर (precautions for prisoners to stop corona chain) अपनाया है. जिसके तहत जेल में केवल उन्हीं नए कैदियों को जगह दी जा रही है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हो रही है. इसके साथ ही यदि किसी कैदी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हो रही है तो उसे आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है और पूर्णता सही होने पर ही उस कैदी को जयपुर सेंट्रल जेल में जगह दी जा रही है. यह प्रभावी तरीका अपनाकर बाहर से जेल के अंदर आने वाले संक्रमण की कड़ी को रोका जा रहा. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी इसी तरह का प्रोसीजर अपनाकर जेल में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाया गया था.

नए कैदियों को रखा जाता है आइसोलेशन वार्ड में

शर्मा ने बताया कि नए कैदियों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद भी उन्हें मुख्य जेल में अन्य कैदियों के साथ शिफ्ट करने से पहले 7 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. ताकि यदि बाहर से उस कैदी के साथ कोई संक्रमण आया है या वह कैदी संक्रमण के वाहक के रूप में काम कर रहा है, तो संक्रमण जेल में बंद अन्य कैदियों तक ना पहुंच सके. 7 दिन के आइसोलेशन के दौरान यदि किसी कैदी में संक्रमण के कोई भी लक्षण पाए जाते हैं तो उसके सैंपल लेकर उसकी पुनः कोरोना जांच करवाई जाती है. आइसोलेशन के 7 दिन पूरे होने के बाद जब कैदियों में संक्रमण का किसी भी तरह का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है तब उन्हें अल्फाबेटिकली मुख्य जेल में अन्य कैदियों के साथ वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

Corona cases in Jaipur Central Jail
जेल के सिस्टम में परिवर्तन

पढ़ें: अलवरः कोरोना रिपोर्ट आने के बाद ही बंदियों को अब जेल में दिया जाएगा प्रवेश

जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी

शर्मा ने बताया कि जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. यदि जेल में बंद किसी भी कैदी में खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है और कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लिया जाता है. वहीं जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर कैदी को जिला जेल में स्थित कोविड केयर सेंटर में इलाज के लिए भेज दिया जाता है. यदि कोई कैदी पूर्व से ही किसी बीमारी से ग्रसित है और वह यदि कोरोना की चपेट में आता है, तो उसे इलाज के लिए बिना देरी किए जेल से आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता है.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ जेल में बंद 361 कैदियों का होगा कोरोना टेस्ट, जयपुर जेल मुख्यालय ने जारी किए आदेश

शुरुआत में 18 कैदी पाए गए संक्रमित, अब स्थिति नियंत्रण में

शर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आहट होते ही जयपुर सेंट्रल जेल में शुरुआत में 18 कैदी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए. जिस पर जेल में मौजूद चिकित्सकों की टीम ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सभी कैदियों को मास्क पहनने के लिए कहा. इसके साथ ही जेल विभाग ने लगातार तमाम वार्ड के सैनिटाइजेशन का काम करना शुरू किया. इस तरह के तमाम उपाय अपनाकर जेल में बंद अन्य कैदियों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाया गया. वर्तमान में जयपुर सेंट्रल जेल में महज 7 एक्टिव केस मौजूद हैं जिनका स्वास्थ्य सामान्य है. इन सभी कैदियों की दोबारा कोरोना जांच करवाई गई है जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त होने की संभावना है. इसके साथ ही जेल में बंद सभी कैदियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने पर विशेष बल दिया गया है. वर्तमान में जेल में बंद सभी कैदी पूर्णता वैक्सीनेटेड हैं और जो नए कैदी जेल में आ रहे हैं उनके भी वैक्सीनेशन पर फोकस किया जा रहा है.

जयपुर. प्रदेश में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है और जेल में बंद कैदी भी इसकी चपेट में आने लगे हैं. जैसे ही जेल में कैदियों के संक्रमित होने की खबर उनके परिजनों को लगी तो वह भी काफी चिंतित हो गए. जेल में बड़ी तादाद में कैदी बंद है और उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए जेल विभाग ने इसे एक चैलेंज की तरह स्वीकार किया. जेल विभाग ने अपने सिस्टम में कुछ परिवर्तन कर जेल के अंदर कैदियों में कोरोना संक्रमण की चेन को तोड़ने में सफलता हासिल की.

इसके साथ ही जेल के अंदर ही कोविड केयर सेंटर की भी शुरुआत की गई ताकि किसी कैदी की स्थिति नाजुक होने पर उसे तमाम स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जा सके. इसके साथ ही जेल में कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है और अब जेल के अंदर स्थिति सामान्य बनी हुई है.

कोरोना की चपेट में कैदी, बचाव के प्रयास तेज

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स्पेशल प्रोसीजर के तहत दी जा रही कैदियों को जेल में जगह

जयपुर सेंट्रल जेल के अधीक्षक राकेश मोहन शर्मा ने बताया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जेल विभाग ने स्पेशल प्रोसीजर (precautions for prisoners to stop corona chain) अपनाया है. जिसके तहत जेल में केवल उन्हीं नए कैदियों को जगह दी जा रही है, जिनकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त हो रही है. इसके साथ ही यदि किसी कैदी की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव प्राप्त हो रही है तो उसे आरयूएचएस अस्पताल में भर्ती करवाया जा रहा है और पूर्णता सही होने पर ही उस कैदी को जयपुर सेंट्रल जेल में जगह दी जा रही है. यह प्रभावी तरीका अपनाकर बाहर से जेल के अंदर आने वाले संक्रमण की कड़ी को रोका जा रहा. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भी इसी तरह का प्रोसीजर अपनाकर जेल में बंद कैदियों को संक्रमण से बचाया गया था.

नए कैदियों को रखा जाता है आइसोलेशन वार्ड में

शर्मा ने बताया कि नए कैदियों की कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव होने के बावजूद भी उन्हें मुख्य जेल में अन्य कैदियों के साथ शिफ्ट करने से पहले 7 दिन तक आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है. ताकि यदि बाहर से उस कैदी के साथ कोई संक्रमण आया है या वह कैदी संक्रमण के वाहक के रूप में काम कर रहा है, तो संक्रमण जेल में बंद अन्य कैदियों तक ना पहुंच सके. 7 दिन के आइसोलेशन के दौरान यदि किसी कैदी में संक्रमण के कोई भी लक्षण पाए जाते हैं तो उसके सैंपल लेकर उसकी पुनः कोरोना जांच करवाई जाती है. आइसोलेशन के 7 दिन पूरे होने के बाद जब कैदियों में संक्रमण का किसी भी तरह का कोई लक्षण नहीं दिखाई देता है तब उन्हें अल्फाबेटिकली मुख्य जेल में अन्य कैदियों के साथ वार्ड में शिफ्ट किया जाता है.

Corona cases in Jaipur Central Jail
जेल के सिस्टम में परिवर्तन

पढ़ें: अलवरः कोरोना रिपोर्ट आने के बाद ही बंदियों को अब जेल में दिया जाएगा प्रवेश

जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी

शर्मा ने बताया कि जेल में बंद कैदियों के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है. यदि जेल में बंद किसी भी कैदी में खांसी, जुखाम या बुखार के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे तुरंत आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाता है और कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लिया जाता है. वहीं जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाए जाने पर कैदी को जिला जेल में स्थित कोविड केयर सेंटर में इलाज के लिए भेज दिया जाता है. यदि कोई कैदी पूर्व से ही किसी बीमारी से ग्रसित है और वह यदि कोरोना की चपेट में आता है, तो उसे इलाज के लिए बिना देरी किए जेल से आरयूएचएस अस्पताल में शिफ्ट कर दिया जाता है.

पढ़ें: चित्तौड़गढ़ जेल में बंद 361 कैदियों का होगा कोरोना टेस्ट, जयपुर जेल मुख्यालय ने जारी किए आदेश

शुरुआत में 18 कैदी पाए गए संक्रमित, अब स्थिति नियंत्रण में

शर्मा ने बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की आहट होते ही जयपुर सेंट्रल जेल में शुरुआत में 18 कैदी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए. जिस पर जेल में मौजूद चिकित्सकों की टीम ने संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए सभी कैदियों को मास्क पहनने के लिए कहा. इसके साथ ही जेल विभाग ने लगातार तमाम वार्ड के सैनिटाइजेशन का काम करना शुरू किया. इस तरह के तमाम उपाय अपनाकर जेल में बंद अन्य कैदियों को संक्रमण की चपेट में आने से बचाया गया. वर्तमान में जयपुर सेंट्रल जेल में महज 7 एक्टिव केस मौजूद हैं जिनका स्वास्थ्य सामान्य है. इन सभी कैदियों की दोबारा कोरोना जांच करवाई गई है जिनकी रिपोर्ट नेगेटिव प्राप्त होने की संभावना है. इसके साथ ही जेल में बंद सभी कैदियों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगवाने पर विशेष बल दिया गया है. वर्तमान में जेल में बंद सभी कैदी पूर्णता वैक्सीनेटेड हैं और जो नए कैदी जेल में आ रहे हैं उनके भी वैक्सीनेशन पर फोकस किया जा रहा है.

Last Updated : Jan 16, 2022, 7:21 PM IST
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