जयपुर. बीवीजी कंपनी और शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था से नाराज मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास मंगलवार को हेरिटेज नगर निगम पहुंचे. यहां अधिकारियों की क्लास लेते हुए उन्हें फील्ड में उतर कर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए.
साथ ही बीवीजी कंपनी को आड़े हाथों लेते हुए कंपनी प्रतिनिधियों से बिना बात किए उन्हें नोटिस देने, और जल्द निगम स्तर पर सफाई व्यवस्था (Pratap Singh Khachariyawas plans to begin cleaning of city with Nagar Nigam sources) सुनिश्चित करते हुए कंपनी को विदा करने की बात कही.
खाचरियावास ने कहा कि नगर निगम का सबसे बड़ा काम है सफाई सुनिश्चित करना. पार्षद कांग्रेस का हो या बीजेपी का उसकी जिम्मेदारी है अपने क्षेत्र का दौरा कर सफाई सुनिश्चित करना. अपने क्षेत्र के उपायुक्त, एसआई, सीएसआई के साथ दौरा करें. फिर भी कोई दिक्कत आती है तो मेयर और कमिश्नर के पास जाएं. उन्होंने कहा कि मेयर और कमिश्नर की सफाई व्यवस्था को लेकर बड़ी जिम्मेदारी है. इस काम में नो कॉम्प्रोमाइज की नीति अपनाते हुए बीवीजी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें.
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मंत्री खाचरियावास ने कहा कि उन्हें बीवीजी शुरू से ही पसंद नहीं है. इसलिए एग्रीमेंट बढ़ाने के लिए मना भी किया गया था. लेकिन अब बीवीजी ये दिमाग से निकाल दे कि उनके भरोसे ही शहर की सफाई व्यवस्था चल रही है. बीवीजी का इलाज होना चाहिए. सरकार से पैसा लेने के बाद भी आए दिन हड़ताल की जाती है. तर्क दिया जाता है कि निगम पर पैसा बकाया है. लेकिन कंपनी सफाई तो करती नहीं, पैसा किस बात का. उन्होंने कहा कि अब निगम प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि एक जोन निर्धारित कर वहां निगम के संसाधनों के साथ सफाई व्यवस्था शुरू करे और कंपनी को धीरे-धीरे विदा करे. वर्तमान में मौसमी बीमारियां फैल रही हैं. ऐसे में सफाई की ज्यादा जरूरत है. अब जिम्मेदारी भी तय होगी और फिर एक्शन लिया जाएगा.
उधर, महापौर मुनेश गुर्जर ने कहा कि शहर की सफाई व्यवस्था से मंत्री ही नहीं हर कोई नाराज है. नगर निगम का काम सफाई व्यवस्था को मजबूत करना है. इसके लिए अब उपायुक्तों को फील्ड में निकलना पड़ेगा. बीवीजी कंपनी से नाराजगी है और अब प्लानिंग यही है की एक जोन में अपने संसाधन लगाकर सफाई व्यवस्था शुरू करेंगे. लेकिन कंपनी को विदा करने से पहले उसका अल्टरनेट जरूर देखना होगा. नहीं तो शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा जाएगी और अब लापरवाह कर्मचारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी.