जयपुर. छात्रसंघ चुनाव में अपनी उम्मीदवारी जताते हुए पोस्टर बैनर से शहर को बदरंग करने वाले छात्र नेताओं के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज की जा रही (FIR against student leaders) है. संपत्ति विरूपण अधिनियम के तहत निगम प्रशासन मुकदमा दर्ज कराने के साथ-साथ ऐसे छात्रों को नोटिस देकर जुर्माना भी वसूलेगा. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन को भी सूचित करेगा कि ऐसे छात्रों को पाबंद करें या फिर चुनाव लड़ने से उन्हें डिसक्वालीफाई करने की कार्रवाई करे.
राजस्थान यूनिवर्सिटी के 26 अगस्त को होने वाले छात्रसंघ चुनावों से पहले जयपुर का नूर उड़ता जा रहा (Posters of student leaders in city) है. पोस्टर-बैनर से साइन बोर्ड, दीवार, सार्वजनिक संपत्ति और स्प्रे पेंट से शहर को बदरंग किया जा रहा है. चुनावों में उम्मीदवारी जता रहे छात्रनेता पूरे शहर को पोस्टर बैनरों से बदरंग कर रहे हैं. ऐसे छात्र नेताओं के खिलाफ अब नगर निगम प्रशासन एफआईआर दर्ज करा रहा है. ग्रेटर नगर निगम कमिश्नर महेंद्र सोनी ने कहा कि राज्य में संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम लागू है. जिसके तहत किसी भी प्रकार की सावर्जनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और खराब करने पर इस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है.
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उन्होंने बताया कि इसके तहत शहर की दीवारों, डिवाइडर सार्वजनिक संपत्ति और साइन बोर्ड पर पेम्पलैट, पोस्टर चिपकाना भी कानूनन गलत है. इस अधिनियम के तहत पहली बार अपराध करने पर एक साल की जेल और पांच से 10 हजार रुपए तक जुर्माना और लगातार अपराध करने पर दो साल जेल और 10 से 20 हजार रुपए जुर्माने के प्रावधान है. ऐसे में अब निगम की ओर से ऐसे छात्रों के खिलाफ मुकदमे दर्ज कराए जा रहे हैं.
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उन्होंने बताया कि निगम ने अपील की थी कि यूनिवर्सिटी के अंदर ही कुछ ऐसे अस्थाई पट्ट लगाकर छात्र नेता प्रचार सामग्री चस्पा करें. लेकिन ये देखने को मिल रहा है कि कैंपस के बाहर भी छात्र नेताओं ने पोस्टर-बैनर लगा रखे हैं. ऐसे में अब जोन को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अब समझाइश का समय जा चुका है, ऐसे छात्रों के खिलाफ अब एफआईआर दर्ज कराई जाए. गांधीनगर थाने में एक एफआईआर दर्ज भी हुई है और निश्चित रूप से आगामी दिनों में एफआईआर की संख्या बढ़ेगी. इसके साथ ही पोस्टर हटवाने और जुर्माने की कार्रवाई भी की जाएगी.
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वहीं डीएसडब्ल्यू सरीना कालिया ने भी छात्र नेताओं से अपील की है कि वो यूनिवर्सिटी और शहर की खूबसूरती को नष्ट ना करें. ऐसे स्थानों पर पोस्टर ना लगाएं जहां से हटाए ना जा सकें. उन्होंने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय सबसे पुराना विश्वविद्यालय है. छात्र नेताओं की ओर से शहर को बदरंग किए जाने से यूनिवर्सिटी की छवि भी बिगड़ रही है. जबकि छात्र नेता यूनिवर्सिटी का एक जिम्मेदार छात्र है. उसे दूसरे सामान्य छात्रों के सामने एक उदाहरण पेश करना चाहिए. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि ऐसे छात्रों के खिलाफ ना सिर्फ निगम प्रशासन बल्कि यूनिवर्सिटी प्रशासन की ओर से भी एफआईआर दर्ज कराई जा रही है. यदि ऐसे छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई तो फिर ये छात्र चुनाव भी नहीं लड़ पाएंगे.