जयपुर. जैसलमेर जिले के रामदेवरा गांव के किसान गिरधारी राम भील द्वारा रविकर को प्रशासन की ओर से उसका टांका तोड़ने की घटना से आहत होकर पोकरण थाना परिसर में पेट्रोल डालकर आत्महत्या का प्रयास किया था.
इस मामले में बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार की आपसी लड़ाई का परिणाम प्रदेश की निर्धन जनता को भुगतना पड़ रहा है और पिछले दिनों 11 भील समाज के पाक विस्थापित नागरिकों की संदेहास्पद मौत का आज तक खुलासा नहीं हुआ. अब भील समाज का निर्धन किसान पानी का होद तोड़ देने के प्रकरण में न्याय की उम्मीद लेकर प्रशासन के पास गया. न्याय नहीं मिलने से आहत होकर उसने थाना परिसर में जाकर खुद को आग लगाई और आत्महत्या करने का प्रयास किया.
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सांसद बेनीवाल ने कहा कि झुलसे व्यक्ति का सरकारी खर्च पर उच्च स्तरीय चिकित्सा संस्थान में निःशुल्क इलाज होना चाहिए और थाना परिसर में आत्महत्या करने का प्रयास का यह बड़ा प्रकरण है. इस घटना की पूरी जांच होनी चाहिए. एक व्यक्ति को किस कारण से ऐसा कृत्य करने पर मजबूर होना पड़ा और दोषी प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज होना चाहिए.
बेनीवाल ने कहा कि ये प्रकरण साबित करता है कि प्रशासन और पुलिस मुख्यमंत्री के गृह संभाग में ही जनता के अधिकार के प्रति गंभीर नहीं है. जिस पेट्रोल पंप संचालक ने उसे बोतल में पेट्रोल दिया उस पम्प का लाइसेंस निरस्त करके उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.