जयपुर. नोटबंदी में पैरामिलिट्री फोर्स की निगरानी में भाजपा मुख्यालय पर पैसे भेजे जाने को सीएम अशोक गहलोत की ओर से दिए बयान से सियासी उबाल आ गया है. इस पूरे मामले पर बीजेपी आक्रमक हो गई है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ सहित तमाम बीजेपी के बड़े नेताओं ने इसपर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत को मानसिक रूप से विचलित करार दे दिया. पुनिया ने कहा कि गहलोत गजनी फिल्म के आमिर खान की तरह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस वाले हो गए हैं. वहीं राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के नेता पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के आकाओं की भाषा बोलते हैं.
पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन दिनों कुर्सी की असुरक्षा से इतने असहज और विचलित हो गए हैं कि वह गैर (CM Gehlot Controversial Statement) जिम्मेदाराना बयान देने लगे हैं. यह भी समझ से बाहर है कि एक प्रदेश का मुखिया ऐसी गैर जिम्मेदार और बेबुनियाद बातें करेगा. इस तरह से पैरामिलिट्री फोर्स का अपमान करना निंदनीय है. उन्हें अपने इस बयान पर माफी मांगनी चाहिए.
पूनिया ने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स के जवान देश की आंतरिक और बाहरी सुरक्षा करते हैं. मुख्यमंत्री ने जिस तरह से उनपर टिप्पणी (Controversial Statement on paramilitary force) की है, यह निंदनीय है. उन्होंने कहा कि क्या यह संभव है कि किसी भी पार्टी या सरकार में पैरामिलिट्री फोर्स नोटों की गाड़ियां भरकर दफ्तर में पहुंचा दे. उन्होंने कहा कि पैरामिलिट्री फोर्स और राजनीतिक दल के ऊपर इस तरह की टिप्पणी उनके मानसिक विचलन को ही प्रदर्शित करता है.
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पूनिया ने कहा कि धीरे-धीरे कांग्रेस देश के नक्शे से गायब हो रही है. इसलिए वह विचलित हो रहे हैं. उन्हें लगता है कि आने वाले दिनों में राजस्थान भी उनके हाथ से जा रहा है. उन्होंने पैरामिलिट्री को निशाने पर लिया, उनको माफी मांगनी चाहिए. पूनिया ने कहा कि कांग्रेस में इस तरह की परिपाटी रही होगी. कोरोना के बाद से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गजनी फिल्म के आमिर खान की तरह शॉर्ट टर्म मेमोरी लॉस होने लगी है. इसलिए संभव है कि वह कांग्रेस की बात बता रहे होंगे और बीजेपी का नाम उनसे निकल गया होगा. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि कांग्रेस ने 55 वर्षों में यह काम किया हो, इसलिए वो ऐसा बयान दे रहे हैं.
गहलोत ने दिया बिना प्रमाण का बयानः उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बेबुनियाद (Rajendra Rathode Condemned Gehlot statement) और बिना प्रमाण के आरोप लगाया है. राठौड़ ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर जहां एक ओर प्रत्येक देशवासी भारतीय जवानों की बहादुरी को सलाम कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री ऐसे बचकाने बयान देकर देश की आंतरिक सुरक्षा में तैनात पैरामिलिट्री फोर्सेज और पुलिस के जवानों की भावनाओं को आहत कर रहे हैं.
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राठौड़ ने कहा कि प्रश्न यह है कि अगर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास नोटबंदी के नाम पर पैरामिलिट्री के ट्रकों में भाजपा कार्यालयों में पैसा पहुंचाने के आरोपों को लेकर कोई ठोस सबूत है तो वह सार्वजनिक क्यों नहीं करते? उन्हें इसकी कोई जानकारी थी तो वह इतने दिनों तक चुप क्यों रहे ? राठौड़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत अशोक गहलोत अनर्गल बयानबाजी करके पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों का निरंतर अपमान कर रहे हैं. मुख्यमंत्री को अपने इस बयान को वापिस लेकर तत्काल रूप से माफी मांगनी चाहिए.
कर्नल राठौड़ ने भी साधा निशाना: बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैरामिलिट्री फोर्स को लेकर दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने बयान पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने देश के अर्ध सैनिक (Rajyavardhan singh Rathode Targeted Gehlot) बलों का ही नहीं बल्कि उनकी माताओं का भी अपमान किया है. कांग्रेस पाकिस्तान में बैठे आतंकवाद के आकाओं की भाषा बोल रही है.
पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की भाषा: राज्यवर्धन सिंह ने कहा कि इससे घिनौना और इससे भद्दा कोई बयान हो नहीं सकता. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपने पद की गरिमा का ध्यान रखना चाहिए था. यह उनकी विकृत मानसिकता है जो लंबे समय से चली आ रही है. अपनी सेना के ऊपर शक करते रहना, अपनी सेना के हाथ बांधकर उन्हें कमजोर करना. राठौड़ ने कहा कि जो अपमान किया है और अर्धसैनिकों का ही नहीं बल्कि उनकी माताओं का भी अपमान है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से ही भारतीय सेना पर सवाल उठाती है. जब पुलवामा की घटना के जवाब में भारतीय सेना ने सर्जिकल स्ट्राइक किया था, उस पर संदेह किया गया. राठौड़ ने कहा कि यह बार-बार सैनिकों पर सवाल उठाते इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सार्वजनिक रूप से सैनिकों से और उनकी माताओं से माफी मांगनी चाहिए.
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मुद्दा भटकाने के देते हैं बयान: कर्नल राठौड़ ने कहा कि जालोर में जो घटना हुई उसके बाद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अर्ध सैनिक को लेकर अपना बयान दिया. गहलोत ये बयान देकर राजस्थान में हो रही घटनाओं से ध्यान भटका रहे हैं. जब भी कोई घटना प्रदेश में होती है तो सीएम गहलोत इस तरह से का बयान देते है ताकि मुद्दा भटक जाए. उन्होंने कहा कि जब भी जिम्मेदारी की बात आती है तो दिल्ली की तरफ सवाल उठा देते हैं. राजस्थान में अगर सत्ता कांग्रेस की है तो जिम्मेदारी भी इनकी होनी चाहिए.
गहलोत का बौखलाहट भरा बयान: राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पैरामिलिट्री फोर्सेज और सेना पर दिया गया बयान बौखलाहट भरा हुआ है. उन्होंने कहा कि सेना के तर्कों में पैसे भर कर बीजेपी कार्यालय पहुंचाने वाले बयान मुख्यमंत्री स्तर के नेता को शोभा (Ghanshyam Tiwari demands apology from Gehlot) नहीं देता. ये उनकी घबराहट का बयान है. मुख्यमंत्री से कहूंगा कि वह देश की सेना से इस बयान को लेकर माफी मांगे और अपने बयान को वापस लें.