ETV Bharat / city

स्पेशल स्टोरी: लॉकडाउन में सुंदर हुई प्रकृति, शहर का पीएम 2.5 से भी कम हुआ दर्ज - jaipur special story

कोरोना संक्रमण के चलते पूरे देश में लॉकडाउन जारी है. जिसके चलते देश को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लेकिन इस बीच ध्यान देने वाली बात यह है कि इस लॉकडाउन का हमारे पर्यावरण पर बहुत ही खूबसूरत असर देखने को मिल रहा है. प्रदूषण कम होने से अब प्रकृति और भी सुंदर और स्वच्छ लगने लगी है.

लॉकडाउन में सुंदर प्रकृति, Beautiful environment in lockdown
लॉकडाउन में सुंदर प्रकृति
author img

By

Published : Apr 29, 2020, 8:29 PM IST

जयपुर. कोरोना महामारी ने इंसानी जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. लेकिन संकट की इस घड़ी में लगे लॉकडाउन का हमारे पर्यावरण पर सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. इंसान घर में तो कैद है, लेकिन शुद्ध सांस ले रहा है. सड़कों पर वाहन जहर नहीं उगल रहे. आसमान साफ है और प्रकृति मुस्कुरा रही है.

ऐसे में यह सवाल उठता है कि लॉकडाउन से निखरा प्रकृति का यह स्वरूप क्या इसके बाद भी यूं ही बरकरार रहेगा. पर्यावरण विद् बाबूलाल जाजू की मानें तो लॉकडाउन ने मानव जीवन को बहुत कुछ दिया है. वाहनों की रेलम पेल बंद होने से प्रकृति को काफी राहत मिली है. बाबूलाल जाजू ने सरकार से मांग की है कि सप्ताह में एक दिन वाहनों का संचालन बंद होना चाहिए.

लॉकडाउन में सुंदर हुई प्रकृति

इन दिनों गंगा का पानी स्वच्छ हो गया है और चंबल साफ हो गई है. वहीं हवा साफ हुई तो शहरों से दूरदराज की पहाड़ियां भी दिखने लग गईं हैं. धुंध और स्मोक से धुंधला दिखने वाला इंडिया गेट साफ दिखने लग गया. इस दौरान हर शहर का पर्टिकुलेट मैटर भी 2.5 नीचे आ गया है. लॉकडाउन के बाद पेट्रोलियम की बर्बादी कम हो रही है और पानी का दोहन भी कम हो रहा है.

पढ़ें: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफान खान का निधन

वहीं इन दिनों वन्यजीवों के सड़क पर उतर आने की तस्वीरें और विडियो भी लगातार सामने आ रहे हैं. वन्यजीव संरक्षणकर्ता एवं वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल रोजर्स ने बताया कि लॉकडाउन में उन्होंने बटरफ्लाइज की 15 प्रजातियों को उदयपुर स्थित घर में रिकॉर्ड किया है. अब तक कुल 43 प्रजातियों को रिकॉर्ड कर चुके हैं. वहीं भीलवाड़ा से प्रोफेसर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर डॉ. अनिल त्रिपाठी ने भी लगभग 8 से 10 तितली की प्रजातियों को घर में रिकॉर्ड किया है. वह भी भीलवाड़ा से कुल 40 से अधिक प्रजातियां रिकॉर्ड कर चुके हैं. वहीं जयपुर से भी कई वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर घर से लिए गए पक्षियों के फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

जयपुर. कोरोना महामारी ने इंसानी जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. लेकिन संकट की इस घड़ी में लगे लॉकडाउन का हमारे पर्यावरण पर सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है. इंसान घर में तो कैद है, लेकिन शुद्ध सांस ले रहा है. सड़कों पर वाहन जहर नहीं उगल रहे. आसमान साफ है और प्रकृति मुस्कुरा रही है.

ऐसे में यह सवाल उठता है कि लॉकडाउन से निखरा प्रकृति का यह स्वरूप क्या इसके बाद भी यूं ही बरकरार रहेगा. पर्यावरण विद् बाबूलाल जाजू की मानें तो लॉकडाउन ने मानव जीवन को बहुत कुछ दिया है. वाहनों की रेलम पेल बंद होने से प्रकृति को काफी राहत मिली है. बाबूलाल जाजू ने सरकार से मांग की है कि सप्ताह में एक दिन वाहनों का संचालन बंद होना चाहिए.

लॉकडाउन में सुंदर हुई प्रकृति

इन दिनों गंगा का पानी स्वच्छ हो गया है और चंबल साफ हो गई है. वहीं हवा साफ हुई तो शहरों से दूरदराज की पहाड़ियां भी दिखने लग गईं हैं. धुंध और स्मोक से धुंधला दिखने वाला इंडिया गेट साफ दिखने लग गया. इस दौरान हर शहर का पर्टिकुलेट मैटर भी 2.5 नीचे आ गया है. लॉकडाउन के बाद पेट्रोलियम की बर्बादी कम हो रही है और पानी का दोहन भी कम हो रहा है.

पढ़ें: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता इरफान खान का निधन

वहीं इन दिनों वन्यजीवों के सड़क पर उतर आने की तस्वीरें और विडियो भी लगातार सामने आ रहे हैं. वन्यजीव संरक्षणकर्ता एवं वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर अनिल रोजर्स ने बताया कि लॉकडाउन में उन्होंने बटरफ्लाइज की 15 प्रजातियों को उदयपुर स्थित घर में रिकॉर्ड किया है. अब तक कुल 43 प्रजातियों को रिकॉर्ड कर चुके हैं. वहीं भीलवाड़ा से प्रोफेसर वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर डॉ. अनिल त्रिपाठी ने भी लगभग 8 से 10 तितली की प्रजातियों को घर में रिकॉर्ड किया है. वह भी भीलवाड़ा से कुल 40 से अधिक प्रजातियां रिकॉर्ड कर चुके हैं. वहीं जयपुर से भी कई वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर घर से लिए गए पक्षियों के फोटोज सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.