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जारी है बुलडोजर पर सियासत, जयपुर में भी पीले पंजे ने कई अवैध निर्माणों को किया जमींदोज!

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Published : Apr 23, 2022, 12:05 PM IST

बुलडोजर इतना सुर्खियों में कभी नहीं रहा जितना अब है. इस बड़ी मशीन के खबरों में छाने का सिलसिला यूपी विधानसभा चुनावों से शुरू हुआ तो मध्यप्रदेश, दिल्ली होते हुए राजस्थान तक पहुंच गया है. सियासत खूब हो रही है. प्रदेश में अलवर के तीन मंदिरों को ढहाए जाने के बाद मुद्दा ज्वलंत बन गया है. भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे को निशाने पर ले रहे हैं. प्रदेश में जिस कांग्रेस की सरकार है उसने जयपुर में भी बुलडोजर (Politics Over Bulldozer In Rajasthan) कम नहीं चलवाए. कम से कम आंकड़ें तो यही बताते हैं.

Politics Over Bulldozer In Rajasthan
पीले पंजे ने कई अवैध निर्माणों को किया जमीदोज

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये कहा था कि बुलडोजर चलाकर किसी के आशियाने या रोजी-रोटी को ध्वस्त करना एक बेहतर सुशासन की तस्वीर नहीं हो सकती है.सरकारों को ये हक किसी भी कानून में नहीं है. इस बीच चंद वाकये इस तरह के हमारे सामने हैं जो ये जाहिर करते हैं कि अगर प्रशासन की आंख में कोई निर्माण खटक जाता है, तो फिर उसका नतीजा बुलडोजर से ध्वस्त होने की कार्रवाई के रूप में ही सामने आता है. राजधानी की तस्वीर भी इससे जुदा नहीं है. फिर चाहे जयपुर विकास प्राधिकरण और दोनों नगर निगम की रोजाना होने वाली कार्रवाई (Politics Over Bulldozer In Rajasthan) से जुड़े हों या फिर सुर्खियों में रहे रीट प्रकरण के मुख्य आरोपी राम कृपाल मीणा के कॉलेज से लेकर घर तक चले पीले पंजे का हो.आंकड़े ये भी बताते हैं कि राजधानी में औसतन हर रोज दो से तीन अवैध निर्माण पर बुलडोजर (Demolition Drive In Jaipur) चलता है. ऐसे में बीजेपी के सरकार पर सवाल और सरकार के पलटवार के बीच ईटीवी भारत ने स्थाई अस्थाई अवैध निर्माणों पर चलने वाले लोहे के पंजे (structures demolished by JCB In Jaipur) पर अपनी पड़ताल की.

पीले पंजे का खौफ:जयपुर में जेडीए और दोनों निगम हर दिन 2 से 3 कार्रवाई कर रहे हैं.अवैध निर्माण को हटाने के लिए यहां भी बुलडोजर का इस्तेमाल हो रहा है। फिर चाहें खुदाई करनी हो, तोड़फोड़ या किसी निर्माण को हटाना हो. जयपुर में हर दिन जेडीए, ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम की विजिलेंस टीम अवैध निर्माण, स्थाई-अस्थाई अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर कब्जा और अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों पर कार्रवाई कर रही है.

जयपुर में पीले पंजे का जोर

पढ़ें-मास्टर प्लान का चला बुलडोजर, अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिर ध्वस्त...कांग्रेस विधायक बोले- भाजपा के 34 पार्षदों की सहमति से हुआ सब

जेडीए की ओर से इस साल अब तक हुई कार्रवाई पर एक नजर;

अवैध बिल्डिंग/फ्लैट्स/ व्यवसायिक भवनों का ध्वस्तीकरण5 इमारत
सरकारी भूमि से हटाया गया अतिक्रमण159 बीघा
नवीन अवैध कॉलोनियों का ध्वस्तीकरण 90 कॉलोनी

ये भी पढ़ें- हेरिटेज निगम में मच रहा बवाल, पार्षद बोर्ड बैठक और कर्मचारी सैलरी को लेकर लामबंद...

हेरिटेज नगर निगम में इस साल अब तक हुई कार्रवाई:

अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई648
सरकारी भूमि पर से हटाए स्थाई अतिक्रमण251


ग्रेटर नगर निगम में इस साल अब तक हुई कार्रवाई :

अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई 1030
सरकारी भूमि पर से हटाए स्थाई अतिक्रमण 57

जीरो टॉलरेंस के तहत कार्रवाई: बीते दिनों रीट पेपर प्रकरण में आरोपी राम कृपाल मीणा की ओर से किए गए राजकीय भूमि पर अतिक्रमण को हटाने की प्रकरण ने तो राजस्थान में भी जमकर सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि उस वक्त इस पर राजनीति नहीं, बल्कि पीठ थपथपाने का काम हुआ. जयपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन ने बताया कि रीट पेपर लीक प्रकरण के आरोपी ने द्रव्यवती नदी से लगती हुई खातली प्रकृति की सरकारी जमीन अतिक्रमण कर स्कूल कॉलेज संचालित कर रखा था. जिसकी शिकायत मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और नई अवैध कॉलोनियों पर जीरो टॉलरेंस की कार्रवाई की जाती है. ये कार्रवाई बिना किसी दबाव के मेरिट आधार पर नियमित रूप से की जाती है.

वसूली जाती है जुर्माना राशि: ग्रेटर नगर निगम के विजिलेंस उपायुक्त सेठाराम ने बताया कि जोन और मुख्यालय पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर निगम क्षेत्र में अस्थाई अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर किए गए स्थाई- अस्थाई निर्माण पर कार्रवाई करते हुए, जुर्माना राशि भी वसूली जाती है. साथ ही जब्त किए गए सामान को छोड़ने पर भी परिवहन शुल्क वसूला जाता है. हेरिटेज नगर निगम के विजिलेंस उपायुक्त नीलकमल ने स्पष्ट किया कि विजिलेंस टीम सीधे तौर पर सरकारी जमीन पर किए गए स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण पर ही कार्रवाई करती है. जबकि अवैध निर्माण पर जोन स्तर पर ही कार्रवाई की जाती है.बीते दिनों निगम क्षेत्र में की गई चेतन कच्ची बस्ती को खाली कराने की कार्रवाई में जोन और विजिलेंस टीम के साथ-साथ जेडीए का भी सहयोग लिया गया था.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ये कहा था कि बुलडोजर चलाकर किसी के आशियाने या रोजी-रोटी को ध्वस्त करना एक बेहतर सुशासन की तस्वीर नहीं हो सकती है.सरकारों को ये हक किसी भी कानून में नहीं है. इस बीच चंद वाकये इस तरह के हमारे सामने हैं जो ये जाहिर करते हैं कि अगर प्रशासन की आंख में कोई निर्माण खटक जाता है, तो फिर उसका नतीजा बुलडोजर से ध्वस्त होने की कार्रवाई के रूप में ही सामने आता है. राजधानी की तस्वीर भी इससे जुदा नहीं है. फिर चाहे जयपुर विकास प्राधिकरण और दोनों नगर निगम की रोजाना होने वाली कार्रवाई (Politics Over Bulldozer In Rajasthan) से जुड़े हों या फिर सुर्खियों में रहे रीट प्रकरण के मुख्य आरोपी राम कृपाल मीणा के कॉलेज से लेकर घर तक चले पीले पंजे का हो.आंकड़े ये भी बताते हैं कि राजधानी में औसतन हर रोज दो से तीन अवैध निर्माण पर बुलडोजर (Demolition Drive In Jaipur) चलता है. ऐसे में बीजेपी के सरकार पर सवाल और सरकार के पलटवार के बीच ईटीवी भारत ने स्थाई अस्थाई अवैध निर्माणों पर चलने वाले लोहे के पंजे (structures demolished by JCB In Jaipur) पर अपनी पड़ताल की.

पीले पंजे का खौफ:जयपुर में जेडीए और दोनों निगम हर दिन 2 से 3 कार्रवाई कर रहे हैं.अवैध निर्माण को हटाने के लिए यहां भी बुलडोजर का इस्तेमाल हो रहा है। फिर चाहें खुदाई करनी हो, तोड़फोड़ या किसी निर्माण को हटाना हो. जयपुर में हर दिन जेडीए, ग्रेटर नगर निगम और हेरिटेज नगर निगम की विजिलेंस टीम अवैध निर्माण, स्थाई-अस्थाई अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर कब्जा और अवैध रूप से बसाई जा रही कॉलोनियों पर कार्रवाई कर रही है.

जयपुर में पीले पंजे का जोर

पढ़ें-मास्टर प्लान का चला बुलडोजर, अलवर के राजगढ़ में तीन मंदिर ध्वस्त...कांग्रेस विधायक बोले- भाजपा के 34 पार्षदों की सहमति से हुआ सब

जेडीए की ओर से इस साल अब तक हुई कार्रवाई पर एक नजर;

अवैध बिल्डिंग/फ्लैट्स/ व्यवसायिक भवनों का ध्वस्तीकरण5 इमारत
सरकारी भूमि से हटाया गया अतिक्रमण159 बीघा
नवीन अवैध कॉलोनियों का ध्वस्तीकरण 90 कॉलोनी

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हेरिटेज नगर निगम में इस साल अब तक हुई कार्रवाई:

अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई648
सरकारी भूमि पर से हटाए स्थाई अतिक्रमण251


ग्रेटर नगर निगम में इस साल अब तक हुई कार्रवाई :

अस्थाई अतिक्रमण पर कार्रवाई 1030
सरकारी भूमि पर से हटाए स्थाई अतिक्रमण 57

जीरो टॉलरेंस के तहत कार्रवाई: बीते दिनों रीट पेपर प्रकरण में आरोपी राम कृपाल मीणा की ओर से किए गए राजकीय भूमि पर अतिक्रमण को हटाने की प्रकरण ने तो राजस्थान में भी जमकर सुर्खियां बटोरी थीं. हालांकि उस वक्त इस पर राजनीति नहीं, बल्कि पीठ थपथपाने का काम हुआ. जयपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन ने बताया कि रीट पेपर लीक प्रकरण के आरोपी ने द्रव्यवती नदी से लगती हुई खातली प्रकृति की सरकारी जमीन अतिक्रमण कर स्कूल कॉलेज संचालित कर रखा था. जिसकी शिकायत मिलने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की गई. उन्होंने स्पष्ट किया कि अवैध निर्माण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण और नई अवैध कॉलोनियों पर जीरो टॉलरेंस की कार्रवाई की जाती है. ये कार्रवाई बिना किसी दबाव के मेरिट आधार पर नियमित रूप से की जाती है.

वसूली जाती है जुर्माना राशि: ग्रेटर नगर निगम के विजिलेंस उपायुक्त सेठाराम ने बताया कि जोन और मुख्यालय पर प्राप्त शिकायतों के आधार पर निगम क्षेत्र में अस्थाई अतिक्रमण, सरकारी भूमि पर किए गए स्थाई- अस्थाई निर्माण पर कार्रवाई करते हुए, जुर्माना राशि भी वसूली जाती है. साथ ही जब्त किए गए सामान को छोड़ने पर भी परिवहन शुल्क वसूला जाता है. हेरिटेज नगर निगम के विजिलेंस उपायुक्त नीलकमल ने स्पष्ट किया कि विजिलेंस टीम सीधे तौर पर सरकारी जमीन पर किए गए स्थाई और अस्थाई अतिक्रमण पर ही कार्रवाई करती है. जबकि अवैध निर्माण पर जोन स्तर पर ही कार्रवाई की जाती है.बीते दिनों निगम क्षेत्र में की गई चेतन कच्ची बस्ती को खाली कराने की कार्रवाई में जोन और विजिलेंस टीम के साथ-साथ जेडीए का भी सहयोग लिया गया था.

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