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Bengal Violence पर सियासत तेज, RSS से जुड़े संगठन बीएमएस ने दी ये चेतावनी - violence in west bengal

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं पर राजनीति तेज हो गई है. बीजेपी इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर हमलावर ही है कि अब आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की है.

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Bengal Violence पर सियासत तेज
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Published : Jun 3, 2021, 4:20 PM IST

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं पर राजनीति तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर हमलावर ही है. अब आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की है. संघ ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को नामित ​ज्ञापन गुरुवार को डीएम जगरूप सिंह यादव को सौंपा. ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय पुलिस को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

प्रदेश महामंत्री, हरिमोहन शर्मा का बयान...

संघ (RSS) के प्रदेश महामंत्री हरिमोहन शर्मा ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में निर्दोष मजदूरों को अपना निशाना बनाया. बीरभूम, कूच बिहार मेदिनीपुर, कोलकाता, उत्तर और दक्षिणी परगना जिलों में हजारों की संख्या में हिंदुओं को मारपीट कर पलायन करने के लिए बाध्य किया गया. इस दौरान महिलाओं को भी बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया. इस दौरान लगभग 5000 दुकानों को जला दिया गया.

यह भी पढ़ें: जयपुर में तेजी से बढ़ रहा ब्लैक फंगस का कहर, SMS की स्थिति चिंताजनक

वहीं, स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अपराधियों के विरुद्ध न तो कोई मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई की. दक्षिण चौबीस परगना व पूर्वी मेदिनीपुर जिले में मछुआरों को उनके गांवों से भगा दिया गया और हथकरघा बनकरों के बुनाई के उपकरण भी नष्ट कर दिए गए. ऐसे में संघ की मांग है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और सीएम हिंसा और उपद्रव की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो संघ की ओर से सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.

जयपुर. विधानसभा चुनाव के बाद पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा की घटनाओं पर राजनीति तेज हो गई है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) इस मामले में पश्चिम बंगाल सरकार पर हमलावर ही है. अब आरएसएस से जुड़े भारतीय मजदूर संघ ने भी मामले को लेकर नाराजगी जाहिर की है. संघ ने इस संबंध में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और मुख्यमंत्री को नामित ​ज्ञापन गुरुवार को डीएम जगरूप सिंह यादव को सौंपा. ज्ञापन में संघ के पदाधिकारियों ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं और स्थानीय पुलिस को इन घटनाओं के लिए जिम्मेदार ठहराया है.

प्रदेश महामंत्री, हरिमोहन शर्मा का बयान...

संघ (RSS) के प्रदेश महामंत्री हरिमोहन शर्मा ने टीएमसी पर आरोप लगाते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के बाद बंगाल में टीएमसी के कार्यकर्ताओं ने कई जिलों में निर्दोष मजदूरों को अपना निशाना बनाया. बीरभूम, कूच बिहार मेदिनीपुर, कोलकाता, उत्तर और दक्षिणी परगना जिलों में हजारों की संख्या में हिंदुओं को मारपीट कर पलायन करने के लिए बाध्य किया गया. इस दौरान महिलाओं को भी बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया. इस दौरान लगभग 5000 दुकानों को जला दिया गया.

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वहीं, स्थानीय पुलिस प्रशासन ने अपराधियों के विरुद्ध न तो कोई मुकदमा दर्ज किया और न ही कोई कार्रवाई की. दक्षिण चौबीस परगना व पूर्वी मेदिनीपुर जिले में मछुआरों को उनके गांवों से भगा दिया गया और हथकरघा बनकरों के बुनाई के उपकरण भी नष्ट कर दिए गए. ऐसे में संघ की मांग है कि पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और सीएम हिंसा और उपद्रव की घटनाओं को तुरंत रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करें. अगर ऐसा नहीं किया गया, तो संघ की ओर से सभी जिलों में विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा.

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