जयपुर. राजस्थान की राजनीति में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सियासत का जादूगर कहा जाता है. लेकिन पिछली कुछ घटनाओं को देखें तो सूबे के मुखिया अपने ही प्रदेश की सियासत और जिम्मेदारियों से पिछड़ते नजर आ रहे है. फिर चाहे जालोर में दलित छात्र की मौत का मामला हो या प्रदेश के बाढ़ ग्रस्त इलाकों में हवाई दौरों का. हर बार उनके सियासी प्रतिद्वंदी इसमें बाजी मारते दिख रहे हैं. सियासत के जादूगर किस तरह अपने ही प्रदेश की सियासत में पिछड़ रहे हैं, देखिए इस खास रिपोर्ट में.
राजनीति में 'टाइमिंग' का बड़ा महत्व है. सही समय पर उठाया गया सही कदम और दिया गया सियासी मैसेज काफी असर करता है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सियासत में सही टाइमिंग का मास्टर माना जाता है, लेकिन हाल ही कुछ घटनाएं (CM Gehlot Politics) ऐसी रही कि गहलोत की टाइमिंग सियासी दृष्टि से सही नहीं बैठ पाई.
जालोर दलित छात्र की मौत मामले में पायलट ने मारी बाजी : पहली घटना जालोर के सुराणा गांव में दलित बच्चे इंद्र कुमार की शिक्षक की पिटाई से हुई मौत की है. जिसमें पीड़ित परिवार के पास गहलोत तो नहीं, लेकिन सियासी रूप से उनके प्रतिद्वंदी सचिन पायलट जरूर पहुंच गए. इस घटना को लेकर राहुल गांधी ने 14 अगस्त को ट्वीट किया था. इसके बाद 16 अगस्त को सचिन पायलट पीड़ित परिवार से मिलने सुराणा गांव पहुंचे. ऐसे में सियासी रूप से जो मैसेज सीएम गहलोत को देना चाहिए था, उसमें पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बाजी मारी. हालांकि, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी इस पीड़ित परिवार से मिले और कांग्रेस की कमेटी में शामिल दो अन्य मंत्री भी, लेकिन सचिन पायलट का यहां पहुंचना सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बना रहा.
बाढ़ ग्रस्त इलाकों का हवाई सर्वे में वसुंधरा से पिछड़े गहलोत : अशोक गहलोत प्रदेश के मुखिया हैं, लेकिन जब प्रदेश के कोटा संभाग में बाढ़ के हालात बने तब गहलोत दिल्ली और गुजरात की राजनीति में ज्यादा व्यस्त थे. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने इन क्षेत्रों का हवाई दौरा कर (Aerial Survey of Flood Affected Areas) बाढ़ पीड़ित लोगों का दुख दर्द जाना. उसके एक दिन बाद गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पहुंच कर बाढ़ ग्रस्त इलाकों का दौरा करने का निर्णय लिया. लेकिन तब तक अशोक गहलोत पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे से इस काम में सियासी रूप से पिछड़ गए थे.
गृह विभाग के मुखिया लेकिन बड़े आपराधिक घटनाक्रम से अनभिज्ञ : अशोक गहलोत केवल प्रदेश के मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि गृहमंत्री भी हैं. लेकिन इस अहम विभाग की जिम्मेदारी होते हुए भी उन्हें राजधानी जयपुर में हुई बड़ी अपराधिक घटना क्रम की जानकारी सही तरीके से नहीं होना भी चर्चा का विषय बन गया है. हाल ही में ऐसी एक घटना गुजरात के प्रेस कांफ्रेंस के दौरान देखने को मिली. यहां जब पत्रकारों ने उनसे जयपुर में एक महिला शिक्षिका को जिंदा जलाने की घटना से जुड़ा सवाल पूछा तो सीएम उस घटना से अनभिज्ञ नजर आए. आलम यह रहा कि प्रेस वार्ता में उनके नजदीक बैठे वरिष्ठ नेता रघु शर्मा ने कान में महिला के जिंदा जलाए जाने की घटना के बारे में बताया. इसी घटनाक्रम को मुद्दा बनाते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस करके गहलोत पर जुबानी हमला भी बोला था. हालांकि, जयपुर लौटने के बाद इसी मामले में गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए भ्रम फैलाने का आरोप लगाया था.
पढ़ें : पूनिया का CM गहलोत पर तंज, राजस्थान का सुराज अब जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद के बीच घूम रहा
दीया कुमारी ने कर दिया ये व्यंग्यात्मक कटाक्ष, पूनिया कभी नहीं रहे पीछे : भाजपा सांसद और प्रदेश महामंत्री दीया कुमारी ने प्रदेश में बाढ़ की हालात के बीच गुजरात की राजनीति में व्यस्त अशोक गहलोत पर ट्वीट के जरिए (BJP Allegation on Gehlot Government) व्यंगात्मक कटाक्ष किया. उन्होंने बकायदा एक वीडियो पोस्ट भी डाला, जिसमें गहलोत हवाई जहाज से राजस्थान के बाढ़ ग्रस्त इलाकों को छोड़ गुजरात पर लैंड कर रहे हैं. वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी मुख्यमंत्री गहलोत के गुजरात की राजनीति में व्यस्त रहने पर ट्वीट के जरिए कटाक्ष किया और लिखा कि राजस्थान का सुराज अब दिल्ली- अहमदाबाद के बीच घूम रहा है और सरकार नौकरशाहों के भरोसे चल रही है.