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राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी तेज...पायलट कैंप के विधायक बोले- आगे भी जारी रहेगी लड़ाई - MLAs of pilot camp

धोरों की धरती में जैसे जैसे सूर्य देव की तपन बढ़ रही है, वैसे वैसे राजस्थान में राजनीतिक पारा बढ़ रहा है. सचिन पायलट के आवास पर विधायकों के आवागमन से राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आ गया है. इस बीच पायलट कैंप के विधायक मुकेश भाकर ने ईटीवी भारत से बात कि और कहा कि हम आगे भी लड़ाई जारी रखेंगे, जब तक की हमारी मांगें मान नहीं ली जाती हैं.

मुकेश भाकर, Political agitation intensified in Rajasthan
मुकेश भाकर
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Published : Jun 10, 2021, 4:17 PM IST

जयपुर. राजस्थान में बीते 2 दिनों से एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की नाराजगी के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सचिन पायलट खेमे के विधायकों का गुरुवार को उनके निवास पर आना-जाना रहा, जिसके चलते राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है.

सचिन पायलट से मुलाकात कर आए मुकेश भाकर ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि कमेटी को अब तक सुनवाई कर देनी चाहिए थी. हमारे नेता सचिन पायलट की जो मांगें थीं उन्हें पूरा करना चाहिए था. भाकर ने कहा कि सचिन पायलट अपने लिए कोई पद की मांग नहीं कर रहे वह 5 साल विपक्ष में रहते हुए जिन कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया और गांव ढाणी में रहते हुए जिन लोगों ने पार्टी को खड़ा किया पायलट उनके मान सम्मान और नियुक्तियों की ही बात कर रहे हैं.

भाकर ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व उनको सुनेगा. उन्होंने कहा कि ढाई साल गुजर जाने के बाद भी कैबिनेट एक्सपेंशन और राजनीतिक नियुक्तियां सब रुकी हुई हैं, यह काम समय रहते हो जाना चाहिए था और हमारी मांगों को लेकर जो कमेटी 10 महीने पहले बनी थी उसकी सुनवाई अब तक हो जानी चाहिए थी.

राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी तेज

वहीं, भंवर जितेंद्र के सचिन पायलट को लेकर दिए गए बयान पर मुकेश भाकर ने कहा की भंवर जितेंद्र वरिष्ठ नेता हैं केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, अगर उन्होंने कोई बात कही है तो पूरी जिम्मेदारी के साथ कही है. उन्होंने भी वही कहा है जो कार्यकर्ता ढाई साल से पद की आस में बैठे हैं उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां देनी चाहिए और जो कमेटी बनी थी उसे सुनवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने जो भी कहा वह सोच समझकर कहा है, उन मांगों को पूरा करना चाहिए.

यह भी पढ़ेंः पायलट खेमे की नाराजगी दूर करने की कवायद के बीच 8 विधायक पहुंचे उनके आवास, राकेश पारीक बोले- राजस्थान की जनता भी सचिन के साथ

मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में पायलट कैम्प की आगे की रणनीति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में भाकर ने कहा कि हमने पहले भी पार्टी में रहकर ही अपनी लड़ाई लड़ी थी और पहले भी गांधी परिवार ने हस्तक्षेप कर हमारे मामले का निस्तारण किया था, तब भी हम कांग्रेस पार्टी में थे, जबकि हमारे पद गए, मंत्री पद गए, प्रदेश अध्यक्षों के पद गए, लेकिन तब भी हमने पार्टी में रहकर संघर्ष किया और अब भी पार्टी में रहकर ही संघर्ष करेंगे.

भाकर ने कहा कि जब पंजाब की सुनवाई इतनी जल्दी हो सकती है तो राजस्थान की सुनवाई अब तक हो जानी चाहिए थी. शुक्रवार को राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम को लेकर भी भाकर ने कहा कि सभी एआईसीसी के पेट्रोल-डीजल महंगाई के विरोध में हो रहे कार्यक्रम में भाग लेंगे. उसके बाद अगर कोरोना गाइडलाइन के तहत इजाजत मिलती है तो वह राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने दौसा के भड़ाना जाएंगे.

जयपुर. राजस्थान में बीते 2 दिनों से एक बार फिर कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष सचिन पायलट की नाराजगी के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. सचिन पायलट खेमे के विधायकों का गुरुवार को उनके निवास पर आना-जाना रहा, जिसके चलते राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी बढ़ने लगी है.

सचिन पायलट से मुलाकात कर आए मुकेश भाकर ने ईटीवी भारत से खास बात करते हुए कहा कि कमेटी को अब तक सुनवाई कर देनी चाहिए थी. हमारे नेता सचिन पायलट की जो मांगें थीं उन्हें पूरा करना चाहिए था. भाकर ने कहा कि सचिन पायलट अपने लिए कोई पद की मांग नहीं कर रहे वह 5 साल विपक्ष में रहते हुए जिन कार्यकर्ताओं ने संघर्ष किया और गांव ढाणी में रहते हुए जिन लोगों ने पार्टी को खड़ा किया पायलट उनके मान सम्मान और नियुक्तियों की ही बात कर रहे हैं.

भाकर ने कहा कि मुझे लगता है कि कांग्रेस आलाकमान और प्रदेश नेतृत्व उनको सुनेगा. उन्होंने कहा कि ढाई साल गुजर जाने के बाद भी कैबिनेट एक्सपेंशन और राजनीतिक नियुक्तियां सब रुकी हुई हैं, यह काम समय रहते हो जाना चाहिए था और हमारी मांगों को लेकर जो कमेटी 10 महीने पहले बनी थी उसकी सुनवाई अब तक हो जानी चाहिए थी.

राजस्थान में राजनीतिक सरगर्मी तेज

वहीं, भंवर जितेंद्र के सचिन पायलट को लेकर दिए गए बयान पर मुकेश भाकर ने कहा की भंवर जितेंद्र वरिष्ठ नेता हैं केंद्रीय मंत्री रह चुके हैं, अगर उन्होंने कोई बात कही है तो पूरी जिम्मेदारी के साथ कही है. उन्होंने भी वही कहा है जो कार्यकर्ता ढाई साल से पद की आस में बैठे हैं उन्हें राजनीतिक नियुक्तियां देनी चाहिए और जो कमेटी बनी थी उसे सुनवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट ने जो भी कहा वह सोच समझकर कहा है, उन मांगों को पूरा करना चाहिए.

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मांगे पूरी नहीं होने की स्थिति में पायलट कैम्प की आगे की रणनीति को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में भाकर ने कहा कि हमने पहले भी पार्टी में रहकर ही अपनी लड़ाई लड़ी थी और पहले भी गांधी परिवार ने हस्तक्षेप कर हमारे मामले का निस्तारण किया था, तब भी हम कांग्रेस पार्टी में थे, जबकि हमारे पद गए, मंत्री पद गए, प्रदेश अध्यक्षों के पद गए, लेकिन तब भी हमने पार्टी में रहकर संघर्ष किया और अब भी पार्टी में रहकर ही संघर्ष करेंगे.

भाकर ने कहा कि जब पंजाब की सुनवाई इतनी जल्दी हो सकती है तो राजस्थान की सुनवाई अब तक हो जानी चाहिए थी. शुक्रवार को राजेश पायलट की पुण्यतिथि के कार्यक्रम को लेकर भी भाकर ने कहा कि सभी एआईसीसी के पेट्रोल-डीजल महंगाई के विरोध में हो रहे कार्यक्रम में भाग लेंगे. उसके बाद अगर कोरोना गाइडलाइन के तहत इजाजत मिलती है तो वह राजेश पायलट की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि देने दौसा के भड़ाना जाएंगे.

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