जयपुर. मदर्स डे के अवसर पर लोग सोशल मीडिया पर अपनी मां के साथ तस्वीरें और उनसे जुड़ी यादों को भी शेयर कर रहे हैं. पुलिस के आला अधिकारियों ने सभी महिलाओं को मदर्स डे की शुभकामनाएं दी. कई महिलाएं विकट परिस्थितियों में भी मां का फर्ज निभा रही है. वहीं कोरोना संकट के चलते महिला पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी के साथ मां का भी फर्ज निभा रही हैं.
कोरोना से जंग में महिला पुलिसकर्मी दिन-रात मुस्तैदी से मैदान में डटी हैं. ऐसे में ये महिला पुलिसकर्मी अपने परिवार के साथ बच्चों से भी दूर रह रही हैं. महिला पुलिसकर्मियों पर मां की जिम्मेदारी के साथ ही उनके कंधों पर ड्यूटी की जिम्मेदारी भी है. मदर्स डे के अवसर पर ईटीवी भारत की टीम जयपुर शहर में ड्यूटी कर रही महिला पुलिसकर्मियों के बीच पहुंची और उनसे बातचीत की.
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जिसमें इन पुलिसकर्मियों ने कहा कि ड्यूटी के दौरान मां को याद करके बच्चे रोते हैं तो वीडियो कॉल करके चुप करवाती हैं. ऐसे में ये ड्यूटी को छोड़कर अपने बच्चों के पास नहीं जा पाती. साथ ही इन्होंने कहा कि दिन में ड्यूटी करते समय बच्चों की याद भी आती है तो ऐसे में फोन करके ही बच्चों से बातचीत हो पाती है.
ड्यूटी पर बच्चों की याद में भींग जाती हैं आंखें
कई पुलिसकर्मियों ने बताया कि ड्यूटी के दौरान बच्चों की याद आने पर कई बार रोना भी आ जाता है तो साइड में जाकर आंसू निकालकर जी को हल्का करने की कोशिश करती हैं. ऐसे में महिला पुलिसकर्मियों के परिजन भी सहयोग करते हैं और उनके बच्चों की देखभाल में लगे रहते हैं. वहीं जब ये अपनी ड्यूटी खत्म करके जब अपने बच्चों से मिलने जाती है, तो सबसे पहले अपने आपको सैनिटाइज करती हैं, फिर नहा धोकर बच्चों से मिलती हैं.
बच्चा करता है याद तो वीडियो कॉल बनता है मददगार
कोरोना संकट में महिला पुलिसकर्मी आमजन की सुरक्षा के लिए कड़ी धूप में भी लगातार अपनी ड्यूटी कर रही हैं. लोगों की जीवन की रक्षा के लिए कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए महिला पुलिसकर्मी लोगों को जागरूक कर रही हैं. जयपुर शहर में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए कर्फ्यू लगाया गया है. इसी कर्फ्यू के बीच महिला पुलिसकर्मी ड्यूटी कर रही हैं और साथ ही अपने बच्चों की परवरिश भी कर रही है. कई बार तो ऐसा भी होता है कि ड्यूटी के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को टाइम नहीं मिल पाता तो ऐसे में बच्चे रो-रो कर ही सो जाते हैं. जयपुर के गलता गेट थाने पर तैनात महिला पुलिसकर्मी रेखा ने बताया कि उसके एक छोटी बच्ची है. जिसको अपने घर पर छोड़ रखा है.
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रेखा कहती हैं कि कई बार बच्ची भी रोती है तो वीडियो कॉल के माध्यम से ही बहला फुसलाकर उसे चुप करवाना पड़ता है. वीडियो कॉल पर भी बच्चे रोने लगते हैं. उसको देखकर एक मां का मन पसीज ही जाता है. रेखा ने आमजन को संदेश देते हुए कहा कि हमें सुरक्षित भी रहना जरूरी है. खुद के साथ ही अपने परिवार की सुरक्षा करनी चाहिए. लोग अपने घरों में रहें. एक लापरवाही की वजह से पूरा परिवार संकट में आ सकता है. सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करते हुए मास्क और सैनिटाइजर का उपयोग करें.
मां के साथ जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी भी जरूरी
सुभाष चौक थाने पर कोरोना की जंग में ड्यूटी निभा रही महिला पुलिसकर्मी अंगूरी ने बताया कि 6 माह का छोटा बच्चा है. बच्चा दिन में बार-बार मां की याद में रोता है, ऐसे में वीडियो कॉल करके उसे चुप करवाती है. ऐसे में काफी मुश्किल होता है कि एक तरफ कोरोना की जंग में ड्यूटी और दूसरी तरफ एक माह का फर्ज निभाना. बार-बार बच्चों के पास भी नहीं जा सकते. कोरोना का संक्रमण फैलने का भी डर रहता है. इन पुलिसकर्मियों को खुद के साथ परिवार की सुरक्षा का भी ख्याल रखना पड़ता है. साथ ही इनके लिए मां की जिम्मेदारी के साथ ड्यूटी भी जरूरी है.