जयपुर. सोशल मीडिया पर सामाजिक सद्भाव बिगाड़ने के मकसद से एक फेक पोस्ट वायरल किया जा रहा है. इसको लेकर राजस्थान पुलिस और मुख्यमंत्री के ओएसडी ने ट्विटर के जरिए लोगों को सचेत रहने की नसीहत दी है. इस प्रकार की अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी चेतावनी दी गई है.
सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाह को लेकर राजस्थान पुलिस ने ट्विटर के जरिए आमजन से अपील की है कि कुछ समय से शरारती तत्वों की ओर से आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से एक मैसेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जो कि मिथ्या और भ्रामक है. राजस्थान पुलिस ने लोगों से यह भी अपील की है कि ऐसे किसी भी मैसेज को आगे फॉरवर्ड नहीं करें. इस तरह के दुष्प्रचार करने पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.
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सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये अफवाह...
मस्जिद या मदरसा के स्टाफ से दुर्व्यवहार करने पर, मस्जिद/मदरसा की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर, मस्जिद/मदरसा और स्टाफ के कार्यों में बाधा पहुंचाने पर, मस्जिद/मदरसा के किसी भी सदस्य को डराने और धमकाने पर धारा 427 एवं 2/3 लोक संपत्ति अधिनियम 1985 के तहत गैर जमानती अपराध के तहत कार्रवाई होगी.
राजस्थान पुलिस ने किया खंडन
राजस्थान पुलिस का कहना है कि यह भ्रामक समाचार है. राजस्थान पुलिस इसका खंडन करती है. शरारती तत्वों की ओर से आमजन को गुमराह करने के उद्देश्य से ऐसा मैसेज वायरल किए गए हैं. इस दुष्प्रचार के संबंध में कानूनी कार्रवाई की जा रही है. कृपया भ्रामक समाचार फैलाने के अपराध से बचें.
मुख्यमंत्री के ओएसडी ने ट्विटर के जरिए किया सचेत
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने इस अफवाह को लेकर ट्विटर के जरिए आमजन को सचेत किया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा है कि प्रदेश के संदर्भ में ऐसे झूठे और भ्रामक तथ्य वायरल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. सभी से आग्रह है कि इस प्रकार के दुष्प्रचार में शामिल होने से बचें और इसे प्रचारित-प्रसारित होने से रोकने में सहायक बनें.