जयपुर. पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (आईएसआई) के लिए जासूसी करने के आरोप में दो जासूस चिमनलाल नायक और विकास तिलोतिया को 8 जून को गिरफ्तार किया गया था. जिनसे इंटेलिजेंस के अधिकारियों की ओर से लगातार पूछताछ जारी है. जासूसी के इस पूरे प्रकरण में जांच करते हुए राजस्थान इंटेलिजेंस की टीम की ओर से दोनों जासूसों के निवास स्थान पर रेड मारकर सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इस दौरान दोनों जासूसों के घर से बैंक से संबंधित अनेक दस्तावेज, पासबुक व अन्य सामान जब्त किया गया.
वहीं, शुक्रवार को दोनों आरोपियों की रिमांड अवधि पूरी होने पर न्यायालय में पेश कर आगामी पूछताछ के लिए रिमांड मांगी जाएगी. बता दें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी को भारतीय सेना के ठिकानों और गतिविधियों से संबंधित सामरिक जानकारी शेयर करने वाले जासूस विकास तिलोतिया के गंगानगर रीको क्षेत्र स्थित सियागावाली में और जासूस चिमनलाल नायक के लूणकरणसर स्थित अजीतमाना गांव में रेड मारी गई.
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सैन्य से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त...
इस दौरान राजस्थान इंटेलिजेंस की टीम दोनों जासूसों को भी साथ में लेकर गई और सर्च ऑपरेशन के दौरान दोनों आरोपियों के निवास स्थान से बैंक पासबुक, बैंक से संबंधित अनेक दस्तावेज और इसके साथ ही सैन्य ठिकानों से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए. राजस्थान इंटेलिजेंस की ओर से दोनों जासूसों के बैंक खातों में हुए ट्रांजेक्शन से संबंधित जानकारी भी बैंक प्रशासन से मांगी गई है. फिलहाल, इस पूरे प्रकरण में राजस्थान इंटेलिजेंस की जांच जारी है. वहीं, शुक्रवार को रिमांड अवधि पूरी होने पर दोनों जासूसों को कोर्ट में पेश कर आगामी जांच के लिए व पूछताछ के लिए और रिमांड मांगी जाएगी.
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क्या है मामला...
गौरतलब है कि राज्य विशेष शाखा राजस्थान को सैन्य ठिकानों पर सेना की गतिविधियों की अतिगोपनीय संवेदनशील सूचना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी (ISI) से साझा करने की जानकारी मिली थी. राजस्थान में विभिन्न सैन्य ठिकानों पर सेना की गतिविधियों की अति गोपनीय और संवेदनशील सूचना पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी से साझा करने के संदेह में गंगानगर एफएडी में कार्यरत सिविल डिफेंस कर्मी विकास तिलोतिया निवासी मंडावा और महाजन फील्ड फायरिंग रेंज बीकानेर में कार्यरत संविदा कर्मी चिमनलाल नायक निवासी बीकानेर को संयुक्त पूछताछ केंद्र में लाकर पूछताछ की गई.
पूछताछ और उनके पास मिले मोबाइल फोनों की जांच में दोनों व्यक्तियों की ओर से सोशल मीडिया का प्रयोग कर सामरिक महत्व की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तानी एजेंट को उपलब्ध कराने की पुष्टि हुई, जिसके बाद इंटेलिजेंस ने धारा 3, 3/9 शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 में मामला दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया.