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Jaipur Crime News: पुलिस ने चूड़ी कारखाने से 10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया , दो आरोपी गिरफ्तार - Rajasthan hindi news

जयपुर में बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 10 बाल श्रमिकों को मुक्त कराया (Police free 10 child laborers from bangle factory) है. इसके साथ ही पुलिस ने बाल श्रमिकों को जबरन काम करवाने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. वहीं मौके से एक आरोपी भागने में सफल रहा.

Police free 10 child laborers from bangle factory
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : May 21, 2022, 9:44 PM IST

जयपुर. राजधानी जयपुर में बाल श्रम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जयपुर की नॉर्थ जिला पुलिस ने बालश्रम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 10 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया (Police free 10 child laborers from bangle factory) है. शास्त्री नगर थाना पुलिस ने बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के सहयोग से चूड़ी कारखाने में बाल श्रमिकों को बंधक बनाकर जबरन काम करवाने की सूचना पर कार्रवाई को अंजाम दिया है.

सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने चूड़ी कारखाने पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस को देखकर चूड़ी कारखाना मालिक भागने लगा. साथ ही मौके पर कारखाने में बालश्रम करने वाले 10 बाल श्रमिकों को मुक्त करवा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी नावेद आलम और मोहम्मद शाकिब को गिरफ्तार किया है. वहीं तीसरा आरोपी मोहम्मद सामेद फरार हो गया. पुलिस तीसरे आरोपी की तलाश में जुटी है. पुलिस ने बंधुआ मजदूरी कानून और बाल श्रम कानून के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़े:Action on Child Labor in Jaipur: चूड़ी कारखाने से 12 बाल श्रमिकों को पुलिस ने करवाया मुक्त, बिहार के हैं ये बच्चे

बच्चों की उम्र 10 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक बताई जा रही है. बच्चों से चूड़ी कारखाने में करीब 12 से 13 घंटे काम करवाया जा रहा था. गर्म लाख के चूड़े बनाते समय बच्चों के हाथ भी जल जाते थे. बच्चों ने पुलिस को बताया कि समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था और कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था. बच्चों को बहला-फुसलाकर बिहार से जयपुर लाकर बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

बता दें कि इससे पहले भी राजधानी जयपुर में कई बार बाल श्रम के मामले पकड़े जा चुके हैं. जयपुर के भट्टा बस्ती और शास्त्री नगर इलाके में ज्यादातर बाल श्रम के मामले पकड़े गए हैं. नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चों के हाथों में किताबों की जगह चूड़ी कारखानों में गर्म लाख पकड़वा दी जाती है. ऐसे में पढ़ाई लिखाई से बच्चे वंचित हो जाते हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन समिति लगातार बाल श्रम के खिलाफ काम कर रही है. जिसकी सूचना पर पहले भी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर उनके घर भेजा जा चुका है.

जयपुर. राजधानी जयपुर में बाल श्रम के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. जयपुर की नॉर्थ जिला पुलिस ने बालश्रम के खिलाफ कार्रवाई करते हुए चूड़ी कारखाने से 10 बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया (Police free 10 child laborers from bangle factory) है. शास्त्री नगर थाना पुलिस ने बचपन बचाओ आंदोलन की टीम के सहयोग से चूड़ी कारखाने में बाल श्रमिकों को बंधक बनाकर जबरन काम करवाने की सूचना पर कार्रवाई को अंजाम दिया है.

सूचना के आधार पर पुलिस की टीम ने चूड़ी कारखाने पर छापेमारी की. इस दौरान पुलिस को देखकर चूड़ी कारखाना मालिक भागने लगा. साथ ही मौके पर कारखाने में बालश्रम करने वाले 10 बाल श्रमिकों को मुक्त करवा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी नावेद आलम और मोहम्मद शाकिब को गिरफ्तार किया है. वहीं तीसरा आरोपी मोहम्मद सामेद फरार हो गया. पुलिस तीसरे आरोपी की तलाश में जुटी है. पुलिस ने बंधुआ मजदूरी कानून और बाल श्रम कानून के तहत मामला दर्ज करके आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

पढ़े:Action on Child Labor in Jaipur: चूड़ी कारखाने से 12 बाल श्रमिकों को पुलिस ने करवाया मुक्त, बिहार के हैं ये बच्चे

बच्चों की उम्र 10 वर्ष से लेकर 15 वर्ष तक बताई जा रही है. बच्चों से चूड़ी कारखाने में करीब 12 से 13 घंटे काम करवाया जा रहा था. गर्म लाख के चूड़े बनाते समय बच्चों के हाथ भी जल जाते थे. बच्चों ने पुलिस को बताया कि समय पर खाना भी नहीं दिया जाता था और कारखाने से बाहर भी नहीं निकलने दिया जाता था. बच्चों को बहला-फुसलाकर बिहार से जयपुर लाकर बाल मजदूरी करवाई जा रही थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी हुई है.

बता दें कि इससे पहले भी राजधानी जयपुर में कई बार बाल श्रम के मामले पकड़े जा चुके हैं. जयपुर के भट्टा बस्ती और शास्त्री नगर इलाके में ज्यादातर बाल श्रम के मामले पकड़े गए हैं. नन्हे-मुन्ने मासूम बच्चों के हाथों में किताबों की जगह चूड़ी कारखानों में गर्म लाख पकड़वा दी जाती है. ऐसे में पढ़ाई लिखाई से बच्चे वंचित हो जाते हैं और उनका भविष्य अंधकार में हो रहा है. बचपन बचाओ आंदोलन समिति लगातार बाल श्रम के खिलाफ काम कर रही है. जिसकी सूचना पर पहले भी बाल श्रमिकों को मुक्त करवाकर उनके घर भेजा जा चुका है.

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