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15 साल की नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की सजा

पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 15 साल की नाबालिग से रेप करने के मामले में फैसला (POCSO court judgement in minor rape case) देते हुए 21 साल के अभियुक्त को 20 साल की सजा सुनाई है. कोर्ट ने अभियुक्त पर 1 लाख रुपए का अर्थदंड भी लगाया है.

POCSO court judgement in minor rape case, convict sent to 20 years in Jail
15 साल की नाबालिग से दुष्कर्म करने वाले युवक को 20 साल की सजा
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Published : Oct 10, 2022, 10:21 PM IST

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 15 साल की पीड़िता से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सुनील यादव को 20 साल की सजा सुनाई (20 years jail to rape convict) है. इसके साथ ही अदालत ने 21 साल के इस अभियुक्त पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 1 सितंबर, 2020 को जोबनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी बिना बताए कार में बैठकर चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2017 में वह अभियुक्त के साथ रेनवाल से रेवाड़ी, दिल्ली और हरिद्वार गए थी. जहां अभियुक्त ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए.

पढ़ें: 6 साल की बच्ची से ज्यादती करने वाले दिव्यांग को 20 साल की सजा

इस मामले में किशोर बोर्ड ने अभियुक्त को बरी कर दिया था. इसके बाद फरवरी, 2019 में अभियुक्त वापस उसके संपर्क में आया था. इस दौरान उसने फिर से कई बार उसके साथ संबंध बनाए. वहीं 1 सितंबर, 2020 को वह अभियुक्त के कहने पर रेनवाल चली गई थी, लेकिन अभियुक्त उसे वहां नहीं मिला और दो दिन का इंतजार करने के बाद उसने अपने परिजनों को फोन कर रेनवाल में होने की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस उसे आकर वहां से ले गई थी.

जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 15 साल की पीड़िता से दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त सुनील यादव को 20 साल की सजा सुनाई (20 years jail to rape convict) है. इसके साथ ही अदालत ने 21 साल के इस अभियुक्त पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि नाबालिग की सहमति कानून में कोई महत्व नहीं रखती है.

अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने अदालत को बताया कि पीड़िता के पिता ने 1 सितंबर, 2020 को जोबनेर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसमें कहा गया कि उसकी नाबालिग बेटी बिना बताए कार में बैठकर चली गई है. रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने अभियुक्त को गिरफ्तार कर अदालत में आरोप पत्र पेश किया. सुनवाई के दौरान पीड़िता ने अदालत को बताया कि वर्ष 2017 में वह अभियुक्त के साथ रेनवाल से रेवाड़ी, दिल्ली और हरिद्वार गए थी. जहां अभियुक्त ने उसके साथ कई बार संबंध बनाए.

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इस मामले में किशोर बोर्ड ने अभियुक्त को बरी कर दिया था. इसके बाद फरवरी, 2019 में अभियुक्त वापस उसके संपर्क में आया था. इस दौरान उसने फिर से कई बार उसके साथ संबंध बनाए. वहीं 1 सितंबर, 2020 को वह अभियुक्त के कहने पर रेनवाल चली गई थी, लेकिन अभियुक्त उसे वहां नहीं मिला और दो दिन का इंतजार करने के बाद उसने अपने परिजनों को फोन कर रेनवाल में होने की जानकारी दी. इसके बाद पुलिस उसे आकर वहां से ले गई थी.

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