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New Heritage City : जयपुर में एक और हेरिटेज सिटी बसाने की योजना...ये खासियतें जीतेंगी सबका दिल

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Published : Jun 17, 2022, 6:03 AM IST

जयपुर की आगरा रोड पर शहर के परकोटे की तर्ज पर एक और हेरिटेज सिटी बनाने की योजना तैयार हो गई (New Wall city planned at Agra Road Jaipur) है. इसमें सबकुछ वैसा ही होगा, जैसा वॉल सिटी में है. हालांकि अंतर ये रहेगा कि यहां की सड़कें, मकानों और अन्य सुविधाओं की साइज बड़ी होगी. कहा जा रहा है कि यह नई हेरिटेज सिटी मौजूदा वॉल सिटी से दोगुना बड़ी होगी.

New Wall city planned at Agra Road Jaipur
जयपुर में बनेगा एक और परकोटा, दरवाजे, चौपड़ और ग्रीड आयरन पद्धति पर किया जाएगा विकसित

जयपुर. राजधानी का परकोटा विश्व विरासत में शामिल है और अब इसी तर्ज पर इससे दोगुना बड़ी हेरिटेज सिटी आगरा रोड पर बसाने का प्लान तैयार किया गया (New Heritage city planned at Agra Road Jaipur) है. जहां परकोटे की तर्ज पर ही भवन, फसाड़, गेरुआ गुलाबी रंग, प्राचीन निर्माण शैली, दरवाजे, चौपड़ और ग्रीड आयरन पद्धति पर निर्माण किया जाएगा. मास्टर प्लान 2025 में आगरा रोड के दक्षिण में 13 स्क्वायर किलोमीटर एरिया हेरिटेज सिटी के लिए रखा गया है.

जयपुर शहर में आगरा रोड के दक्षिण में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के प्रावधानों के अनुसार हेरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना (New wall city on the basis of Heritage city) है. जिसमें रोड-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है. चौराहों पर चौपड़ें और प्रवेश के लिए 9 या 11 प्रवेश द्वार प्रस्तावित किये गये हैं. हेरिटेज सिटी में डिवाइडर, भूखण्डों की बाउण्ड्रीवॉल, भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. हेरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. विशिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर रखा गया है. जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. गैर-विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र और 5 प्रतिशत दूसरी सुविधाओं के लिए आरक्षित रखना होगा.

कैसी होगा जयपुर का नया परकोटा, इस रिपोर्ट में देखें सबकुछ...

पढ़ें: परकोटे का लौटेगा वैभव, चारदीवारी का होगा जीर्णोद्धार, हवेलियों का लिखा जाएगा इतिहास

इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने भी निर्देश दिये हैं कि हेरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए यहां के भूखण्डों पर भवनों के लिए राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 प्रकार के डिजाईन तैयार करे. यहां भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जाए. हेरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल और माप नियंत्रित किये जाने के लिए मानक निर्धारित किए जाएं. जैसे कि हेरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर और 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किए जाएं.

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि हेरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़क न्यूनतम 18 मीटर की निर्धारित की जाए. जबकि प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आन्तरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाए. हेरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे और दुकानें प्रस्तावित की जाएं. जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. जेडीए हेरिटेज सिटी की सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन, प्रवेश द्वार और भवनों के टाईप डिजाईन तैयार कर सड़कों और बरामदों का निर्माण करेगा.

पढ़ें: हेरिटेज सिटी जयपुर का हाल बेहाल, साल बदले... पर ना सोच बदली और ना ही शौचालय

सालों से अटका है प्रोजेक्टः इस काम को देख रहे पूर्व चीफ टाउन प्लानर एच एस संचेती ने बताया कि बरसों से ये प्रोजेक्ट अटका हुआ है. इसे मास्टर प्लान में भी विस्तार से नहीं बताया गया. महज स्पेशल एरिया घोषित करके रखा गया कि जेडीए स्तर पर इसकी स्पेशल स्कीम बनाई जाए. यहां जमीन आज भी खाली पड़ी हुई है. जिसमें खातेदारों के साथ यूआईटी की भी जमीन है. उन्होंने बताया कि जयपुर में 6.8 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में बसे परकोटे में करीब 6 लाख की आबादी रहती है और पूरी वॉल सिटी में दरवाजे बने हुए हैं. ये निर्माण करीब 300 साल पहले किया गया था. जिसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया गया. लेकिन अब इसी तर्ज पर हेरिटेज कंसेप्ट को लेते हुए मॉडर्न टेक्नोलॉजी को अपना नई हेरिटेज सिटी विकसित किए जाने की प्लानिंग है.

पढ़ें: परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी बसाने का प्लान, मल्टीफंक्शनल जोन पर लोगों ने दिए सुझाव और आपत्ति

संचेती ने बताया कि इसे लेकर जेडीए ने कमेटी बनाकर क्राइटेरिया सेट किया है. अब यहां जयपुर के परकोटा, विद्याधर नगर और चंडीगढ़ की तर्ज पर ग्रीड आयरन पद्धति से निर्माण किया जाएगा. यहां क्षेत्र को चौकड़ी में बांटा जाएगा और यहां 40 से लेकर 120 फीट चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा. जो भी मेन एंट्री होगी, उन पर परकोटे की तर्ज पर ही गेट बनाए जाएंगे. 9 या 11 गेट बनाना प्रपोज किया गया है. वहीं मिक्स लैंड यूज के आधार पर नीचे दुकान ऊपर मकान का कंसेप्ट भी रखा गया है. इसके अलावा वॉल सिटी की तर्ज पर ही चौपड़ें भी बनेंगी.

पढ़ें: Special : 2025 के बजाए 2035 तक खिंचता दिख रहा 'विरासत' बसाने का प्रोजेक्ट

आपको बता दें कि हाल ही में यूडीएच मंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर हेरिटेज सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव प्राप्त किए जाएं. खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित किया जाए. हेरिटेज सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर भी रोक लगाई गई है.

जयपुर. राजधानी का परकोटा विश्व विरासत में शामिल है और अब इसी तर्ज पर इससे दोगुना बड़ी हेरिटेज सिटी आगरा रोड पर बसाने का प्लान तैयार किया गया (New Heritage city planned at Agra Road Jaipur) है. जहां परकोटे की तर्ज पर ही भवन, फसाड़, गेरुआ गुलाबी रंग, प्राचीन निर्माण शैली, दरवाजे, चौपड़ और ग्रीड आयरन पद्धति पर निर्माण किया जाएगा. मास्टर प्लान 2025 में आगरा रोड के दक्षिण में 13 स्क्वायर किलोमीटर एरिया हेरिटेज सिटी के लिए रखा गया है.

जयपुर शहर में आगरा रोड के दक्षिण में प्रस्तावित हेरिटेज सिटी के प्रावधानों के अनुसार हेरिटेज सिटी का विकास वर्तमान परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर किया जाना (New wall city on the basis of Heritage city) है. जिसमें रोड-नेटवर्क को पुराने शहर की तर्ज पर ग्रीड आयरन पैटर्न के अनुसार रखा गया है. चौराहों पर चौपड़ें और प्रवेश के लिए 9 या 11 प्रवेश द्वार प्रस्तावित किये गये हैं. हेरिटेज सिटी में डिवाइडर, भूखण्डों की बाउण्ड्रीवॉल, भवनों का विकास राजस्थानी वास्तुकला के अनुसार किया जाना प्रस्तावित है. हेरिटेज सिटी में मिश्रित भू-उपयोग को प्रोत्साहित किया गया है. विशिष्ठ पैरामीटर्स में न्यूनतम योजना क्षेत्रफल 2 हेक्टेयर रखा गया है. जिसमें अधिकतम 60 प्रतिशत क्षेत्र विक्रय योग्य होगा. गैर-विक्रय योग्य भाग में न्यूनतम 5 प्रतिशत पार्क, 5 प्रतिशत सुविधा क्षेत्र और 5 प्रतिशत दूसरी सुविधाओं के लिए आरक्षित रखना होगा.

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इस संबंध में यूडीएच मंत्री ने भी निर्देश दिये हैं कि हेरिटेज सिटी के सुनियोजित विकास के लिए जेडीए यहां के भूखण्डों पर भवनों के लिए राजस्थानी वास्तुकला के 8-10 प्रकार के डिजाईन तैयार करे. यहां भूखण्डों का न्यूनतम क्षेत्रफल 300 वर्गमीटर रखा जाए. हेरिटेज सिटी में भूखण्डों का क्षेत्रफल और माप नियंत्रित किये जाने के लिए मानक निर्धारित किए जाएं. जैसे कि हेरिटेज सिटी क्षेत्र में 300 वर्गमीटर, 400 वर्गमीटर और 500 वर्गमीटर के भूखण्ड ही अनुमोदित किए जाएं.

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि हेरिटेज सिटी के प्रस्ताव में प्रमुख सड़क न्यूनतम 18 मीटर की निर्धारित की जाए. जबकि प्रस्तावित योजनाओं में न्यूनतम आन्तरिक सड़क का मार्गाधिकार 12 मीटर निर्धारित किया जाए. हेरिटेज सिटी के प्रमुख सड़कों के सहारे जयपुर परकोटा क्षेत्र की तर्ज पर बरामदे और दुकानें प्रस्तावित की जाएं. जिसका विकास जयपुर विकास प्राधिकरण करेगा. जेडीए हेरिटेज सिटी की सड़कों के विस्तृत रोड सेक्शन, प्रवेश द्वार और भवनों के टाईप डिजाईन तैयार कर सड़कों और बरामदों का निर्माण करेगा.

पढ़ें: हेरिटेज सिटी जयपुर का हाल बेहाल, साल बदले... पर ना सोच बदली और ना ही शौचालय

सालों से अटका है प्रोजेक्टः इस काम को देख रहे पूर्व चीफ टाउन प्लानर एच एस संचेती ने बताया कि बरसों से ये प्रोजेक्ट अटका हुआ है. इसे मास्टर प्लान में भी विस्तार से नहीं बताया गया. महज स्पेशल एरिया घोषित करके रखा गया कि जेडीए स्तर पर इसकी स्पेशल स्कीम बनाई जाए. यहां जमीन आज भी खाली पड़ी हुई है. जिसमें खातेदारों के साथ यूआईटी की भी जमीन है. उन्होंने बताया कि जयपुर में 6.8 स्क्वायर किलोमीटर एरिया में बसे परकोटे में करीब 6 लाख की आबादी रहती है और पूरी वॉल सिटी में दरवाजे बने हुए हैं. ये निर्माण करीब 300 साल पहले किया गया था. जिसमें मॉडर्न टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया गया. लेकिन अब इसी तर्ज पर हेरिटेज कंसेप्ट को लेते हुए मॉडर्न टेक्नोलॉजी को अपना नई हेरिटेज सिटी विकसित किए जाने की प्लानिंग है.

पढ़ें: परकोटे की तर्ज पर हेरिटेज सिटी बसाने का प्लान, मल्टीफंक्शनल जोन पर लोगों ने दिए सुझाव और आपत्ति

संचेती ने बताया कि इसे लेकर जेडीए ने कमेटी बनाकर क्राइटेरिया सेट किया है. अब यहां जयपुर के परकोटा, विद्याधर नगर और चंडीगढ़ की तर्ज पर ग्रीड आयरन पद्धति से निर्माण किया जाएगा. यहां क्षेत्र को चौकड़ी में बांटा जाएगा और यहां 40 से लेकर 120 फीट चौड़ी सड़कों का निर्माण किया जाएगा. जो भी मेन एंट्री होगी, उन पर परकोटे की तर्ज पर ही गेट बनाए जाएंगे. 9 या 11 गेट बनाना प्रपोज किया गया है. वहीं मिक्स लैंड यूज के आधार पर नीचे दुकान ऊपर मकान का कंसेप्ट भी रखा गया है. इसके अलावा वॉल सिटी की तर्ज पर ही चौपड़ें भी बनेंगी.

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आपको बता दें कि हाल ही में यूडीएच मंत्री ने ये भी निर्देश दिए कि जयपुर विकास प्राधिकरण की ओर से इस क्षेत्र के खातेदारों से समन्वय स्थापित कर हेरिटेज सिटी प्लान की क्रियान्विति के लिए खातेदारों से सुझाव प्राप्त किए जाएं. खातेदारों को जॉईंट वेंचर के लिए प्रेरित किया जाए. हेरिटेज सिटी के मानचित्र की सफल क्रियान्विति के लिए क्षेत्र में नियमन पर भी रोक लगाई गई है.

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