जयपुर. NEET परीक्षा को स्थगित करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस के छात्र संगठन एनएसयूआई का प्रदेश भर में विरोध जारी है. राजस्थान यूनिवर्सिटी गेट पर सत्याग्रह पर बैठे एनएसयूआई कार्यकर्ता का समर्थन करते हुए शुक्रवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी धरना स्थल पर पहुंचे. इस दौरान उन्होंने परीक्षाओं का आयोजन केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया बताया.
कोरोना के बीच NEET-UG और JEE-MAIN की परीक्षा के खिलाफ राजस्थान समेत कई कांग्रेस शासित राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इसी क्रम में एनएसयूआई के कार्यकर्ता राजस्थान विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार पर सत्याग्रह कर रहे हैं. छात्रों की मानें तो कोरोना का संक्रमण बढ़ रहा है. परीक्षा कराने से खतरा काफी हद तक बढ़ जाएगा. ऐसे में फिलहाल छात्रों के सुरक्षा के मद्देनजर इन परीक्षाओं को स्थगित किया जाना चाहिए.
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छात्रों के समर्थन में शुक्रवार को पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास भी विश्वविद्यालय पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र की सरकार तानाशाही रवैया अपनाए हुए हैं. सरकार को ये समझना होगा कि कोरना काल में छात्रों की जिंदगी को संकट में डालना ठीक नहीं है. कई राज्यों में बाढ़ के हालात हैं, रास्ते कटे हुए हैं और जो क्वॉरेंटाइन हो गए हैं वो एग्जाम देने कैसे जा सकेंगे.
खाचरियावास ने कहा कि ऐसा पहली बार नहीं हो रहा कि एग्जाम कैंसिल हो रहे हैं. सामान्य परिस्थितियों में भी परीक्षा स्थगित हुए हैं, तो कोरोना काल में परीक्षा कराया जाना कहां उचित है. हालांकि, प्रदेश में 3 सितंबर से माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की पूरक परीक्षा, स्टेट ओपन बोर्ड की परीक्षा और 31 अगस्त को प्री डीएलएड परीक्षा होनी है. जिनमें 8 लाख से ज्यादा विद्यार्थी बैठेंगे. ऐसे में राज्य सरकार के परीक्षाओं को लेकर दोहरी नीति पर भी सवाल उठ रहे हैं.