जयपुर. राजस्थान में जयपुर जिला में पूर्ण बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस पार्टी क्रॉस वोटिंग के चलते अपना जिला प्रमुख नहीं बना पाई तो आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया. जहां जयपुर संभाग के प्रभारी गोविंद मेघवाल ने क्रॉस वोटिंग के लिए चाकसू से पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए चाकसू के ब्लॉक अध्यक्ष गंगा राम मीणा को आगे किया, जो वेद सोलंकी पर आरोप लगाते दिखे. वहीं, अब पायलट कैंप ने पलटवार किया है.
दरअसल, वेद सोलंकी के तमाम आरोपों को भी आधार बनाते हुए गोविंद मेघवाल ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा को सौंप दी. डोटासरा ने भी यह रिपोर्ट अजय माकन को भेज दी है. अब क्योंकि एक ब्लॉक अध्यक्ष को आगे कर पायलट कैंप के विधायक वेद सोलंकी पर आरोप लगे थे, तो सोलंकी भी सामने आए और सोलंकी ने पहले तो अपने ब्लॉक अध्यक्ष और चाकसू महिला कांग्रेस अध्यक्ष के भाजपा से मिले होने के आरोप लगाए.
वहीं, इसके साथ ही आज मंगलवार को वेद सोलंकी के आरोपों में उनका साथ देने के लिए जो दो नेता उपस्थित थे, वह कोई और नहीं बल्कि खाजूवाला से विधायक गोविंद मेघवाल की विधानसभा के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष सत्तू खान और रविंद्र कस्वा थे. जहां छतरगढ़ ब्लॉक अध्यक्ष सत्तू खान ने कहा कि गोविंद मेघवाल जयपुर में कुछ और बात करते हैं और बीकानेर में अपनी विधानसभा में वह कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के साथ कुछ और व्यवहार करते हैं.
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उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा खाजूवाला में 60 हजार से ज्यादा मुस्लिम और 40 हजार से ज्यादा एससी मतदाता हैं. इसके बावजूद भी उन्होंने अपनी विधानसभा के 4 जिला परिषद में से दो आरक्षित सीटों पर अपने बेटी और पत्नी को चुनाव लड़ा दिया. वहीं, पूगल पंचायत समिति में अपनी सास, बेटे और भतीजे को टिकट दे दिया. ऐसे में जब वह सभी आरक्षित सीटों पर अपने परिवार जनों को टिकट देंगे तो कांग्रेस कार्यकर्ता का उत्थान कैसे होगा.
उन्होंने कहा कि गोविंद मेघवाल की विधानसभा में कांग्रेस कार्यकर्ता प्रताड़ित है. यहां तक कि वह आज तक एक बार भी कांग्रेस कार्यालय में नहीं आए. उन्होंने कहा कि जब किसी के खुद के घर के हालात ऐसे हैं तो वह राजस्थान सुधारने की बात कैसे कर सकता है.
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वहीं, खाजूवाला ब्लॉक अध्यक्ष रविंद्र कस्वा ने कहा कि गोविंद मेघवाल पार्टी को मजबूत करने की बात कर रहे हैं, लेकिन हमारी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की हालत ऐसी है कि उनकी कोई सुनवाई करने वाला नहीं है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मूंग और मूंगफली की फसल की तुलाई जब हमारी विधानसभा में होती है तो हर किसान को एक ट्रॉली पर 2000 रुपये देने पड़ते हैं. इस तरीके का भ्रष्टाचार उनकी विधानसभा में हो रहा है लेकिन उसकी सुनवाई नहीं है. उन्होंने कहा कि उनकी विधानसभा में कांग्रेस कार्यकर्ता मजबूत है, लेकिन विधायक की वजह से कार्यकर्ता की सुनवाई नहीं हो रही है.