जयपुर. राजस्थान में सत्ता और संगठन में परिवर्तन को लेकर हर कोई चर्चा कर रहा है, प्रदेश में सत्ता और संगठन में परिवर्तन की बात महीनों से अटकी हुई है. हालात ये हैं कि राजस्थान में हर दिन राजनीतिक समीकरण बदल रहे हैं.
मंगलवार सुबह तक यह कहा जा रहा था कि राजस्थान में कैबिनेट एक्सपेंशन नवरात्रों में कर लिया जाएगा और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) के 2 अक्टूबर के बाद दिल्ली जाते ही राजस्थान के लिए निर्णय आने शुरू हो जाएंगे. लेकिन मंगलवार को उपचुनाव की घोषणा हुई और दोपहर में पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा (Navjot Singh Sidhu resigns) आने के साथ ही राजस्थान में भी राजनीतिक परिस्थितियां बदल गई हैं.
अब राजस्थान में कोई भी निर्णय लेने से पहले कांग्रेस पार्टी इसके सभी नतीजों पर गौर करेगी. ऐसे में राजस्थान में महज 2 दिनों में ही राजनीतिक परिस्थितियों में परिवर्तन आ गया है और संभव है कि किसी भी निर्णय पर पहुंचने से पहले कांग्रेस पार्टी (Congress Party) अभी राजस्थान में और समय लेगी.
पढ़ें- Assembly Bypoll: आमसभा पर रोक का माकन- डोटासरा ने निकाला तोड़, करेंगे कार्यकर्ता सम्मेलन
सिद्धू के इस्तीफे से पायलट कैंप में निराशा
नवजोत सिंह सिद्धू ने महज 2 महीने में ही पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस आलाकमान (Congress high command) के सिद्धू को अध्यक्ष बनाने के निर्णय पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. ऐसे में अब कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान के तौर पर राहुल गांधी राजस्थान में सचिन पायलट को लेकर कोई निर्णय जल्दबाजी में नहीं करेंगे.
सचिन पायलट के भविष्य का फैसला भी अब एक बार फिर होल्ड पर जाता हुआ दिखाई दे रहा है. पायलट कैंप के नेता खुलकर इस बात को स्वीकार नहीं कर रहे हैं, लेकिन हकीकत यही है कि सिद्धू के फैसले से राजस्थान में पायलट कैंप (pilot camp) में निराशा का माहौल है और गहलोत कैंप उत्साहित है.