जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने रीट-2021 (REET-2021) में हुए कथित पेपर लीक मामले में दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया है. अदालत ने याचिकाकर्ता को कहा है कि वह मामले में एकलपीठ के समक्ष याचिका पेश कर सकता है. न्यायाधीश गोवर्धन बाढ़दार और न्यायधीश मनोज व्यास ने यह आदेश भागचंद की जनहित याचिका पर दिए.
सुनवाई के दौरान राज्य सरकार और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ता खुद भर्ती में शामिल हुआ था. ऐसे में यदि उसे कोई आपत्ति थी तो वह एकलपीठ के समक्ष जा सकता था. इसलिए जनहित याचिका को खारिज किया जाए.
याचिका में कहा गया है कि भर्ती परीक्षा के पूर्व ही अनाधिकृत लोगों के पास पेपर आ गया था. वहीं कई परीक्षा केन्द्रों पर दिए गए पेपर की सील खुली हुई थी और बुक नंबर भी मार्कर से बदले हुए थे. पेपर लीक होने से परीक्षा की विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं. याचिका में कहा गया कि माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने रीट परीक्षा की मॉनिटरिंग के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर सीसीटीवी लगाए थे, लेकिन राज्य सरकार की ओर से इंटरनेट पर रोक के चलते इन कैमरों का उपयोग ही नहीं हो सका.
गहलोत सरकार ने रीट पेपर आउट होने के चलते ही कई अफसरों का निलंबन किया है, जो कि इस भर्ती में अनियमितता को उजागर करता है. इसलिए मामले की किसी भी केन्द्रीय जांच एजेंसी से निष्पक्ष जांच करवाई जाए. वहीं, मामले की सुनवाई होने तक अंतरिम आदेश के जरिए इसके परिणाम जारी करने पर रोक लगाई जाए.