जयपुर. राजस्थान फार्मेसी काउंसिल में फार्मासिस्ट भर्ती को लेकर बीते दिनों फर्जी डिग्री के मामले सामने आ रहे थे. ऐसे में फर्जी डिग्री बांटने वालों और इनका उपयोग करने वालों पर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने सख्त रूख अपना लिया है. जिसके तहत अब फर्जी डिग्री बांटने और इनका उपयोग करने वालों पर अपराधिक मुकदमे दर्ज किए (Action against fake degree and diploma) जाएंगे.
करीब 3 महीने पहले राजस्थान फार्मेसी काउंसिल ने फार्मासिस्ट भर्ती के लिए करवाए गए रजिस्ट्रेशन में से 46 डिग्री और डिप्लोमा फर्जी पाई गए. जिसके बाद काउंसिल ने संबंधित बोर्ड और विश्वविद्यालयों को इसकी सूचना भेजी थी. इसके अलावा हाल ही में एक बार फिर 33 छात्रों की डिग्री और डिप्लोमा फर्जी पाए गए. जब इस तरह के फर्जी डिग्री और डिप्लोमा की जानकारी फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया तक पहुंची तो काउंसिल ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि भर्तियों के दौरान यदि कोई विश्वविद्यालय फर्जी डिग्री या डिप्लोमा जारी करता है, तो उन पर आपराधिक मुकदमे दर्ज किए (Criminal cases against fake degree and diploma) जाएंगे.
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इंडियन फार्मासिस्ट एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सर्वेश्वर शर्मा का कहना है कि फर्जी डिप्लोमा और डिग्री देने वाले विश्वविद्यालयों पर कार्रवाई को लेकर हम लगातार आंदोलन कर रहे हैं. स्थिति यह है कि देशभर में चंद रुपए देकर फार्मेसी की डिग्री प्राप्त की जा रही है. ऐसे में काउंसिल ने अब इसे लेकर नियम बना दिए हैं. जिसके तहत आपराधिक मुकदमे दर्ज किए जाएंगे. इसे लेकर फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. मोंटू कुमार पटेल निर्देश पर काउंसिल की रजिस्ट्रार अर्चना मुगल ने आदेश जारी किए हैं.
प्रदेश की स्थिति यह : राजस्थान फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार नवीन सांघी का कहना है कि पिछले 3 महीने में तकरीबन 79 मामलों में डिग्री और सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं. इनमें सर्वाधिक फर्जी डिग्री और डिप्लोमा के मामले बाहरी राज्यों से सामने आ रहे हैं. दरअसल, भर्ती के लिए रजिस्ट्रेशन करने वाले आवेदक फर्जी डिग्री डिप्लोमा लगा रहे हैं.