जयपुर. प्रदेश की आबोहवा लगातार खराब हो रही है. खासकर राजधानी जयपुर में बढ़ते वाहनों से निकल रहा जहरीला धुआं प्रदूषण बढ़ा रहा है. वहीं आमजन की जेब पर पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम का भी भार बढ़ रहा है. इन दोनों ही समस्याओं से निपटने का सबसे बड़ा साधन है ई-व्हीकल (People interest towards electric vehicles in Rajasthan) जो शहर को बचा सकते हैं. इनसे न केवल पेट्रोल-डीजल बचेगा, बल्कि शहर की आबोहवा भी सुधरेगी. राजस्थान में एक साल में करीब 11 हज़ार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री हुई है. इनमें तीन हजार से ज्यादा ई रिक्शा, इसके अलावा दुपहिया और चौपहिया वाहन शामिल हैं.
ई-व्हीकल की इस बढ़ती संख्या के साथ अब सबसे ज्यादा जरूरत इनके चार्जिंग स्टेशन की महसूस होने लगी है. ई-व्हीकल के लिए सरकार अब शहरों में आधारभूत ढांचा विकसित करने पर फोकस कर रही है. मुख्य रूप से प्रदेश सरकार का ध्यान टूरिस्ट सिटी जयपुर और उदयपुर पर है. राजधानी में 75 स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनवाए जाएंगे. वहीं उदयपुर में 37 इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.
सरकार दे रही ई-व्हीकल खरीद पर अनुदान
राजस्थान में ई-व्हीकल को खरीदने पर राज्य सरकार अनुदान भी दे रही है. अब अनुदान देने की तारीख को 1 साल और बढ़ाया गया है. राज्य सरकार ई-व्हीकल के विक्रेताओं को स्टेट जीएसटी का पुनर्भरण और एकमुश्त अनुदान का लाभ 31 मार्च 2023 से देगी. इस संबंध में परिवहन विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं. इसके तहत एसजीएसटी राशि का पुनर्भरण सभी प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों पर किया जाएगा. वहीं एकमुश्त अनुदान राशि दुपहिया और तिपहिया इलेक्ट्रिक वाहनों पर बैटरी क्षमता के अनुसार दी जाएगी.
चार्जिंग स्टेशन के लिए 6 रुपए यूनिट से बिजली
प्रदेश में इलेक्ट्रिकल व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग ने बड़ी पहल करते हुए इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए दिशा-निर्देश तय कर दिए हैं. आयोग की ओर से जारी आदेश में पब्लिक चार्जिंग स्टेशन के लिए 6 रुपए प्रति यूनिट की दर तय की गई है. मतलब चार्जिंग स्टेशनों को अब इसी दर पर बिजली उपलब्ध होगी. साथ ही इस पूरे काम के लिए जयपुर डिस्कॉम को नोडल एजेंसी भी बनाया गया है. जो आमजन के लिए चार्जिंग के दाम तय करने का काम करेगी. आयोग की ओर से जारी किए गए आदेश में बिजनेस मॉडल के रूप में डिस्कॉम खुद चार्जिंग स्टेशन लगा सकता है या फिर पीपीपी मॉडल पर किसी एजेंसी के साथ साझेदारी कर सकता है. इसके अलावा निजी क्षेत्र में भी लोग स्टेशन लगा सकेंगे.
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जयपुर में यहां बना रहे चार्जिंग स्टेशन
राजधानी में विभिन्न सामुदायिक भवन, वैशाली नगर और विद्याधर नगर के नेशनल हैंडलूम पार्किंग, सावन भादो पार्क, सांगानेर फ्लाईओवर, किशन बाग, जल महल पार्किंग, मसाला चौक में चार्जिंग स्टेशन बनेंगे. साथ ही नेहरू गार्डन, सेंट्रल पार्क, बजरी मंडी रोड, वुडलैंड पार्क, शिप्रा पथ स्थित लैंडस्केप पार्क, पत्रकार कॉलोनी, शूटिंग रेंज, अक्षय पात्र, सीकर रोड स्थित न्यू ट्रांसपोर्ट नगर सहित 75 स्थानों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए चार्जिंग स्टेशन बनवाए जा रहे हैं.
इस संबंध में जेडीसी ने बताया कि इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रमोट करने के लिए जो इंफ्रास्ट्रक्चर है, उसमें चार्जिंग स्टेशन सबसे महत्वपूर्ण कंपोनेंट है. 75 स्थानों को चिह्नित करके चार्जिंग स्टेशन बनाने का प्रपोजल राज्य सरकार को भेज दिया गया है. अनुमति मिलने के साथ ही पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग के माध्यम से चार्जिंग स्टेशन लगवाए जाएंगे. कोशिश यही रहेगी कि शहर के हर पॉइंट पर इलेक्ट्रिक व्हीकल को चार्जिंग करने की सुविधा मिल सके. यहां टू व्हीलर, थ्री व्हीलर, फोर व्हीलर यहां तक की इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट को चार्ज करने का भी प्रावधान रहेगा.
ई-रिक्शा बने लाइफ लाइनः शहर के परकोटे में चलने वाले ई-रिक्शा पब्लिक ट्रांसपोर्ट की नई लाइफ लाइन बन गए हैं. सस्ता और इको फ्रेंडली ई रिक्शा की संख्या 6 साल में 4 हज़ार से बढ़कर 17 हजार के पार पहुंच चुकी है. इसका एक बड़ा कारण कोविड-19 के दौर में बढ़े बेरोजगारों को भी माना जा रहा है. जिन्होंने अपनी आजीविका चलाने के लिए ई-रिक्शा को नया साधन बनाया. इसी क्रम में अब लोग पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों की मार से बचने के लिए टू व्हीलर और फोर व्हीलर भी खरीद रहे हैं.