जयपुर. दिवाली का त्योहार खुशियों और रोशनी का त्योहार है. सारे ही त्योहारों में मिठाई अपनी अलग भूमिका अदा करती है, लेकिन इस बार शहर के बाशिंदे कोरोना और मिलावट के चलते बाजार की मिठाइयों से परहेज कर रहे हैं. जिस वजह से कई लोग घरों में ही मिठाई बना रहे हैं. वहीं, कुछ लोगों ने गजक और ड्राई फ्रूट्स का रुख किया है.
बाजार में दिखने वाली भीड़ देखकर लग रहा है कि लोगों में कोरोना का डर धीरे-धीरे खत्म हो रहा है, लेकिन अभी भी बहुत सारे लोग ऐसे हैं जो कोविड-19 संक्रमण से बचाव का प्रयास कर रहे हैं. ऐसे ही प्रयासों में शामिल है, दिवाली के अवसर पर घरों में ही मिठाई बनाना. लोग इस बार घर पर ही मूंगफली पाक, गोले की बर्फी और बेसन चक्की बना रहे हैं. उनकी माने तो कोरोना का डर अभी भी मौजूद है. चूंकि ये पर्व खुशियों का है, ऐसे में अपनों के बीच संक्रमण का प्रसार करने से बेहतर है घर की बनी मिठाई ही खाए.कोरोना का प्रभाव मिठाइयों की दुकानों पर भी नजर आ रहा है.
मिठाई विक्रेता की सेल इस बार 50 फीसदी ही रह गई है. उनकी माने तो पहले जो लोग 2 किलो मिठाई लेकर जाते थे. वो 1 किलो लेकर जा रहे हैं. यही वजह है कि इस बार मिठाई बनाने की क्वांटिटी भी कम रखी गई है.
लोग अपने दोस्तों-रिश्तेदारों के घर मिठाई की जगह दूसरे सुरक्षित और स्वादिष्ट फूड्स देने की सावधानी भी बरत रहे हैं. ताकि हर तरह के संक्रमण से सुरक्षा रहे और त्योहार की मिठास भी फीकी ना पड़े. यही वजह है कि बाजार में ड्राई फ्रूट्स और गजक आदि को लोगों को ज्यादा भा रहे हैं.
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लोगों की माने तो इसमें ना तो मिलावटी मावे की शिकायत आएगी, और ना ही संक्रमण की. बल्कि ड्राई फ्रूट्स तो इम्यूनिटी बूस्टर का भी काम करते हैं. जबकि तिल गुड़ से बनी गजक सुरक्षित है और लोगों की पसंद बनी हुई है.
अपने घरों में खुशियों का दीपक जलाने को तैयार शहरवासी इस बार घर की बनी मिठाई, गजक और ड्राई फ्रूट से अपना मुंह मीठा कर रहे हैं. दीपावली पर अपनों को कोरोना संक्रमण से बचाव के चलते बाजार की मिठाई देने से बच रहे हैं.