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SPECIAL : पॉक्सो कोर्ट: 57 अदालतों में लगभग 6800 मामले पेंडिंग...मकसद से भटक रही विशेष अदालतें

प्रदेश में यौन पीडितों को तत्काल न्याय दिलाने के लिए पॉक्सो अदालतों का गठन किया था. लेकिन उदासीनता के चलते पीडितों को न सिर्फ न्याय मिलने में देरी हो रही है बल्कि कई मामलों में आरोपी कानून के चुंगल से बच निकलते हैं.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
पॉक्सो कोर्ट का हाल बेहाल
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Published : Mar 25, 2021, 9:12 PM IST

Updated : Mar 25, 2021, 9:40 PM IST

जयपुर. बच्चों और बालिकाओं के यौन शोषण के मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए हर जिले में अलग से पॉक्सो कोर्ट खोली गई हैं. इन अदालतों को खोलने का मकसद ट्रायल के दौरान पीड़ितों को सहज माहौल भी उपलब्ध कराना था. लेकिन पॉक्सो कानून की मंशा के विपरीत इन अदालतों में संसाधनों का अभाव है. देखिये यह रिपोर्ट...

पॉक्सो कोर्ट का हाल बेहाल

इन अदालतों में अलग से कक्ष न होने के चलते बयानों के लिए आने वाली पीड़िताओं के लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था तक नहीं है. ऐसे में उन्हें सबके सामने खुले में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. इससे न केवल उनमें डर पैदा होता है, बल्कि उनकी पहचान भी सार्वजनिक हो जाती है.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
राजस्थान में पॉक्सो कोर्ट

57 अदालतों में 6800 मामले लंबित

प्रदेश में पॉक्सो कोर्ट्स की बात की जाए तो यहां कुल 57 विशेष न्यायालय हैं. मुकदमों की संख्या को देखते हुए जयपुर शहर में 6 और जिले में 1 पॉक्सो कोर्ट है. इन अदालतों में करीब 6800 मुकदमे लंबित चल रहे हैं. इनमें से कई जगह को ये नाम के विशेष न्यायालय हैं. इनमें पॉक्सो के साथ-साथ आईपीसी और किशोर न्याय अधिनियम के मुकदमों की ट्रायल भी हो रही है.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
पीड़िताओं के बयान लेने के लिए अलग कक्ष नहीं

पढ़ें- दुष्कर्म के मामले में सौतेले पिता को आजीवन कारावास, सवा लाख का अर्थ दंड भी लगाया

कई प्रावधान, लेकिन सिर्फ कागजों में

पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए विशेष लोक अभियोजनक ललिता संजीव महरवाल ने बताया कि अधिनियम के तहत पीडिता से जिरह नहीं की जा सकती. यदि अभियोजन पक्ष या बचाव पक्ष का अधिवक्ता पीड़ित से कोई सवाल करना चाहता है तो वह अपने प्रश्न कोर्ट को लिखित में देगा.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
पॉक्सो में दर्ज मामले

वहीं पीठासीन अधिकारी पीड़ित से दोस्ताना व्यवहार करते हुए इनका जवाब लेंगे. लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता सीधे पीड़ित से जिरह करते हैं. जिससे अधिकांश बार पीड़ित सहम कर रह जाती हैं.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
प्रावधानों का नहीं हो रहा पालन

प्रावधान तो यहां तक हैं कि इन विशेष न्यायालयों को मुख्य कोर्ट परिसर से दूर बनाया जाए. लेकिन सभी प्रावधान कागजों तक ही सीमित हैं. इसके साथ ही इन कोर्ट्स के सरकारी वकीलों को कोई खास सुविधा नहीं दी जाती. जयपुर शहर की बात की जाए तो न्याय विभाग से सरकारी वकीलों को फर्नीचर आवंटित हुआ था. लेकिन अलग से जगह नहीं होने के कारण सरकारी वकीलों ने फर्नीचर लिया ही नहीं.

पढ़ें-5 साल की मासूम बच्ची से Rape के आरोपी को फांसी की सजा, कोर्ट ने महज 17 दिन में सुनाया फैसला

न पुलिस का सहयोग, न एफएसएल रिपोर्ट समय पर

पॉक्सो मामलों में पैरवी करने वाली शिल्पा शर्मा का कहना है कि पॉक्सो के मामलों में अनुसंधान अधिकारी सक्रिय भूमिका में नहीं रहते हैं. कई मामलों में तो अभियोजन पक्ष को पूरे दस्तावेज भी नहीं दिए जाते. वहीं तय समय में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण आरोपी पक्ष को जमानत मिलने में आसानी हो जाती है.

जयपुर. बच्चों और बालिकाओं के यौन शोषण के मामलों में त्वरित सुनवाई के लिए हर जिले में अलग से पॉक्सो कोर्ट खोली गई हैं. इन अदालतों को खोलने का मकसद ट्रायल के दौरान पीड़ितों को सहज माहौल भी उपलब्ध कराना था. लेकिन पॉक्सो कानून की मंशा के विपरीत इन अदालतों में संसाधनों का अभाव है. देखिये यह रिपोर्ट...

पॉक्सो कोर्ट का हाल बेहाल

इन अदालतों में अलग से कक्ष न होने के चलते बयानों के लिए आने वाली पीड़िताओं के लिए अलग से कक्ष की व्यवस्था तक नहीं है. ऐसे में उन्हें सबके सामने खुले में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. इससे न केवल उनमें डर पैदा होता है, बल्कि उनकी पहचान भी सार्वजनिक हो जाती है.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
राजस्थान में पॉक्सो कोर्ट

57 अदालतों में 6800 मामले लंबित

प्रदेश में पॉक्सो कोर्ट्स की बात की जाए तो यहां कुल 57 विशेष न्यायालय हैं. मुकदमों की संख्या को देखते हुए जयपुर शहर में 6 और जिले में 1 पॉक्सो कोर्ट है. इन अदालतों में करीब 6800 मुकदमे लंबित चल रहे हैं. इनमें से कई जगह को ये नाम के विशेष न्यायालय हैं. इनमें पॉक्सो के साथ-साथ आईपीसी और किशोर न्याय अधिनियम के मुकदमों की ट्रायल भी हो रही है.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
पीड़िताओं के बयान लेने के लिए अलग कक्ष नहीं

पढ़ें- दुष्कर्म के मामले में सौतेले पिता को आजीवन कारावास, सवा लाख का अर्थ दंड भी लगाया

कई प्रावधान, लेकिन सिर्फ कागजों में

पॉक्सो अधिनियम के प्रावधानों का उल्लेख करते हुए विशेष लोक अभियोजनक ललिता संजीव महरवाल ने बताया कि अधिनियम के तहत पीडिता से जिरह नहीं की जा सकती. यदि अभियोजन पक्ष या बचाव पक्ष का अधिवक्ता पीड़ित से कोई सवाल करना चाहता है तो वह अपने प्रश्न कोर्ट को लिखित में देगा.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
पॉक्सो में दर्ज मामले

वहीं पीठासीन अधिकारी पीड़ित से दोस्ताना व्यवहार करते हुए इनका जवाब लेंगे. लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ नहीं है. बचाव पक्ष के अधिवक्ता सीधे पीड़ित से जिरह करते हैं. जिससे अधिकांश बार पीड़ित सहम कर रह जाती हैं.

Rajasthan Posco Court,  Posco court flaws,  Pending cases in Posco courts in Rajasthan
प्रावधानों का नहीं हो रहा पालन

प्रावधान तो यहां तक हैं कि इन विशेष न्यायालयों को मुख्य कोर्ट परिसर से दूर बनाया जाए. लेकिन सभी प्रावधान कागजों तक ही सीमित हैं. इसके साथ ही इन कोर्ट्स के सरकारी वकीलों को कोई खास सुविधा नहीं दी जाती. जयपुर शहर की बात की जाए तो न्याय विभाग से सरकारी वकीलों को फर्नीचर आवंटित हुआ था. लेकिन अलग से जगह नहीं होने के कारण सरकारी वकीलों ने फर्नीचर लिया ही नहीं.

पढ़ें-5 साल की मासूम बच्ची से Rape के आरोपी को फांसी की सजा, कोर्ट ने महज 17 दिन में सुनाया फैसला

न पुलिस का सहयोग, न एफएसएल रिपोर्ट समय पर

पॉक्सो मामलों में पैरवी करने वाली शिल्पा शर्मा का कहना है कि पॉक्सो के मामलों में अनुसंधान अधिकारी सक्रिय भूमिका में नहीं रहते हैं. कई मामलों में तो अभियोजन पक्ष को पूरे दस्तावेज भी नहीं दिए जाते. वहीं तय समय में एफएसएल रिपोर्ट नहीं मिलने के कारण आरोपी पक्ष को जमानत मिलने में आसानी हो जाती है.

Last Updated : Mar 25, 2021, 9:40 PM IST
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